सीएफएलडी का सोहना में आईटी पार्क विकसित करने की योजना
चार हजार करोड़ के निवेश में अधिक हिस्सेदारी चाहती है हरियाणा सरकार
चण्डीगढ़ : हरियाणा के सोहना में चीन की बड़ी कंपनी चाइना फॉच्र्यून लैण्ड डेवल्पमेंट (सीएफएलडी) ने चार हजार करोड़ रुपए के निवेश से आईटी पार्क विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं सीएफएलडी के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें इस प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया गया. बताया जाता है कि कम्पनी के अधिकारियों ने सीएम के समक्ष अपने निवेश प्रस्ताव का पूरा व्योरा रखा. सीएम ने इस प्रस्ताव की सराहना तो की लेकिन अन्य निवेशकों को प्रतियोगिता में आकर्षित करने के लिए इसे स्विस चैलेंज में डालने की बात की.
नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में करीब एक घण्टे चली इस विशेष बैठक में हरियाणा सरकार के के उद्योग विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र सिंह, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक सुधीर राजपाल, उद्योग विभाग के चीफ कोऑर्डिनेटर सुनील शर्मा, सीएफएलडी के प्रेजीडेंट जेरी झाओ, जोशुआ सहित कई वरिष्ठ आधिकारी भी मौजूद थे.
क्या है स्विस चैलेंज ?
इस सम्बन्ध में सीएम मनोहर लाल ने कहा है कि चीन की सीएफएलडी कंपनी की योजना हरियाणा के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी। इस प्रस्ताव के सिरे चढऩे पर राज्य में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने परियोजना के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि इस परियोजना में राजस्व का तीन प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी देने वाली कंपनियों को भी अवसर मिलेगा। इस परियोजना को स्विस चैलेंज में भी डाला जाएगा। जिससे अन्य कंपनियों को भी आगे आने का अवसर मिलेगा।उल्लेखनीय है कि स्विस चैलेंज में सबसे पहले प्रस्ताव देने वाली कम्पनी के पूरे प्रोजेक्ट को ओन लाइन डाला जायगा और इसमें अन्य इच्छुक कमानियों से सुझाव मांगे जायेंगे. अगर उन सुझावों पर पहली कम्पनी काम करने को तैयार हो जाएगी तो उन्हें ठेका दिया जाएगा अन्यथा इसे बेहतर प्रस्ताव व निवेश वाली तीसरी किसी कम्पनी को ठेका दिया जा सकता है.
हिस्सेदारी बढाने के लिए बारगेनिंग
चर्चा है कि सीएम मनोहर लाल इस प्रस्ताव को हरियाणा में लाना तो चाहते हैं लेकिन सरकार की हिस्सेदारी अधिक चाहते हैं. इसलिए इसे स्विस चैलेंज में डाल कर दूसरे निवेशकर्ताओं को आकर्षित कर सरकार की हिस्सेदारी बढाने के लिए बारगेनिंग करना चाहते है. गौरतलब है कि स्विस चैलेंज मेथड को देश के सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी बड़े निवेश के लिए ठेका छोड़ने हेतु एप्रूव किया है और आँध्रप्रदेश, बिहार, कर्नाटक, मध्यप्रदेश जैसे कई राज्य ठेका छोड़ने के लिए इसी मेथड का उपयोग कर रहे हैं. दूसरी तरफ इतने बड़े निवेश के प्रस्ताव को लेकर स्विस चैलेंज मेथड से सरकार की निष्पक्षता को बनाये रखा जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि आगामी 10-11 जनवरी को गुरुग्राम में प्रवासी हरियाणा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सीएम को उम्मीद है कि इसमें 500 से अधिक हरियाणा से संबंध रखने वाले प्रवासी भारतीय भागीदारी करेंगे और दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में हरियाणा में बड़े निवेश के और प्रस्ताव आयेंगे.
160 एमओयू को अब तक अंतिम रूप दिया जा चुका
मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां हरियाणा में पूंजी निवेश के लिए तैयार हैं . इज ऑफ डूइंग बिजनेस में हरियाणा देश के पांच अग्रणी राज्यों में शामिल है. राज्य सरकार ने उद्योग स्थापित करने वालों को प्रोत्साहन देने के लिए नई उद्योग प्रोत्साहन नीति भी तैयार की है। उद्यमियों को राज्य में उद्यम स्थापित करने के लिए एक छत के नीचे सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। हरियाणा में उद्योगों को ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। गत वर्ष गुरुग्राम में हुए हैपनिंग हरियाणा इंवेस्टर्स सम्मिट में समझौतों में से 160 एमओयू को अब तक अंतिम रूप दिया जा चुका है। आकलन है कि इससे 80,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा. कुछ और एमओयू पर काम चल रहा है.