भारतीय तटरक्षक बल कल अपना 46वां स्थापना दिवस मनाएगा

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नई दिल्ली :    भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) 01 फरवरी, 2022 को अपना 46वां स्थापना दिवस मनाएगा। 1978 में केवल 7 जमीनी प्लेटफार्मों के साथ एक साधारण शुरुआत से आज आईसीजी 158 जहाजों और 70 विमानों के साथ एक अजेय सेना बन चुका है और 2025 तक 200 जमीनी प्लेटफार्मों और 80 विमानों के लक्षित बल प्राप्त करने की संभावना है। दुनिया में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट को सुरक्षित करने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पिछले एक साल में आईसीजी ने समुद्र में 1200 से अधिक लोगों की जान बचाई है और अपनी स्थापना के बाद से अब तक 11,000 से अधिक लोगों की जान बचा चुकी है। “नागरिक प्राधिकरण को सहायता” के अभियानों जैसे बाढ़ के दौरान स्थानीय प्रशासन को सहायता, चक्रवात और अन्य प्राकृतिक आपदाएं, हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में आई बाढ़ में बल ने अब तक लगभग 13,000 कर्मियों को बचाया है। कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद आईसीजी प्रतिदिन लगभग 50 जहाजों और 12 विमानों को तैनात करके विशेष आर्थिक क्षेत्र में चौबीसों घंटे निगरानी रखता है।

अपने क्षेत्र में समुद्री मार्गों के माध्यम से तस्करी की रोकथाम करना भारतीय तटरक्षक बल के प्राथमिक कर्तव्यों में से एक है। पिछले एक साल में बल ने करीब 4,000 करोड़ रुपये के ड्रग्स और प्रतिबंधित पदार्थ को जब्त किया है। आईसीजी ने अपनी स्थापना के बाद से लगभग 12,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स और प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किए हैं।

इसके अलावा अब तक आईसीजी ने विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में अवैध गतिविधियों में शामिल 13,000 से अधिक मल्लाहों का जत्था और 1500 से अधिक नावों को पकड़ा है। 2021 में आईसीजी ने चालीस विदेशी चालक दल और सात नावों को पकड़ा था। यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने और अपने अधिकार वाले क्षेत्र के साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए तटवर्ती देशों के साथ सहयोग भी करता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “सागर” दृष्टिकोण के अनुरूप क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास और ‘पड़ोसी पहले’, इस पर भारतीय तटरक्षक बल ने महासागरों में व्यावसायिक संबंधों का विकास किया है और महासागर शांति स्थापना के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ संबंध स्थापित किए हैं।

आईसीजी ने हाल ही में श्रीलंका तट पर “सागर आरक्षा-II” से रासायनिक वाहक एमवी एक्स-प्रेस पर्ल जहाज पर आग बुझाकर प्रमुख पारिस्थितिक आपदाओं को सफलतापूर्वक टाल दिया और प्रमुख अग्निशमन व प्रदूषण प्रतिक्रिया अभियान शुरू करके इस क्षेत्र में ‘प्रथम उत्तरदाता या प्रतिक्रियाकर्ता’ के रूप में उभरा है।

भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्री और नागरिक उड्डयन खोज और बचाव (एसएआर) तंत्र में सामंजस्य स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड की बैठक भी आयोजित की। यह मजबूत तटीय सुरक्षा तंत्र स्थापित करने के लिए केंद्र और राज्य की एजेंसियों के साथ निकट समन्वय बनाकर काम करता है। आजादी का अमृत महोत्सव उत्सव के तहत 15 अगस्त, 2021 को आईसीजी की क्षमता का प्रदर्शन किया गया जब 100 बसे हुए और दूर-दराज के निर्जन द्वीपों पर ध्वजारोहण किया था।

आईसीजी स्वदेशी संपत्तियों को शामिल करने में अग्रणी रहा है, जिसने इसे पूरे वर्ष परिचालन रूप से सक्रिय और उत्तरदायी बने रहने में सक्षम बनाया है। काविड-19 महामारी के बावजूद इसने पिछले एक साल में अपने बेड़े में पांच नई पीढ़ी के जहाज और आठ उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर जोड़े हैं। यह प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” के बेहतरीन उदाहरण हैं।

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने समुद्री क्षेत्रों में राष्ट्र के हितों को सुरक्षित करने में निभाई गई उल्लेखनीय भूमिकाओं और सेवाओं की सराहना करते हुए भारतीय तटरक्षक बल को राष्ट्र के लिए उसकी उत्कृष्ट सेवा को लेकर बधाई दी है।

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