लंबी अवधि के विकास पर नजर रखने, तुलना करने और प्रतिनिधित्व करने के लिए भू-स्थानिक आंकड़े और मानचित्रण तकनीकों का प्रयोग किया गया : सर्वेक्षण
मानचित्रण तकनीक में सुधार के अलावा उपग्रहों, ड्रोन और मोबाइल फोन से एकत्र की गई जानकारियों का उपयोग
भारत में भौतिक एवं वित्तीय अवसंरचना का विश्लेषण करने के लिए भू-स्थानिक और मानचित्रण आंकड़ों को उपयोग किया गया
आर्थिक गतिविधियों और विकास पर नजर रखने के लिए शहरों के मेट्रो-रेल नेटवर्क का भी प्रयोग किया जा सकता है
सर्वेक्षण में वार्षिक जल भंडारण चक्र, जनसंख्या घनत्व, शहरी विस्तार और बंजर भूमि के पुनर्नियोजन की भी तुलना की गई
नई दिल्ली : केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2021-22 पेश करते हुए कहा कि इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण का एक महत्वपूर्ण विषय आर्थिक गतिविधि एवं विकास पर नजर रखने के लिए आंकड़ा तथा सूचना के नए रूपों का उपयोग है। वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने इस पर जोर देते हुए कहा कि लंबी अवधि के विकास पर नजर रखने, तुलना करने और प्रतिनिधित्व करने के लिए भू-स्थानिक आंकड़े और मानचित्रण तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है।
सर्वेक्षण में प्रवृत्ति, संबंध तथा प्रतिरूप को बेहतर ढंग से समझने के लिए आंकड़े की कल्पना करने में भू-स्थानिक मानचित्रों के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। मानचित्रण तकनीक में महत्वपूर्ण सुधार के अलावा उपग्रहों, ड्रोन, मोबाइल फोन तथा अन्य स्रोतों से एकत्र की गई जानकारियों की उपलब्धता हमें जनहित में इस आंकड़े का बेहतर उपयोग करने में मदद करती है।
यह आर्थिक सर्वेक्षण भू-स्थानिक आंकड़े को चित्रित करने के कुछ रोचक तरीकों को दिखाता है:
- 2012 और 2021 के बीच रात्रि-समय चमक संबंधी आंकड़ों की तुलना
रात्रि-समय की चमक बिजली आपूर्ति के विस्तार, जनसंख्या के भौगोलिक वितरण तथा आर्थिक गतिविधि, शहरी विस्तार के साथ-साथ शहरी केन्द्रों के बीच रिबन विकास के संवृद्धि का एक रोचक प्रतिनिधित्व प्रदान करती है।
भारत रात्रि-समय चमक 2012 भारत रात्रि-समय चमक 2021
- राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार
भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क अगस्त, 2021 तक बढ़कर 1,40,152 किलोमीटर हो गया है, जो कि अगस्त, 2011 में 71,772 किलोमीटर था।
भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क
(अगस्त 2011 तक) (अगस्त 2021 तक)
- 2016 और 2021 के बीच भारत में संचालित हवाई अड्डों की संख्या की तुलना
देश में संचालित हवाई अड्डों (उड़ान-पूर्व) की संख्या दिसम्बर, 2021 तक बढ़कर 130 हो गई, जो कि नवम्बर, 2016 में 62 थी।
संचालित हवाई अड्डों की संख्या संचालित हवाई अड्डों की संख्या
(नवम्बर 2016 तक) (दिसम्बर 2021 तक)
- 2011 और 2021 के बीच मेट्रो-रेल नेटवर्क की तुलना
सर्वेक्षण में विभिन्न शहरों के मेट्रो-रेल नेटवर्क का भी अध्ययन किया गया है, जिनके आंकड़े का उपयोग आर्थिक गतिविधि और विकास पर नजर रखने के लिए किया जा सकता है।
- 2011 और 2021 के बीच दिल्ली मेट्रो-रेल नेटवर्क
दिल्ली मेट्रो-रेल नेटवर्क 2011 दिल्ली मेट्रो-रेल नेटवर्क 2021
दिल्ली मेट्रो-रेल नेटवर्क की कुल लंबाई बढ़कर दिसम्बर, 2021 तक 390.14 किलोमीटर हो गई और नेटवर्क के अंतर्गत संचालित स्टेशनों की कुल संख्या 286 हो गई है, जबकि दिसम्बर, 2011 तक इसकी कुल लंबाई 196.35 किलोमीटर थी और इसके अंतर्गत संचालित स्टेशनों की संख्या 145 थी।
- 2011 और 2021 के बीच बेंगलुरु मेट्रो-रेल नेटवर्क
बेंगलुरु मेट्रो-रेल नेटवर्क 2011 बेंगलुरु मेट्रो-रेल नेटवर्क 2021
बेंगलुरु मेट्रो-रेल नेटवर्क में दिसम्बर, 2011 तक 6.7 किलोमीटर की लंबाई के साथ सिर्फ 6 स्टेशन थे, जो दिसम्बर, 2021 तक 56.2 किलोमीटर की लंबाई के साथ 52 संचालित स्टेशन हो गए हैं।
“आर्थिक गतिविधि एवं विकास पर नजर रखने के लिए आंकड़ा तथा सूचना के नए रूपों” का उपयोग करने के विषय पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए इस आर्थिक सर्वेक्षण में वार्षिक जल भंडारण, विभिन्न शहरों के जनसंख्या घनत्व, खरीफ फसल चक्र और बंजर भूमि के पुनर्नियोजन सहित कई अन्य चीजों के उपग्रह चित्रों का उपयोग करते हुए एकत्र किए गए आंकड़े/सूचनाओं को भी प्रस्तुत किया गया है।