Font Size
गुरुग्राम, 29 नवंबर। गुरुग्राम जिला में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बंद की गई निर्माण गतिविधियों के नियम को कड़ाई से लागू किया जाएगा और कहीं भी नियम का उल्लंघन होता पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ये आदेश उपायुक्त डा. यश गर्ग ने सोमवार को ग्राम एवं नगर योजनाकार विभाग की जिला टास्कफोर्स की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में पड़ने वाले जिलों में वर्तमान में सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशों की पालना में निर्माण गतिविधियों पर अंकुश लगा हुआ है ताकि निर्माण से जुड़ी गतिविधियों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके। उन्होंने बैठक में जिला नगर योजनाकार विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्माण स्थलों को समय-समय पर चैक करते रहें और कहीं भी निर्माण होता दिखाई दे तो संबंधित मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करें।
बैठक में जिला में अवैध रूप से विकसित होने वाली कॉलोनियों पर भी लगाम लगाने के आदेश देते हुए उपायुक्त ने अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में कहा कि जिला में सभी विभाग अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियों अथवा अवैध कॉलोनियों में किए जा रहे निर्माण कार्य को शुरुआती स्तर पर ही रोके। इसके अलावा, बताया गया कि लाइसेंस प्राप्त रिहायशी कॉलोनियों में चल रही अवैध व्यवसायिक गतिविधियां नियमों का उलंघन करने के साथ-साथ वहां रह रहे लोगों को मिल रही बिजली, पानी व सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी प्रभावित कर रही है।
इस पर डॉ गर्ग ने संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष सर्वेक्षण अभियान चला कर ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाए। श्री भाट ने बताया कि नियमानुसार 24 मीटर चौड़ी सड़क या सैक्टर रोड़ की सर्विस लेन पर अनुमति लेकर गेस्ट हाउस खोले जा सकते हैं। अब सरकार ने गेस्ट हाउस संचालकों के लिए दो महीने का विन्डो खोला है, जिस दौरान वे अपने गेस्ट हाउस को नियमित करवा सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि गुरूग्राम शहर में इन सुविधाओं की जरूरत है परंतु ये नियम से संचालित हों। लाईसेंस प्राप्त कॉलोनियों में डीटीपी तथा अन्य कॉलोनियों में नगर निगम इन्हें चैक करेगा।
जिला नगर योजनाकार आर एस भाट ने बताया कि डीएलएफ फेज 3 में ईडब्ल्यूएस प्लाटो पर कई मंजिल के निर्माण करवाकर नियमों का किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में वहां का सर्वेक्षण करवाने पर पाया गया कि लगभग 80 प्रतिशत प्लाटो में उल्लंघन हो रहा है।
उपायुक्त ने इन सभी उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने की हिदायत दी हैं। यदि आवश्यक हो तो पुलिस विभाग ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करें। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि लाईसेंस प्राप्त कॉलोनियों मंे आक्युपेशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद पहली चैकिंग 10 दिन बाद की जाएगी और दूसरी चैकिंग 45 दिन बाद होगी ताकि वहां पर सर्टिफिकेट मिलने उपरांत कोई फेर बदल या अतिरिक्त निर्माण ना हो। श्री भाट ने बताया कि आक्युपेशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद निर्माण करने वाले 4-5 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है और लगभग 50 आक्युपेशन सर्टिफिकेट निरस्त भी किए गए हैं।
बैठक में सरस्वती कुंज में अवैध रूप से बन रहे नए मकानों के मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि सरस्वती कुंज में होने वाले किसी भी नए निर्माण कार्य पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
इस अवसर पर नगराधीश सिद्धार्थ दहिया, डीटीपी आरएस भाट, बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता कुलदीप नेहरा तथा टास्कफोर्स के अन्य सदस्यगण उपस्थित थेे।