क्या ख़ास कहा पीएम मोदी ने देश के नाम ?

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सस्ते होम लोन व छोटे उद्योग के लिए राहत 

किसान क्रेडिट कार्ड रुपे कार्ड में बदले जायेंगे 

सीनियर सिटिजन व गर्भवती महिलाओं को भी तोहफा 

नई दिल्ली:  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में देश की जनता के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी. उन्होंने कहा कि गरीब, निम्न मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग घर खरीद सकें इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में इस वर्ग को नए घर देने के लिए दो नई स्कीम बनाई गई हैं. वर्ष 2017 में घर बनाने के लिए 9 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट और 12 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया. इसके अलावा सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में डिलिवरी, टीकाकरण और पौष्टिक आहार के लिए छह हजार रुपए की मदद देगी। साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों से चुनाव व्यवस्था पर खुली बहस करने का आह्वान किया है.

उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सभी नेता और दल जनता के आक्रोश को समझें और ईमानदार लोगों का आदर करें. ये बात सही है कि राजनीतिक दलों ने समय-समय पर सार्थक प्रयास किए हैं. सभी दलों ने स्वेच्छा से अपने ऊपर बंधनों को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि सभी राजनेता और सभी राजनीतिक दल हॉलियर दैन काऊ से अलग हटकर भ्रष्टाचार और कालेधन से राजनीति को मुक्त कराने में कदम उठाएं. आम लोगों से राष्ट्रपतिजी तक सभी ने साथ-साथ चुनाव कराने को कहा है. आए दिन चल रहे चुनावी चक्र और उससे उत्पन्न बोझ से मुक्ति पाने की बात कही है. अब इस पर सार्थक बहस करने का वक्त आ गया है.

उन्होंने अपने संबोधन में वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक स्कीम शुरू करने की घोषणा की है. बैंक में ज्यादा पैसा आने पर अक्सर डिपॉजिट पर ब्याज घट जाता है. वरिष्ठ नागरिकों पर इसका प्रभाव न हो इसके लिए साढ़े सात लाख रुपए की राशि पर 10 साल के लिए सालाना आठ प्रतिशत ब्याज सुरक्षित किया जाएगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि ब्याज की यह राशि नागरिक हर महीने प्राप्त कर सकेंगे.

मोदी ने कहा कि सरकार का मुद्रा योजना को डबल करने का इरादा है.

पीएम ने कहा कि मैं माताओं-बहनों से भी कहना चाहता हूं कि गर्भवती महिलाओं के लिए देशव्यापी योजना की शुरुआत की जा रही है. देश के सभी 650 से ज्यादा जिलों में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में डिलिवरी, टीकाकरण और पौष्टिक आहार के लिए छह हजार रुपए की मदद देगी. ये राशि सीधे उनके खाते में जमा होगी. देश में माता मृत्यु दर को कम करने में इस योजना से बड़ी सहायता मिलेगी. अभी सिर्फ चार हजार रुपए की मदद 53 जिलों में महिलाओं को दी जा रही है.

पीएम मोदी ने कहा कि एमएसएमई यानी लघु, मध्यम उद्योगों का भी खेती जैसा महत्व है इसलिए सरकार ने तय किया है कि छोटे कारोबारियों के लिए क्रेडिट गारंटी 1 करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए की जाएगी.

भारत सरकार एक ट्रस्ट के जरिए बैंकों को यह गारंटी देती है कि आप छोटे व्यापारियों को लोन दीजिए. गारंटी हम लेते हैं.

इसमें नॅन बैकिंग फाइनेंशियल कंपनियों से दिया गया लोन भी कवर होगा. इससे छोटे दुकानदार, छोटे उद्योगों को मदद मिलेगी. गारंटी का खर्च केंद्र वहन करेगा, इसके चलते कर्ज पर ब्याज दर भी कम होगी. सरकार ने बैंकों को यह भी कहा है कि छोटे उद्योगों के लिए कैश क्रेडिट लिमिट 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करें. डिजिटल ट्रांजैक्शन पर वर्किंग कैपिटल लोन 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने को कहा गया है. नवंबर में इस सेक्टर से जुड़े बहुत लोगों ने कैश डिपॉजिट किया है. बैंकों से यह संज्ञान लेने को कहा गया है.

पीएम ने कहा कि जो कारोबारी साल में दो करोड़ रुपए तक का कारोबार करते हैं, उनके टैक्स की गणना 8 प्रतिशत आय को मानकर की जाती थी. अब वे डिजिटल लेनदेन करेंगे तो 6 प्रतिशत आय मानी जाएगी. इस तरह उनका टैक्स काफी कम हो जाएगा.

मोदी ने कहा कि देश में माहौल बना था कि खेती नहीं हो रही है. लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में रबी की बुवाई में 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. फर्टिलाइजर भी 9 प्रतिशत ज्यादा उठाया गया है. किसानों को दिक्कत ना हो, ये ध्यान रखा गया है. किसान भाइयों के हित में और अहम निर्णय लिए गए हैं. डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक और प्राइमरी सोसायटी से जिन किसानों ने बुवाई के लिए कर्ज लिया था, उस कर्ज के 60 दिन का ब्याज सरकार वहन करेगी और किसानों के खातों में ट्रांसफर करेगी. इनसे और ज्यादा कर्ज किसानों को मिल सके, उसके लिए उपाय किए हैं. नाबार्ड ने पिछले महीने 21 हजार करोड़ की व्यवस्था की थी. सरकार इसे दोगुना करते हुए इसमें 20 हजार करोड़ रुपए और जोड़ रही है. इसे नाबार्ड कम ब्याज पर लोन देगा और नाबार्ड को होने वाले नुकसान को सरकार वहन करेगी. सरकार ने यह भी तय किया है कि अगले तीन महीने में तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदला जाएगा. किसान क्रेडिट कार्ड में एक कमी यह थी कि पैसे निकालने के लिए बैंक जाना पड़ता था. अब जब किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदला जाएगा तो किसान कहीं पर भी अपने कार्ड से खरीद-बिक्री कर पाएगा.

उन्होंने कहा कि गांव, गरीब, किसान, शोषित, वंचित और महिलाएं जितनी सशक्त होंगी, आर्थिक रूप से पैरों पर खड़ी होंगी, देश उतना ही मजबूत बनेगा और विकास होगा. सबका साथ, सबका विकास. इस ध्येय वाक्य को चरितार्थ करने के लिए नववर्ष की पूर्व संध्या पर देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए सरकार कुछ नई योजनाएं ला रही है. स्वतंत्रता के इतने साल बाद भी देश में लाखों गरीबों के पास अपना घर नहीं है। जब अर्थव्यवस्था में कालाधन बढ़ा तो मध्यमवर्ग की पहुंच से घर दूर हो गया था. गरीब, निम्न मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग घर खरीद सकें इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में इस वर्ग को नए घर देने के लिए दो नई स्कीम बनाई गई हैं. इसके तहत 2017 में घर बनाने के लिए 9 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट मिलेगी और 12 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बनने वाले घरों की संख्या को भी बढ़ा दिया है. पहले जितने घर बनते थे, उनसे 33 प्रतिशत ज्यादा घर बनाए जाएंगे. गांव में रहने वाले जो लोग 2017 में अपना घर बनाना चाहते हैं या पुराने घर में एक-दो कमरे या मंजिल बनाना चाहते हैं, उन्हें दो लाख रुपए तक के कर्ज में तीन प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगी.

मोदी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा. पूरी कठोरता से करेगा. सरकार के लिए यह भी प्राथमिकता है कि ईमानदारों को मदद और सुरक्षा कैसे मिले. ईमानदारी की जिंदगी बिताने वालों की कठिनाई कैसे कम हो. ईमानदारी अधिक प्रतिष्ठित कैसे हो. ये सरकार सज्जनों की मित्र है और दुर्जनों को सज्जनता के रास्ते पर लाने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाने के पक्ष में है. ये भी कड़वा सच है कि लोगों को सरकार की व्यवस्था, सरकार के अफसरों और लालफीताशाही के चलते कड़वे अनुभव होते हैं. इस बात से कौन इनकार कर सकता है कि नागरिकों से ज्यादा जिम्मेदारी सरकार में बैठे अफसरों की है.

मैं आपके सामने जानकारी साझा करना चाहता हूं। इसे सुनने के बाद आप या तो हंस पड़ेंगे या गुस्सा फूट पड़ेगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में सिर्फ 24 लाख लोग ये स्वीकारते हैं कि उनकी आय 10 लाख रुपए सालाना से ज्यादा है. क्या किसी देशवासी के गले ये बात उतरेगी? आप भी अपने आसपास बड़ी-बड़ी कोठियां-गाड़ियां देखते होंगे. किसी एक बड़े शहर में आपको सालाना 10 लाख से अधिक आय वाले लाखों लोग मिल जाएंगे. देश की भलाई के लिए ईमानदारी के आंदोलन को अधिक ताकत देने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि बैंक कर्मियों ने दिन-रात एक किया है. महिलाओं ने काम किया है. आपके इस अविरत प्रयास के बीच कुछ बैंकों में कुछ लोगों के गंभीर अपराध भी सामने आए. कहीं-कहीं सरकारी कर्मचारियों ने गंभीर अपराध किए हैं और आदतन फायदा उठाने का निर्लज्ज प्रयास हुआ है. इन्हें बख्शा नहीं जाएगा. देश के बैंकिंग सिस्टम के लिए यह स्वर्णिम अवसर है. मैं देश के सभी बैंकों से आग्रहपूर्वक एक बात कहना चाहता हूं कि इतिहास गवाह है कि हिंदुस्तान की बैंकों के पास इतनी बड़ी मात्रा में इतना धन का भंडार पहले कभी नहीं आया था. बैंकों की स्वतंत्रता का आदर करते हुए कहना चाहता हूं कि बैंक परंपरागत तरीकों से बाहर निकलते हुए वे गरीब, निम्न मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग को ध्यान रखकर काम करे. बैंक हो सके उतना जल्दी लोकहित में उचित निर्णय करें और उचित कदम उठाएं.

मोदी ने कहा, ”पूरी दुनिया में सत्य है कि आतंकवाद से जुड़े लोग, काली कमाई करने वाले कालेधन पर निर्भर रहते हैं. हमारे एक निर्णय ने इस सब पर गहरी चोट पहुंचाई है. अगर हम जागरुक रहे तो अपने बच्चों को हिंसा के रास्ते पर जाने से बचा पाएंगे. इस अभियान की सफलता इस बात पर भी है कि अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जो धन बाहर था, वह वापस आ गया है. पिछले कुछ दिनों की घटना से यह साबित हो चुका है कि चालाकी करने वालों के लिए आगे के रास्ते बंद हो चुके हैं. आदतन बेईमान लोगों को भी टेक्नोलॅजी के कारण मुख्यधारा में आना होगा.

उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि आपको परेशानी हुई. घंटों लाइनों में लगना पड़ा. मुझे चिट्ठियां मिलीं. अपना दर्द भी साझा किया. इन सबमें एक बात अनुभव की कि आपने मुझे अपना मानकर बातें कहीं. भ्रष्टाचार, कालाधन, जाली नोट के खिलाफ लड़ाई में आप एक कदम भी पीछे नहीं रहना चाहते. आपका ये प्यार आशीर्वाद की तरह है. अब प्रयास यह है कि नववर्ष में हो सकते उतना जल्दी बैंकों को सामान्य स्थिति की ओर ले जाया जाएगा. खासकर ग्रामीण इलाकों और दूरदराज वाले इलाकों में प्रो-एक्टिव होकर कमियों को दूर किया जाए ताकि गांव के नागरिकों की कठिनाई खत्म हो जाएं.

इससे पूर्व उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ने जो कर दिखाया, वैसा दुनिया में कोई और उदाहरण नहीं है. पिछले कुछ वर्षों में 500 और 1000 के नोट सामान्य रूप से कम और पैरेलल इकोनॉमी में ज्यादा चल रहे थे. हमारे समकक्ष देशों की इकोनॉमी में भी इतना कैश नहीं होता. हमारी इकोनॉमी में ये नोट महंगाई, कालाबाजारी बढ़ा रहे थे और देश के गरीब से उसका अधिकार छीन रहे थे. अर्थव्यवस्था में कैश का अभाव तकलीफदेह है लेकिन हम ये भी ना भूलें कि कैश का असर और तकलीफदेह होता है. हमारा प्रयास है कि इसका संतुलन बना रहे.

उन्होंने कहा कि ‘मैं जानता हूं कि आपको परेशानी हुई। घंटों लाइनों में लगना पड़ा। मुझे चिट्ठियां मिलीं. अपना दर्द भी साझा किया. इन सबमें एक बात अनुभव की कि आपने मुझे अपना मानकर बातें कहीं. भ्रष्टाचार, कालाधन, जाली नोट के खिलाफ लड़ाई में आप एक कदम भी पीछे नहीं रहना चाहते. आपका ये प्यार आशीर्वाद की तरह है.

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