कनाडा से प्राप्त देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति को काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में 15 नवंबर, 2021 को निर्धारित स्थान पर स्थापित किया जाएगा
2014 से पहले, केवल 13 मूर्तियां और विरासत वस्तुएं भारत को वापस की गई
2014 के बाद से प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप विभिन्न देशों से 42 चीजें वापस प्राप्त हुई
मुख्य विशेषताएं :
• देवी अन्नपूर्णा की 18वीं सदी की मूर्ति चोरी हो गई थी और 100 साल से भी अधिक समय पहले देश से बाहर ले जाया गया था।
• हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म से संबंधित 157 कलाकृतियां, पुरावशेष और मूर्तियाँ जल्द ही भारत वापस लौट आएंगी, जिन्हें हाल ही में अमेरिका की सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत सरकार को सौंपा गया था।
• मीनाक्षी लेखी ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि जो खजाने खो गए थे, उन्हें अब भारत वापस लाया जा रहा है।
नई दिल्ली : केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री जी.किशन रेड्डी ने केंद्रीय मंत्रियों श्रीमती मीनाक्षी लेखी, अर्जुन राम मेघवाल, स्मृति ईरानी, हरदीप पुरी, धर्मेंद्र प्रधान, महेंद्रनाथ पांडे, बी.एल. वर्मा, जनरल वी.के. सिंह, एस. एस. बघेल, भानु प्रताप, अनुप्रिया सिंह पटेल की उपस्थिति में आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा (एनजीएमए) में उत्तर प्रदेश सरकार को देवी अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति सौंपी। भूपेंद्र सिंह चौधरी, बलदेव सिंह, गुलाबो देवी, सुरेश राणा, कपिल देव अग्रवाल, डॉ. धर्म सिंह सैनी, अतुल गर्ग, डॉ. संजीव कुमार बाल्यान, जनरल विजय कुमार सिंह, दिनेश खटीक और अनिल शर्मा उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार गरीबों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा, “अन्नपूर्णा देवी के आशीर्वाद ने हमारे भारतीय किसानों के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न का उत्पादन करना संभव बना दिया है और कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री की गरीब अन्न कल्याण योजना का मार्गप्रशस्त किया है।” उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन गरीबों के लिए संकट को कम करेगा, क्योंकि सरकार ने प्रति व्यक्ति प्रति माह अतिरिक्त मात्रा में खाद्यान्न मुफ्त दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, ‘1976 से अब तक 55 मूर्तियां भारत वापस की जा चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान 75 प्रतिशत मूर्तियां लौटाई गई गई हैं। इन 55 पुरावशेषों में से 42 को 2014 के बाद वापस प्राप्त किया गया है, जिसमें अन्नपूर्णा देवी अंतिम है। “मैं अपने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और हमारे विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर जी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने विदेशों से हमारे देवताओं को घर लाने का प्रयास किया।” उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि अमेरिका से 157 अन्य प्राचीन वस्तुओं की पहचान की गई है और वे जल्द ही भारत लौट आएंगी।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री देश की समृद्ध विरासत और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही, विभिन्न अन्य राज्यों के पुरावशेष संबंधित राज्य सरकारों को लौटा दिए जाएंगे, जिसमें तमिलनाडु की दो मूर्तियाँ और एक आंध्र प्रदेश की और एक राजस्थान की हैं।
संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने काशी विश्वनाथ में देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति को वापस लाने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “समय बदल गया है, पहले भारत के सांस्कृतिक प्रतीकों को हटा दिया गया था लेकिन अब नुकसान की भरपाई की जा रही है और जो कोषाध्यक्ष खो गए थे, उन्हें अब भारत वापस लाया जा रहा है।”
इससे पहले, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को 15 अक्टूबर, 2021 को देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति प्राप्त हुई थी। 17 x 9 x 4 सेंटीमीटर आकार की पत्थर की मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी और एक सदी पहले कनाडा में इसकी तस्करी की गई थी। जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, देवी अन्नपूर्णा, भोजन और पोषण की देवी हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 नवंबर, 2020 को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस मूर्ति को कनाडा से वापस लाने की घोषणा की थी। 18वीं सदी की यह मूर्ति यूनिवर्सिटी ऑफ़ रेजिना के मैकेंज़ी आर्ट गैलरी के संग्रह में थी, जब इसे विश्वविद्यालय ने पिछले साल कनाडा में भारत के उच्चायुक्त को सौंप दिया था। मूर्ति को उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी में उसके सही स्थान पर लाया जाएगा। मूर्ति को सौंपने के लिए आयोजित यह समारोह दिल्ली से वाराणसी तक माता अन्नपूर्णा देवी की पांच दिवसीय यात्रा की शुरुआत है।
11 नवंबर को मूर्ति को दिल्ली से अलीगढ़ ले जाया जाएगा, वहां से 12 नवंबर को कन्नौज ले जाया जाएगा और 14 नवंबर को अयोध्या पहुंचेगी। अंत में, यह 15 नवंबर को वाराणसी पहुंचेगी, जहां उचित अनुष्ठान के बाद इसे उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी में स्थापित किया जाएगा।
1976 से अब तक 55 मूर्तियों को भारत लौटाया जा चुका है। 55 पुरावशेषों में से 42 को 2014 के बाद वापस प्राप्त किया गया है। इसके अलावा, हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, अमेरिका की सरकार द्वारा हिंदू धर्म, बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित 157 कलाकृतियां, पुरावशेष और मूर्तियां भारत सरकार को सौंपी गई थीं।