कांग्रेस पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर रफेल डील में कथित भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया

Font Size

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने आज एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर राफेल डील में हुए कथित भ्रष्टाचार को छिपाने का गंभीर आरोप लगाया पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहां कि मोदी सरकार द्वारा राफेल डील में भ्रष्टाचार, रिश्वत और मिलीभगत को दफनाने के लिए एक “Operation Cover-up” चल रहा है और वह फिर से उजागर भी हो रहा है। उन्होंने यह कहते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का बलिदान कर दिया, भारतीय वायु सेना के हितों को खतरे में डालकर देश के खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है ।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से संदिग्ध राफेल डील मामले में प्रत्येक आरोप और पहेली का प्रत्येक टुकड़ा मोदी सरकार में बैठे सत्ता के उच्चतम स्तर तक के लोगों तक जाता है ।

श्री खेड़ा ने कहा कि”ऑपरेशन कवर-अप” में नवीनतम खुलासे से राफेल भ्रष्टाचार को दफनाने के लिए मोदी सरकार-सीबीआई-ईडी के बीच संदिग्ध सांठगांठ का पता चलता है । उन्होंने याद दिलाया कि 4 अक्टूबर 2018 को भाजपा के दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और एक वरिष्ठ वकील ने राफेल सौदे में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए उस वक़्त के सीबीआई के निदेशक को अपना पूरा हलफनामा, शिकायत की एक फाइल सौंपी ।

कांग्रेस प्रवक्ता प्रबंध खेड़ा का कहना था कि 11 अक्टूबर 2018 को मॉरीशस सरकार ने अपने अटॉर्नी जनरल के माध्यम से राफेल सौदे से जुड़े कमीशन के कथित भुगतान के संबंध में सीबीआई को दस्तावेज दिए।

उन्होंने यह कहते हुए दावा किया कि 23 अक्टूबर 2018 को पीएम मोदी की अगुवाई वाली एक समिति ने CBI निदेशक श्री आलोक वर्मा को मध्यरात्रि में तख्तापलट कर हटा दिया, दिल्ली पुलिस के माध्यम से CBI मुख्यालय पर छापा मारा और श्री एम नागेश्वर राव को CBI प्रमुख नियुक्त किया ।

श्री खैराने जोर देते हुए कहा कि मोदी सरकार और सीबीआई ने पिछले 36 महीनों से कमीशन और भ्रष्टाचार के सबूतों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? इसे मामले को क्यों दफनाया गया? मोदी सरकार ने मध्यरात्रि तख्तापलट में सीबीआई प्रमुख को क्यों हटाया?

उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस- यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय टेंडर के बाद 526 करोड़ रुपये में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित एक राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए बातचीत की थी जबकि मोदी सरकार ने वही राफेल लड़ाकू विमान (बिना किसी निविदा के) ₹1670 करोड़ में खरीदा ।

आज पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल खड़ा किया कि क्या सरकार जवाब देगी कि हम भारत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बिना उन्हीं 36 विमानों के लिए ₹41,205 करोड़ अतिरिक्त क्यों दे रहे हैं?
उन्होंने मोदी सरकार से दूसरा सवाल पूछा जब 126 विमानों का लाइव अंतरराष्ट्रीय टेंडर था तो पीएम एकतरफा 36 विमान ‘ऑफ द शेल्फ’ कैसे खरीद सकते थे?।

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने फ्रेंच न्यूज पोर्टल https://t.co/1pcFT3JdMA का जिक्र करते हुए कहा कि उक्त न्यूज़ पोर्टल ने चौंकाने वाले खुलासे के ताजा सेट में उजागर किया है कि कैसे बिचौलिए सुशेन गुप्ता ने 2015 में भारत के रक्षा मंत्रालय से भारतीय वार्ता दल (INT) से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को भारत के रुख का विवरण देते हुए पकड़ा था।

उन्होंने सीधे तौर पर पूछा क्या मोदी सरकार में “हाईकमान” के साथ ऐसी कोई बैठक हुई थी? यह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने, देशद्रोह और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के घोर उल्लंघन से कम नहीं है।

उनका सवाल था कि ईडी ने घोटाले की जांच के लिए इन सबूतों को आगे क्यों नहीं बढ़ाया? तब मोदी सरकार ने दस्तावेजों को लीक करने वाले राजनीतिक कार्यकारी या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, दसॉल्ट के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? किसने ये गोपनीय कागज़ लीक किए?

 

कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि मोदी जी ने स्वयं हस्तक्षेप करके ‘भ्रष्टाचार विरोधी खंड’ क्यों हटवाया? किसी भी रक्षा सौदे में ‘भ्रष्टाचार विरोधी खंड’ जो होता है वह हमारी ‘रक्षा खरीद प्रक्रिया’ का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है।

केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि जुलाई 2015 में अंतर-सरकारी समझौते में रक्षा मंत्रालय के जोर देने के बावजूद, सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री और मोदी सरकार द्वारा ‘भ्रष्टाचार विरोधी खंड’ को हटाने की मंजूरी क्यों दी गई थी? क्या यही कारण है कि सीबीआई और ईडी ने 11 अक्टूबर 2018 से आज तक राफेल सौदे में भ्रष्टाचार की जांच से इनकार कर दिया?

 

उनका कहना था कि हमारी सीमाओं पर पाक-चीन की धुरी हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। एलएसी के पार बुनियादी ढांचे का निर्माण, नई हवाई पट्टियों का निर्माण, मिसाइल आदि गंभीर चिंता का विषय है ।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता द्वारा पूछे गए सवाल :

– उन्होंने भारतीय वायु सेना से परामर्श किए बिना राफेल विमानों की संख्या को 126 से घटाकर 36 कैसे व क्यों कर दिया?

– पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार विरोधी खंड को क्यों निरस्त कर दिया जो रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनुसार किसी भी निविदा के लिए बहुत आवश्यक है?
– राफेल घोटाले में अपनी भूमिका की जांच के आदेश न देकर उन्होंने सुशेन गुप्ता की रक्षा क्यों की ?

 

You cannot copy content of this page