भारत ने कहा यह चीन का दोहरा रवैया
नई दिल्ली. भारत को नीचा दिखाने के लिए चीन अपनी कूटनीतिक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. एक बार फिर चीन ने यूनाइटेड नेशन्स में भारत के उस प्रस्ताव में अडंगा लगा दिया है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद अजहर को आतंकी डिक्लेयर करने की मांग की गई थी.
उल्लेखनीय है कि यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल में भारत के प्रस्ताव पर चीन की और से लागाई गयी तकनीकि रोक की मियाद 31 दिसंबर को खत्म हो रही थी जिसे एक बार फिर बढ़ा दिया है. भारत ने चीन के इस कदम इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. कहा गया है कि चीन को इसे और समझने की जरूरत है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि मसूद अजहर को आतंकी डिक्लेयर करने के प्रपोजल को चीन द्वारा रोकने का फैसला चौंकाने वाला है, क्योंकि चीन खुद आतंकवाद से पीड़ित है. उन्होंने कहा है कि चीन के इस कदम से आतंकवाद के खिलाफ जंग में उसका दोहरा रवैया साफ हो जाता है. स्वरूप ने दोहराया कि भारत आतंकियों और अपराधियों के खिलाफ अपने सभी विकल्पों का इस्तेमाल लगातार करता रहेगा.
गौरतलब है कि चीन ने अजहर को आतंकी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को इस साल अप्रैल में पहली बार यूएन में रोक दिया था. इसके बाद अक्टूबर में चीन ने फिर इस प्रस्ताव पर ‘टेक्निकल होल्ड’ के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए इस बढ़ा दिया था. अब चीन ने शुक्रवार को अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए इस प्रस्ताव में अडंगा लगा दिया है.
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन गेंग शुआंग ने साफ़ कर दिया था कि एनएसजी में शामिल करने के भारत के प्रस्ताव और मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के मामले में चीन के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.
गौर करने वाली बात यह है कि जैश-ए-मोहम्मद पर यूएनएससी ने प्रतिबन्ध लगा रखा है, लेकिन इसके चीफ मसूद अजहर पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है.
चीन की ओर से उठाया गया यह कदम स्पष्ट करता है कि वह पाकिस्तान का साथ किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगा.