नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 03 सितंबर, 2016 को मीडिया के माध्यम से जयपुर में कुछ संस्थानों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने से संबंधित समस्याओं के बारे में पता चलने के बाद स्वयं पहल करते हुए राजस्थान के शिक्षा मंत्री से बात की और कुछ छात्रों के फोन नंबर प्राप्त किए। उनसे बात कर के केंद्रीय गृह मंत्री को पता चला कि छात्रों को प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत उनकी छात्रवृत्ति प्राप्त करने में कुछ कठिनाइयां हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने राजस्थान के शिक्षा मंत्री से सोमवार (5 सितंबर, 2016) तक इस बारे में प्रक्रिया संबंधी कठिनाई को दूर करने को कहा और समस्या बरकरार रहने की स्थिति में छात्रों को 4-5 सितंबर, 2016 के उनके जम्मू-कश्मीर दौरे से लौटने के फौरन बाद उनसे मिलने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया था।
जम्मू-कश्मीर के तीनों क्षेत्रों अर्थात जम्मू, कश्मीर और लद्दाख का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 से अधिक छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कल यहां केंद्रीय गृह मंत्री श्री सिंह और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की और उनके साथ चर्चा की।
राजस्थान, हरियाणा और अन्य राज्यों में पढ़ने वाले इन छात्रों ने अपने मुद्दे उनके समक्ष रखे। कल की बैठक में दी गयी सलाह के अनुरूप आज छात्रों ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी सहस्त्रबुद्धे के साथ विस्तृत चर्चा की थी। उनकी कुछ समस्याओं को तुरंत सुलझा लिया गया और कुछ समस्याओं, जिन्हें अंतर मंत्रालय समिति (आईएमसी) के समक्ष उठाने की जरूरत है को, समिति के समक्ष उठाया जाएगा। और तो और जिन छात्रों के मुद्दों को समिति के समक्ष उठाने की जरूरत है, उनके लिए भी संस्थानों को पत्र जारी कर कहा गया है कि छात्रवृत्ति की रकम के अभाव में उनकी पढ़ाई में बाधा नहीं आनी चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री से कल और एआईसीटीई के अध्यक्ष से आज मुलाकात के बाद छात्र केन्द्र सरकार द्वारा अपनाये गए दृष्टिकोण से पूरी तरह संतुष्ट थे। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा की गयी पहल और अपनी समस्याओं के प्रति उनकी चिंता तथा समस्याओं को सुलझाने के असाधारण दृष्टिकोण के लिए उनका आभार व्यक्त किया।