आरसीपीएसडीसी द्वारा ‘सीएसआर से कौशल इकोसिस्टम में बदलाव’ विषय पर वेबिनार का आयोजन
नई दिल्ली: रबड़, केमिकल और पेट्रोकेमिकल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल द्वारा ‘सीएसआर से कौशल इकोसिस्टम में बदलाव’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में कौशल की आवश्यकताओं को समझना और उसकी पूर्ति में इंडस्ट्री के सीएसआर की भागीदारी को लेकर चर्चा की गई। वेबिनार में बतौर वक्ता ब्रिजस्टोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीएसआर प्रमुख रानू कुलश्रेष्ठ और अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन के कौशल विकास के वाइस प्रेसिडेंट रवि नायसे मौजूद थे। जबकि वेबिनार का संचालन जे के टायर के सीएसआर प्रमुख अनुपम बाजपेयी ने किया।
वक्ताओं का मानना है कि निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों की कंपनियां सीएसआर फंड के जरिये कौशल विकास में भागीदारी कर स्किल इकोसिस्टम में बदलाव कर सकती है। सीएसआर फंड का कौशल विकास में निवेश करके कंपनियां अपने उत्तरदायित्व निभाने के साथ कुशल श्रम पैदा कर सकती है। जो उद्योगों के लिए लाभदायक साबित होगा। इस अवसर पर रानू कुलश्रेष्ठ ने कहा कि भारत पिछले कई दशकों से कुशल श्रमिकों की भारी कमी से जूझ रहा है। कुशल जनशक्ति की मांग और आपूर्ति के बीच असमानता देश के आर्थिक विकास के लिए भी एक बड़ी बाधा है। एक सर्वेक्षण का संदर्भ देते हुए कहा, लाखों स्नातक विद्यार्थी विश्वविद्यालय और कॉलेज से पढ़ाई पूरी करके निकलते हैं और उनमें से लगभग 54%युवा बेरोजगार हैं। क्योंकि वे कुशल नहीं है।
रानू कुलश्रेष्ठ ने सीएसआर के तहत शुरू किए गए प्रोजेक्ट टायर केयरवाला की सराहना की। ब्रिज स्टोन और आरसीपीएसडीसी के इस संयुक्त परियोजना में टायर फिटर के असंगठित क्षेत्र को टायर फिटिंग और रखरखाव की आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि साझेदारी और सहयोग कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और कॉरपोरेट क्षेत्र की भागीदारी इसमें मील का पत्थर साबित होगा।
एक और वक्ता रवि नैसे का मानना है कि कॉरपोरेट क्षेत्र स्किलिंग इकोसिस्टम को और प्रभावी बनाने में सक्षम हैं। उद्योग विभिन्न सीएसआर मॉडल के साथ कौशल विकास परियोजनाओं के लिए आगे भी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कंपनियों के पास संसाधन, बुनियादी ढांचा, मशीनरी और विशेषज्ञता है, जो कौशल विकास को नई बुलंदियों पर ले जा सकते है। युवाओं में इनकी मदद से बेहतर कौशल प्रशिक्षण दिया जा सकता है। कौशल प्रशिक्षण के लिए उद्योगों से बेहतर कोई विकल्प नहीं है क्योंकि इंडस्ट्री बाजार की बदलती जरूरतों को समझते हैं।
युवाओं को अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग करके कंपनियां समाज में भविष्य के लिए कुशल जनशक्ति तैयार कर रही हैं। कुशल जनशक्ति की उपलब्धता से कंपनियों को अपनी दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही परिचालन लागत को कम करने में आसानी होती है। कंपनियों द्वारा सीएसआर के जरिये कौशल प्रशिक्षण की पहल पूरे स्किल इकोसिस्टम को प्रभावी बनाने में ठोस कदम होगा।