दिल्ली दरबार की चाबी इतनी आसानी से क्यों छोड़ी ?

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नजीब जंग का इस्तीफा एक पहेली ! 

नई दिल्ली: एक अप्रत्याशित घटना के रूप में अपनी अलग कार्य शैली के लिए जाना जाने वाले दिल्ली के उपराज्यपाल नज़ीब जंग ने इस्तीफा दे दिया है. जंग ने केंद्र सरकार के अधिकारियों को भी अपनी इस योजना के बारे में भनक नहीं लगने दी और अचानक गुरुवार को अपना त्यागपत्र सौंपा दिया. आश्चर्य इस बात की है कि जिस दिल्ली की गद्दी पर बैठने के लिए बड़े बड़े ब्यूरोक्रेट नई दिल्ली की गलियों की खाक छानते थकते नहीं उसे एक झटके में ही जंग ने डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी रहने के बावजूद क्यों छोड़ दिया.

 

लोगों को कयास लगाने के इन्होने एक ऐसा विषय दे दिया की अगले एक सप्ताह ही नहीं बल्कि जब तक उनके पद पर कोई आ नहीं जाता तब तक उनके इस अप्रत्याशित कदम के पीछे की कहानी का सार ढूंढा जाता रहेगा. बल्कि यूँ कहें कि जब कोई नया शाहंशाह गद्दी पर बैठ जाएगा तब भी जंग साहब की कार्य शैली व नए उपराज्यपाल की कार्य शैली की तुलना होती रहेगी. क्योंकि उन्होंने अपने दम व सूझ बूझ से दिल्ली के जनमानस व राजनेताओं के सामने असरदार उदाहरण पेश किया है.

 

गौरतलब है कि उन्होंने जुलाई 2013 में कार्यभार संभाला था। उन्हें अभी डेढ़ साल इस पद पर और रहना था. लेकिन कल तक दिल्ली की बेहतरी के लिए गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे और आज इस पद से तौबा कर लिया. परम्परा के मुताबिक नज़ीब जंग ने सहयोग के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है साथ ही उन पर लगातार आरोप प्रत्यारोप रूपी पत्थर फेंकने वाले दिल्ली के सीएम केजरीवाल को भी सहयोग के लिए शुक्रिया कहा है.

हालाँकि उपराज्यपाल व राज्यपाल के पद से हटने वाले लोग इस तरह की संस्कृति का निर्वहन कम ही करते देखे जाते हैं क्योंकि अक्सर उन्हें पद से नई सरकार गठन के बाद हटा दिया जाता है जैसा की वर्ष 2014 के बाद भी देखने को मिला और इससे पहले के इतिहास भी  इस प्रकार की घटनाओं से भरे पड़े हैं. नज़ीब जंग भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं इसलिए उनके काम काज के तरीके किसी अन्य राजनेता से जुदा थे. इसका पूरा एहसास उन्होंने लोगों को कराया .

 

न तो उन्होंने स्वयं और न ही गृह मंत्रालय ने उनके इस्तीफे की वजह का खुलासा किया है. हां, उप राज्यपाल के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उप राज्यपाल नजीब जंग ने भारत सरकार को इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिली हर तरह की मदद और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया है.

 

बयान में कहा गया कि जंग ने अपने कार्यकाल खासकर दिल्ली में एक साल के राष्ट्रपति शासन के दौरान मिले सहयोग एवं स्नेह के लिए जनता का धन्यवाद किया है. राष्ट्रपति शासन के दौरान जंग को जनता से सतत समर्थन मिला और इस वजह से ही दिल्ली में सहजता और आसानी से प्रशासन चलाने में मदद मिली.  उनके कार्यालय ने कहा ने कहा है कि जंग अपनी उस पहली पसंद की तरफ लौट रहे हैं जो कि उनके लिए शिक्षण का कार्य है.

लाख टेक का सवाल है कि आखिर उन्होंने दिल्ली दरबार की चाबी इतनी आसानी से क्यों छोड़ी ?

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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