गुरूग्राम, 24 फरवरी। गुरूग्राम के सिविल लाइन्स में स्थापित किया गया वन स्टाॅप क्राइसिस सैंटर घरेलू हिंसा व दुष्कर्म की शिकार महिलाओं के लिए बड़ी राहत देने वाला फोरम साबित हो रहा है। पीड़ित महिलाओं की मदद करने के उद्देश्य से स्थापित किए गए इस सैंटर को लेकर महिलाओं में जागरूकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस बात का अंदाजा यहां से लगाया जा सकता है कि जनवरी माह में 41 महिलाओं ने इस सैंटर में दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाया जबकि फरवरी माह में यह आंकड़ा 42 तक पहुंच गया।
हाल ही में सामने आए मामले में केन्द्र द्वारा एक पीड़ित महिला की मदद की गई। महिला हैल्पलाइन नंबर पर प्राप्त हुई शिकायत उपरांत सैंटर में कार्यरत स्टाॅफ द्वारा महिला से संपर्क किया गया। शिकायत में पीड़ित महिला ने बताया कि उसका पति बहुत शराब पीता है और उसके साथ मारपीट करता है। प्राप्त शिकायत अनुसार पीड़ित महिला के पति कई-कई दिनों तक घर नही आते थे और महिला के सास ससुर भी उसे बहुत परेशान करते थे। ऐसे में पीड़ित महिला ने केन्द्र संचालक से सहायता की गुुहार लगाई। पीड़ित महिला की काउंसलिंग की गई और प्राप्त शिकायत के आधार पर पुलिस को महिला के घर भेजा गया और परिजनों को समझा-बुझाकर उनका राजीनामा करवाया गया।
पीड़ित महिला केन्द्र द्वारा दी गई सहायता से ना केवल संतुष्ट है बल्कि सकुशल अपने परिवार के साथ वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रही है। जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया कि घरेलू हिंसा व दुष्कर्म की शिकार महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक व मानसिक तौर पर सशक्त बनाने व उनकी मदद के लिए ये सैंटर प्रत्येक जिले में खोेले गए हैं। यहां महिलाओं को स्वास्थ्य, वैधानिक, पुनर्वास , कामकाज के साथ ही उनकी काउंसलिंग करते हुए उन्हें मानसिक तौर पर सशक्त बनाने का प्रयास किया जाता है। सेंटर में केन्द्र व्यवस्थापक सहित एक पुलिस अधिकारी, पैरामैडिकल स्टाफ, आईटी प्रोफेशनल ,मनोचिकित्सक व सिक्योरिटी गार्ड तैनात किया गया है।
इस सेंटर पर बलात्कार समेत घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा के अंतर्गत मारपीट, लड़कियों को शिक्षा से निवारित करना, रेप अपराध, लैंगिक उत्पीडन, भावनात्मक उत्पीडन, बाल विवाह, महिला तस्करी, दहेज उत्पीड़न, एसिड अटैक, साइबर क्राइम, लावारिस महिलाएं एवं बच्चे, अपहरण तथा महिलाओं से संबंधित अन्य अपराध शामिल है।
महिला एवं बाल विकास विभाग गुरुग्राम की कार्यक्रम अधिकारी सुनैना ने बताया कि वन स्टाप क्राइसिस सेंटर में कानूनी सहायता, चिकित्सा सुविधा, रहने के लिए अल्प आवास की सुविधा दी जाती है। इस सैंटर में पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सुविधा, पुलिस से संबंधित मदद उपलब्ध करवाने के उद्द्ेष्य से की गई है। इसके अलावा, केन्द्र के माध्यम से पांच दिन रूकने वाली महिला को सभी मूलभूत सुविधा दी जाती है।