नई दिल्ली। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नई शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन की समीक्षा की।
बैठक के दौरान श्री निशंक ने छात्रों को स्कूली शिक्षा से उच्चतर शिक्षा में सुचारू तौर पर शामिल होने में आसानी के लिए शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा तथा विद्यालय शिक्षा विभागों के बीच नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में समन्वय के लिए एक कार्य बल के गठन की अनुशंसा की। श्री निशंक ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शीघ्र कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक समीक्षा समिति तथा एक कार्यान्वयन समिति गठित करने का सुझाव दिया।
श्री पोखरियाल ने कहा कि पैकेज संस्कृति के स्थान पर पेटेंट संस्कृति पर जोर देने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) इस नीति की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए 2021-22 में इन्हें स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने हितधारकों का आह्वान करते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन और सरकार की मौजूदा नीतियों के बीच तालमेल सुनिश्चित करें। उन्होंने बेहतर परिणामों के लिए उद्योगजगत एवं शिक्षाजगत के बीच सम्पर्क मजबूत करने पर भी जोर दिया।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लागू करने के लिए कुल 181 कार्यों की पहचान की गई है। स्पष्ट समय-सीमा के साथ नई शिक्षा नीति के इन चिन्हित 181 कार्यों की प्रगति की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड तैयार किया गया है। इसके लक्ष्य निर्धारित किए जा सकते हैं। इन कार्यों को पूरा करने के लिए एक मासिक और साप्ताहिक कैलेंडर तैयार किया जाएगा ताकि प्रत्येक हितधारक को इसके कार्यान्वयन के बारे में नवीनतम जानकारी मिल सके।