नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों से युवा पीढ़ी कृषि की ओर आकर्षित होगी और खेती में लाभ एवं रोजगार के अवसर निर्मित होंगे। श्री तोमर ने यह बात मंगलवार को कृषि मंत्रालय, नई दिल्ली में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कही। इस बैठक में राज्य मंत्री कैलाश चौधरी व सासंद सुरेंद्र सिंह नागर भी उपस्थित थे।
इंडियन किसान यूनियन और किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में मंत्री श्री तोमर से भेंट की। दोनों किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में मंत्री से कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा लाए गए ये कानून पूरी तरह से किसानों के हित में हैं, इनसे कृषि क्षेत्र में दूरगामी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। ऐसी स्थिति में सरकार इन कानूनों को किसी भी स्थिति में वापस न लें।
श्री तोमर ने कहा कि लंबे कालखंड से कृषि के क्षेत्र में सुधार का कोई कदम नहीं उठाया गया था। पिछले 20 वर्षों से यह चर्चा चल रही थी कि कृषि क्षेत्र में आवश्यक सुधार किए जाएं ताकि निजी निवेश तो आए ही, किसानों को कानूनी बंधनों से भी मुक्ति मिल सके। पूर्ववर्ती सरकारें भी इन सुधारों की बात करती रही हैं,लेकिन अपनी राजनीतिक मजबूरियों के कारण वे इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठा पाई। श्री मोदी जी ने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालते ही किसानों की दशा सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। सॉइल हेल्थ कार्ड, पीएम किसान योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा, कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कोष की स्थापना, देश में नए 10 हजार एफपीओ के माध्यम से छोटे किसानों को उन्नत एवं लाभकारी कृषि से जोड़ना, ये इसी दिशा में किए गए प्रयास हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए कानून से किसानों को उपज बेचने के बेहतर विकल्प तो मिले ही हैं, कृषि क्षेत्र में निजी निवेश के दरवाजे भी खुले हैं। नए कानूनों से किसानों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिलने के साथ ही टैक्स बचने से उनकी आय भी बढ़ेगी। एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी, इसे लेकर आशंका पूरी तरह से निराधार है। किसान संगठनों की ओर से इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तराखंड के पूर्व मंत्री चौधरी रामकुमार वालिया एवं किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजय पाल प्रधान ने भी अपने विचार रखे।