प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में किसान आन्दोलन पर खुल कर बोले ….

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वाराणसी : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिल्ली में पंजाब के किसानों के प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सरकारें नीतियां बनाती हैं,  कानून-कायदे बनाती हैं। नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है। ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है. उन्होंने बल देते हुए कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं। पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी आज वाराणसी में एनएच-19 के वाराणसी-प्रयागराज खंड की 74 किलोमीटर वाली एक्सप्रेस वे के छह लेन चौड़ीकरण परियोजना का उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. एक्सप्रेस वे से अब वाराणसी और प्रयागराज के बीच की आवाजाही बेरोकटोक सकेगी.

उन्होंने किसानों के मुद्दे पर खुल कर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधार कानूनों से किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और व्यावसायिक धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है.उनका कहना था कि भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए ? अगर कोई पुराने सिस्टम से के लेनदेन को ही ठीक समझता है तो, उस पर भी कहां रोक लगाई गई है ?

पीएम ने वाराणसी के इलाके के किसानों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों औऱ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को कितना लाभ हो रहा है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण चंदौली का काला चावल-ब्लैक राइस है। ये चावल चंदौली के किसानों के घरों में समृद्धि लेकर आ रहा है. चंदौली के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए 2 साल पहले काले चावल की एक वैरायटी का प्रयोग यहां किया गया था।

उन्होंने खुलासा किया कि पिछले साल खरीफ के सीज़न में करीब 400 किसानों को ये चावल उगाने के लिए दिया गया। इन किसानों की एक समिति बनाई गई, इसके लिए मार्केट तलाश किया. सामान्य चावल जहां 35-40 रुपए किलो के हिसाब से बिकता है, वहीं ये बेहतरीन चावल 300 रुपए तक बिक रहा है। उनके अनुसार बड़ी बात ये भी है कि ब्लैक राइस को विदेशी बाज़ार भी मिल गया है।पहली बार ऑस्ट्रेलिया को ये चावल निर्यात हुआ है, वो भी करीब साढ़े 800 रुपए किलो के हिसाब से.

उन्होंने कहा कि MSP तो घोषित होता था लेकिन MSP पर खरीद बहुत कम की जाती थी। सालों तक MSP को लेकर छल किया गया।किसानों के नाम पर बड़े-बड़े कर्जमाफी के पैकेज घोषित किए जाते थे। लेकिन छोटे और सीमांत किसानों तक ये पहुंचते ही नहीं थे। यानि कर्ज़माफी को लेकर भी छल किया गया. एमएसपी व सरकारी खरीद जारी रखने के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों को लागत का 1.5 गुणा दाम एमएसपी के रूप में मिले, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। फसल बीमा योजना से देश के 4 करोड़ किसान परिवारों की मदद हुई है। कृषि सिंचाई योजना से 47 लाख हेक्टेयेर जमीन माइक्रो सिंचाई के दायरे में आ चुकी है। ₹77000 करोड़ की सिंचाई परियोजना पर काम चल रहा है.

किसानों के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के मद में उनका कहाँ था कि वाराणसी में पेरिशेबल कार्गो सेंटर बनने के कारण अब यहां के किसानों को फल और सब्जियों को स्टोर करके रखने और उन्हें आसानी से बेचने की बहुत बड़ी सुविधा मिली है। इस स्टोरेज कैपेसिटी के कारण पहली बार यहां के किसानों की उपज बड़ी मात्रा में निर्यात हो रही है. जब किसी क्षेत्र में आधुनिक कनेक्टिविटी का विस्तार होता है, तो इसका बहुत लाभ हमारे किसानों को होता है। बीते वर्षों में ये प्रयास हुआ है कि गांवों में आधुनिक सड़कों के साथ भंडारण, कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्थाएं खड़ी की जाएं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फंड भी बनाया गया है. बीते वर्षों में काशी के सुंदरीकरण के साथ-साथ यहां की कनेक्टिविटी पर जो काम हुआ है, उसका लाभ अब आप सभी देख रहे हैं। नए हाईवे हो, पुल-फ्लाईओवर हो, ट्रैफिक जाम कम करने के लिए रास्तों को चौड़ा करना हो, जितना काम बनारस और आसपास में अभी हो रहा है, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ.

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेता भी मौजूद थे.

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