वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली महोत्सव समरोह को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा विश्वनाथ कोरिडोर का भी विरोध करने वालों ने विरोध किया था. लेकिन बाबा की कृपा से वह विरोध धरा रह गया. इसी तरह अयोध्या में भी श्रीराम जन्मभूमि को लेकर वर्षों तक रोड़े अटकाए जाते रहे लेकिन जब नेकनीयत से प्रयास किया गया तो अब राम मंदिर बनना शुरू हो गया. इसी तरह किसानों के हित में उठाये गए क़दमों का भी विरोध किए जा रहा है. लेकिन विरोध करना लोकतंत्र की खूबसूरती है.
प्रधान मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि महादेव के आशीर्वाद से आज लोगों को गंगा में डुबकी लगाने का सौभाग्य मिल रहा है. आज दिन में काशी के लिए सिक्स लेन हाईवे के लोकार्पण के कार्यक्रम में उपस्थित रहने का अवसर मिला. शाम को देव दीपावली का दर्शन कर रहा हूं . यहां आने से पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी जाने का मौका मुझे मिला और अभी रात में सारनाथ में लेजर शो का भी साक्षी बनूंगा. उन्होंने कहा कि मैं इसे महादेव का आशीर्वाद और आप सब काशी वासियों का विशेष ने मानता हूं, साथ यह काशी के लिए और भी विशेष अवसर है.
पीएम ने कहा कि आपने सुना होगा कल मन की बात में भी मैंने जिक्र कर दिया था और अभी योगी जी ने बड़ी ताकत भरी आवाज में उस बात को भी दोहराया. लगभग 100 साल पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी वह फिर वापस आ रही है. माता अन्नपूर्णा एक बार फिर अपने घर लौट कर आ रही है. काशी के लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है .
मोदी ने कहा कि हमारे देवी देवताओं की प्राचीन मूर्तियां हमारी आस्था के प्रतीक के साथ ही हमारी अमूल्य विरासत भी हैं. यह बात भी सही है कि इतना प्रयास अगर पहले किया गया होता, ऐसी कितनी मूर्तियां देश को काफी पहले वापस मिल जाती. लेकिन कुछ लोगों की सोच अलग रही है. हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर, जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है अपना परिवार और अपने परिवार का नाम.
प्रधान मंत्री ने नाम लिए विना पूर्व की सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, हमारी आस्था, हमारे मूल्य. उनके लिए विरासत का मतलब है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें. इसलिए उनका ध्यान परिवार की विरासत को बचाने में रहा. हमारा ध्यान देश की विरासत को बचाने, उसे संरक्षित करने पर है. उन्होंने सवाल करते हुए लोगों से पूछा कि ” मेरे काशी वासियों बताइए मैं सही रास्ते पर हूं ना, मैं सही कर रहा हूं ना ?” उनका कहना था कि आपके आशीर्वाद से सब हो रहा है. काशी की विरासत वापस आ रही है. माता अन्नपूर्णा के आगमन की खबर सुनकर बेहद ख़ुशी हो रही है. काशी के 84 घाटों का अद्भुत नजारा है. ऐसा लग रहा है जैसे आज पूर्णिमा पर देव दिवाली मनाती काशी महादेव के माथे पर विराजमान चंद्रमा की तरह चमक रही है.
हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि पहले पंचगंगा घाट पर आदि शंकराचार्य जी ने देव दीपावली की शुरुआत की जिसे बाद में माता अहिल्या बाई होलकर ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया. पंचगंगा घाट पर अहिल्याबाई होलकर जी द्वारा 7000 दीप खंभ आज भी इस परंपरा का साक्षी है. उन्होंने कहा कि जब त्रिपुरासुर नाम राक्षस ने संसार को त्रस्त कर दिया था तब भगवान शिव ने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन उसका अंत किया था. इस ख़ुशी में देवताओं ने महादेव की नगरी में आकर दिवाली मनाई. उन्होंने कहा कि हमारे महापुरुषों ने, संतों ने लिखा है वाराणसी के नर नारी देव स्वरूप है. यानी कि काशी के लोग देव स्वरूप हैं . सभी काशी की देवी और शिव के ही रूप हैं. उन्होंने इस अवसर पर देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले उन शहीदों को भी याद किया.
प्रधान मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि दुनिया की विस्तार बादी ताकतों हो या सीमा पार के दुश्मन हो या फिर देश और देश को तोड़ने की कोशिश करने वाली आन्तरिक ताकतें भारत सबका जवाब दे रहा है और मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. उन्होंने कहा कि देश में गरीबों के जीवन में बदलाव के लिए उनके गांव में रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार अभियान चलया जा रहा है. आज गांव में जन सामान्य को अपने मकान पर कानूनी अधिकार दिया जा रहा है. आज किसानों को भी मदद देने के लिए बैंक आगे चलकर आ रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले ही मैंने भी योजना के लाभार्थी से बात भी की थी. उन्होंने से लोगों से लोकल के लिए वोकल होने का नारा भी लगवाया. उनका कहना था कि अब त्यौहार भी गरिबोब की सेवा का माध्यम बन रहे हैं.
उन्होंने कहा कि काशी का तो गुरु नानक देव जी से भी गहरा संबंध रहा है. उन्होंने काफी समय काशी में व्यतीत किया था. काशी का गुरूबाग गुरुद्वारा तो उस ऐतिहासिक दौर का साथी हैं जब गुरु नानक देव जी यहां पधारे थे और काशी वासियों को नई राह दिखाई थी.
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि हमने यह देखा है कि समाज के हित में राष्ट्रहित में बदलाव होते हैं तो जाने अनजाने विरोध के स्वर उठते हैं. काशी कोरिडोर का भी विरोध करने वालों ने विरोध के लिए विरोध किया था. जब काशी ने तय किया था कि बाबा के दरबार पर विश्वनाथ कॉरिडोर बनेगा. भव्यता के साथ साथ श्रद्धालुओं की सुविधा को भी बढ़ाया जाएगा. विरोध करने वाले नेताओं ने इसे लेकर भी काफी कुछ कहा था. बाबा की कृपा से काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है.
इससे पूर्व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भागवान विश्वनाथ की पूजा आर्चना की. उन्होंने शाम को देव दीपावली का शुभारम्भ किया और एक वाराणसी से सम्बंधित एक वेबसाइट का लोकार्पण भी किया. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लोगों को संबोधित किया. उन्होंने प्रधानमन्त्री की उत्तर प्रदेश और ख़ास कर वाराणसी के उत्थान को लेकर विशेष योगदान के लिए बारम्बार धन्यवाद किया.