पटना : संवैधानिक परम्परा के अनुसार बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने नवगठित बिहार विधानसभा के पहले सत्र को आज संबोधित किया. उनके अभिभाषण के दौरान विपक्षी विधायक हंगामा करते रहे और नीतीश कुमार सरकार के पिछले कार्यकाल की खामियों को उजागर करने की कोशिश करते देखे गये. विपक्ष के एक दो सदस्यों की ओर से कई बार व्यवधान पैदा करने की कोशिश होती रही लेकिन राज्यपाल का अभिभाषण जारी रहा. सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी विपक्षी विधायकों का विरोध किया जिससे कई बार हंगामे की स्थिति पैदा हुई. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सरकार समावेशी विकास के रास्ते पर चलते हुए विकसित बिहार बनाने की ओर अग्रसर होगी.
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच राज्यपाल ने सरकार की रूपरेखा रखी और सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी. राजद विधान मंडल दल के नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत शर्मा सदन में शांत बैठे रहे जबकी विपक्ष की कतार में पीछे से कुछ विधायकों ने अपनी बात दोहराते रहे. कई बार शोरगुल थोड़ा धीमा होता तो राज्य्पाल्की आवाज सुनाई देने लगती थी लेकिन अधिकाँश समय उनकी ओर सेकही जाने वाली बातें समझ में नहीं आ रही थी.
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि जनता ने विकास के नाम पर सरकार को चुना है. अपराध, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए सरकार काम कर रही है. उन्होंने विकास योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि बिना किसी भेदभाव के लोगों की मदद की जा रही है, जिसमें केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कार्य किए गए हैं और राज्य में सामाजिक सौहार्द का वातावरण भी बना है. कोरोना काल की चर्चा करते हुए राज्यपाल चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र से भी काफी सहायता मिली. कोरोना के दौरान सरकार ने बेहतर काम किया. बिहार में वंचित परिवारों को राहत दी गई. लाखों लोगों को राशन कार्ड बना कर राहत पहुंचाई गई.
राज्य में सिंचाई की बेहतर व्यवस्था का दावा किया गया जबकि औद्योगिक विकास की बात भी की गई.