नई दिल्ली : मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) की आज ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें शूटिंग, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, पैरा स्पोर्ट्स, भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) और हॉकी जैसे छह खेलों में खिलाड़ियों के 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा के वित्तीय प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जो टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा है। समिति ने अमेरिका के कनसास में कोच और फिजियोथेरपिस्ट के साथ वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के दो महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए लगभग 40 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
इसमें उनकी लंबे समय से चली आ रही चोट का इलाज भी शामिल है। इस फैसले पर केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “हम अपने ओलंपिक से जुड़े खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने पर पूरा ध्यान दे रहे हैं। समिति के विशेषज्ञों ने यह महसूस किया गया कि मीराबाई को ट्रेनिंग के साथ अमेरिका में सबसे अच्छा पुनर्वास कार्यक्रम मिल सकता है। इसके लिए उनके कोच और फिजियो भी उनके साथ जाएंगे। मुझे उम्मीद है कि यह मौका उनकी ओलंपिक से जुड़ी तैयारियों में काफी मददगार होगा।”
दूसरे फैसले इस प्रकार रहे:
शूटिंग:
समिति ने गोलियां व दूसरे साजो-सामान खरीद के लिए शूटरों के प्रस्तावों को मंजूरी दी ताकि कोरोनोवायरस महामारी के बीच वे अपने घरों की शूटिंग रेंज में प्रशिक्षण ले सकें। समिति ने अंजुम मुदगिल और मैराज अहमद खान के उपकरणों और प्रशिक्षण जरूरत से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
मुक्केबाजी:
समिति ने विकास कृष्ण की उनके निजी कोच रॉन सिम्स जूनियर के साथ अमेरिका में तीन महीने के विदेश प्रशिक्षण कार्यक्रम (7 सितंबर से प्रभावी) को मंजूरी दी.
बैडमिंटन:
समिति ने डेनिस ओपन सुपर 750 में तीन खिलाड़ियों किदांबी श्रीकांत, साइना नेहवाल और लक्ष्य सेन की भागीदारी को मंजूरी दी। इसके अलावा सेन के डेनमार्क में प्रशिक्षण और सारलोरलक्स ओपन में भागीदारी को भी मंजूरी दी।
पैरा खेल:
समिति ने शरद कुमार के कोच येवहेव निकटिन की टोक्यो पैरालिम्पिक्स तक एक वर्ष के लिए कोचिंग फीस को स्वीकृति दी।
हॉकी:
समिति ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के विदेशी फिजियोथेरेपिस्ट के जाने के बाद शुरुआती तीन महीनों के लिए फिजियोथेरेपिस्ट आर बी कन्नन को नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
समिति ने साई (एसएआई) केंद्रों में प्रशिक्षण ले रहे सभी खिलाड़ियों की कोविड-19 से सुरक्षा के लिए अपनाए जा रहे उपायों पर भी चर्चा की। समिति में शामिल चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस बात को दोहराया कि विशेषज्ञों द्वारा बनाई गई क्वारंटीन प्रक्रिया का सख्ती से पालन करने की जरूरत है, ताकि एसएआई और राज्यों के एसओपी में कोरोना वायरस के अवांछित फैलाव को रोका जा सके।