नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय परिवहन मंच (आईटीएफ) के साथ मिलकर नीति आयोग 24 जून बुधवार को “भारत में कार्बन मुक्त परिवहन सेवा ” परियोजना शुरू करेगा। इसका उद्देश्य भारत के लिए कम कार्बन उत्सर्जन वाली परिवहन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करना है।
भारत 2008 से ही परिवहन नीति तय करने वाले अंतर-सरकारी संगठन आईटीएफ का सदस्य है।
आईटीएफ के महासचिव यंग ताई किम और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत 24 जून को सार्वजनिक रूप से इस परियोजना का ऑनलाइन शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर आवास और शहरी मामलों तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा आईटीएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
इस कार्यक्रम के जरिए भारत में परिवहन और जलवायु हितधारकों को नियोजित परियोजना गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह भारत के परिवहन क्षेत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों के बारे में सूचनाएं उपलब्ध कराने के साथ ही कार्बन उत्सर्जन में कटौती से इसके संबंध को जानने का अवसर भी प्रदान करेगा। इसमें होने वाली परिचर्चा से परियोजना पर भारत की विशिष्ट जरूरतों और परिस्थितियों पर ध्यान केंद्र करने में मदद मिलेगी।
यह परियोजना भारत के लिए एक टेलर-निर्मित परिवहन उत्सर्जन आकलन की रूपरेखा तैयार करेगी। इसमें होने वाली परिचर्चा सरकार को देश की जरुरतों के अनुसार परियोजना गतिविधियों की विस्तृत समझ और इससे संबंधित कार्बन उत्सर्जन के आधार पर नीतिगत निर्णय लेने में मदद करेगी।
इसका शुभारंभ बुधवार 24 जून को भारतीय समयानुसार शाम पांच बजे किया जाएगा। कार्यक्रम शाम सात बजे तक चलेगा। इसे यूट्यूब पर https://youtu.be/l2G5x5RdBUM लाइव देखा जा सकता है।
“भारत में कार्बन मुक्त परिवहन सेवा “परियोजना अंतर्राष्ट्रीय परिवहन फोरम की “परिवहन प्रणाली ” को कार्बन मुक्त करने की व्यापक पहल का हिस्सा है। यह उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में परिवहन प्रणालियों को प्रदूषण मुक्त बनाने का एक वैश्विक अभियान है जिसके भारत, अर्जेंटीना, अजरबैजान और मोरक्को वर्तमान प्रतिभागी हैं। यह परियोजना आईटीएफ और जर्मनी के पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा इंस्टीट्यूट द्वारा समर्थित पहल है।