25 तोप अमेरिका में बनेगे जबकि अन्य भारत में
नई दिल्ली : भारत और अमेरिका ने बुधवार को 145 एम 777 हल्के हॉवित्जर के सौदे पर हस्ताक्षर किये. यह सौदा 5000 करोड़ रुपये का है. खबर है कि इस तोप को चीन से लगती हुयी सीमा पर तैनात किया जाएगा. बोफोर्स तोपों की खरीद के बाद भारत की और से किसी भी तोप की खरीद का यह पहला सौदा है।
कितने का सौदा ?
मिडिया में आई ख़बरों में यह दावा किया गया है कि भारत ने आज तोप खरीद के स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया. इससे तोपों के लिए भारत और अमेरिका के बीच अनुबंध को औपचारिक रूप दे दिया गया. उल्लेखनीय है कि सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने तकरीबन 5000 करोड़ रुपये की लागत से 145 हल्के हॉवित्जर तोपों की खरीद से संबंधित सौदे को हरी झंडी दी थी. भारत-अमेरिका सहयोग समूह (एमसीजी) की दो दिवसीय बैठक में हस्ताक्षर किया गया.
उल्लेखनीय है कि भारत-अमेरिका एमसीजी एक मंच है जिसकी स्थापना रणनीतिक और संचालन के स्तर पर एचक्यू इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ और अमेरिकी पैसिफिक कमान के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए किया गया था.
बैठक अमेरिकी सह-अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल डेविड एच बर्जर, कमांडर अमेरिकी नौसैनिक कोर बल, पैसिफिक के लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ, सीआईएससी, एचक्यू आईडीएस से मुलाकात के साथ शुरू हुई. एमसीजी बैठक की सह-अध्यक्षता एयर मार्शल ए एस भोंसले डीसीआईडीएस (ऑपरेशंस), एच क्यू आईडीएस ने की.
अमेरिकी रक्षा बलों का 260 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल
अमेरिकी रक्षा बलों का 260 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और भारतीय पक्ष की तरफ से तीन सेनाओं के एचक्यू और एचक्यू आईडीएस के कई अधिकारी द्विपक्षीय कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. एम 777 के मुद्दे पर सूत्रों ने बताया कि भारत ने अमेरिकी सरकार को एक अनुरोध पत्र भेजा था जिसमें तोपों की खरीद को लेकर दिलचस्पी जताई गई थी. संकेत है कि भारत इन तोपों को अरूणाचल प्रदेश के उंचाई वाले क्षेत्रों और चीन की सीमा से लगे लद्दाख के क्षेत्र में तैनात करेगा.
अनुबंध के अनुसार 25 तोप भारत में तैयार अवस्था में आएंगी जबकि शेष तोपों को महिंद्रा के साथ भागीदारी में भारत में स्थापित किए जाने वाली हथियार प्रणाली के लिए असेंबली इंटिग्रेशन एंड टेस्ट फैसिलिटी में जोडकर तैयार किया जाएगा.