नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) सहित सभी डाक कर्मचारियों को कर्तव्य निवर्हन के दौरान बीमारी का शिकार हो जाने पर 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का फैसला किया है। ये दिशानिर्देश जल्द प्रभावी हो जाएंगे और कोविड-19 के संकट की समाप्ति तक पूरी अवधि तक के लिए लागू रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि डाक विभाग अनिवार्य सेवाओं के तहत आता है. साथ ही 15 अप्रेल के गृह मंत्रालय का.ज्ञा. सं. 40-3/2020-डीएम-1 (ए) के पैरा -11 (iii) में इस बात का उल्लेख किया गया था । ग्रामीण डाक सेवक सहित डाक कर्मचारी ग्राहकों को मेल डिलीवरी, डाक घर बचत बैंक, डाक जीवन बीमा देने, एईपीएस सुविधा के तहत किसी भी बैंक और किसी भी शाखा से ग्राहकों के दरवाजे तक धन की निकासी को सरल बनाने के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, डाक घर स्थानीय राज्य प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों के साथ संपर्क कर देश भर में कोविड-19 किट, फूड पैकेट, राशन एवं अनिवार्य दवाओं आदि की डेलिवरी भी कर रहे हें। इस प्रकार, डाक घर विभागीय कर्तव्यों के साथ साथ कोविड-19 के संकट के समय सामाजिक प्रयोजन की भी सेवा कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने इनके काम को जोखिमभरा मानते हुए इन्हें कोरोना संक्रमण होने पर 10 लाख रु क्षतिपूर्ति के रूप में देनें का निर्णय लिया है.