नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के समक्ष आने वाली समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय में एक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। श्रीमती कौर बादल ने आज एक ट्वीट में कहा कि परिचालन और खाद्य उत्पादों के वितरण में किसी भी समस्या का सामना करने वाले उद्योग अपने प्रश्न [email protected] पर भेज सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार कृषि-खाद्य व्यवसाय की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए कारोबारियों और निवेशकों की मदद करने के लिए एक व्यापक संसाधन के रूप में एक बिजनेस इम्युनिटी प्लेटफॉर्म www.investindia.gov.in/bip डिजाइन किया गया है, ताकि परेशानी मुक्त परिचालन सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समय पर सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
इससे पहले आज खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में सचिव श्रीमती पुष्पा सुब्रह्मण्यम ने खाद्य उद्योग और उनके आपूर्तिकर्ताओं के निरंतर कामकाज की आवश्यकता के बारे में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा। इस पत्र के साथ आवश्यक खाद्य उत्पादों और उनके इनपुट की सूची संलग्न की गई है। सचिव ने कहा है कि जनता के लिए आपूर्ति श्रृंखला और भोजन की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए इन खाद्य उत्पादों का निर्बाध उत्पादन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए खाद्य आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने के लिए कच्चे माल, पैकेजिंग सामग्री की उपलब्धता, उन्हें ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही, उनके गोदामों और कोल्ड स्टोरेज का कामकाज तथा कारखानों और गोदामों में मज़दूरों के आने और काम करने की क्षमता सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में सचिव ने मुख्य सचिवों से कहा कि वे जिला कलेक्टरों, पुलिस और परिवहन अधिकारियों को निर्देश दें कि वे खाद्य उत्पादों के कारखानों के निरंतर काम करने, उनके उत्पादों और इनपुट/ कच्चे माल की आवाजाही और श्रमिकों को इन कारखानों में जाने की अनुमति देने में समर्थ बनाएं। उन्होंने राज्य स्तर पर एक नोडल अधिकारी को नामित करने का अनुरोध किया, जिसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और उद्योग आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान की घटनाएं बता सकें, ताकि फील्ड में उनको कारगर ढंग से हल किया जा सके।
पत्र के साथ संलग्न खाद्य उत्पादों की सूची
खाद्य को समझने के लिए, खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अनुसार ‘खाद्य’ की परिभाषा लागू होगी
निम्नलिखित का विनिर्माण, परिवहन, वितरण और रिटेल
- फल एवं सब्जियां
- चावल, गेहूं का आटा, अन्य अनाज और दालें
- चीनी और नमक, मसाले
- बेकरी और डेयरी (दूध और दूध से बने उत्पाद)
- चाय और कॉफी
- अंडे, मांस और मछली
- खाद्यान्न, तेल, मसाला और खाद्य सामग्री
- डिब्बाबंद भोजन और पेय पदार्थ
- हेल्थ सप्लीमेंट्स, न्यूटरास्यूटिकल्स, फूड फॉर स्पेशल डायटरी यूज़ (एफएसडीयू) और विशेष चिकित्सकीय प्रयोजन के लिए भोजन (एफएसएमपी)
- नवजात शिशु / शिशु आहार
- पशु चारा / पालतू पशु का भोजन
- उपर्युक्त उत्पादों के लिए खाद्य वितरण सेवाएं और ई-कॉमर्स
- खाद्य उत्पादों के लिए कोल्ड-स्टोरेज / गोदाम
- संयंत्रों / कारखानों के संचालन/विनिर्माण को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कोयला, चावल की भूसी, डीजल / भट्टी का तेल जैसे ईंधन तथा अन्य
- उत्पादों की उपरोक्त सूची की सहायता के लिए आवश्यक समस्त प्रकार के कच्चे माल, मध्यवर्ती, पैकेजिंग सामग्री
उदाहरण के लिए, कच्चे माल की सुझायी गई सूची डिब्बाबंद खाद्य और पेय उद्योग के लिए आवश्यक है-
डिब्बाबंद भोजन और पेय पदार्थ
- प्रिज़र्वटिव्स; प्रोटीन कान्सन्ट्रेट; अनिवार्य ऐमीनो अम्ल; आयोडीनयुक्त नमक; कनोला तेल; खाद्य वनस्पति तेल और वसा; दूध का पाउडर; शर्करा, ग्लूकोज़ या डेक्सट्रोज, गोंद या डेक्सट्रिन, माल्टोस डेक्सट्रिन, दुग्धशर्करा या लैक्टोज, शहद, अनाज शरबत या कॉर्न सिरप, जौ या माल्ट, तरल ग्लूकोज जैसे विभिन्न कार्बोहाइड्रेट;।
- फलों का रस, गूदा, कॉन्सेंट्रेट, शुगर, बेवरेज बेस कॉन्सेंट्रेट
- खाद्य योजक- इमल्सीफायर, पीएच एडजस्टिंग एजेंट, पोटेशियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, एंटीऑक्सिडेंट, एंजाइम, लेवनिंग एजेंट, रंग, स्वाद, ऐसिडिटी रेगुलेटर्स, निर्जलित उत्पाद।