मीडिया के सामने फिर आया पीड़ित परिवार
तीन माह बाद भी सीबीआइ जाँच शुरू नहीं
गवाहों के बयान दर्ज करने में भी कोताही
ईंसाफ के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
यूनुस अलवी
मेवात : मेवात जिला के बहुचर्चित डबल मर्डर डबल गैंगरेप डिंगर हेड़ी मामले में पीड़ित परिवार एक बार फिर मीडिया के सामने आया। बृस्पतिवार को पीड़ित परिवार ने नुहं के pwd रेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता कर अपना दुखड़ा सुनाया। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि 25 नवंबर की घटना को 3 महीने होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक न तो मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई है और ने ही पुलिस ने घटना के कुल 10 गवाहों के बयान दर्ज किये है।
10 में से केवल 3 गवाहों के बयान दर्ज
उनमें से केवल तीन के ही बयान दर्ज किए हैं। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि मेवात पुलिस आरोपियों को बचाने की फिराक में है क्योंकि 3 महीने के अंदर चालान पेश न किए जाने से आरोपियों को जमानत मिल सकती है वहीं पीड़ित परिवार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
घायल पीड़िता का भी नहीं दर्ज किया बयान
24 /25 अगस्त की रात्रि मेवात जिला के गांव डेगेरहेड़ी में डबल मर्डर घटना में घायल हुए पीड़िता आयशा का कहना है कि अभी तक पुलिस ने उनका बयान ही दर्ज नहीं किया हे। अन्य चश्मदीद गवाह एवं घायल ज़फरुद्दीन का कहना है कि उसने जब 20 अक्टूबर को मेवात एसपी को हलफनामा दिया तब 4 नवंबर को उसके बयान लिए गए है। चार चश्मदीद गवाहों में से केवल तीन के हीं बयान दर्ज की है। वहीं गैंगरेप की पीड़ित लड़कियों का आरोप है कि उनके बयान उस दौरान लिए गए थे जब वह किसी होश हवास में नहीं थी उसके बाद अभी तक पुलिस ने उनके पूछताछ की ना को ही बयान दर्ज किये है।
पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप
अवामी कौंसिल के महासचिव एवम सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट असद हयात का कहना है कि पुलिस आरोपियों को बचाने की फिराक में है नामजद आरोपियों में से पुलिस ने अभी तक केवल 4 ही आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि बाकी आरोपी को अभी पुलिस पकड़ नहीं सकी है। उनका कहना है कि 25 नवंबर को मामले के 90 दिन हो जाएंगे 90 दिन के अंदर चालान पेश न करने पर आरोपियों को जमानत मिल सकती है.
2 बेटे, देवर और ससुर को बताई थी सारी बातें
उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में शुरू से अब तक मेवात पुलिस आरोपियों की बचाने में लगी हुई है । उनका यह भी कहना है कि सीबीआई ने अभी तक इस मामले में जांच शुरू ही नहीं की है। वे इस मामले को हाई कोर्ट चंडीगढ़ ले गए है। उनका कहना है कि मिरतक राशिदन ने मरने से पहले अपने 2 बेटे और देवर और ससुर को घटना के बारे में बयांन दिए थे। उन गवाहों के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए है। उनका कहना है कि मरने वाला इब्राहिम की गांव के पास kmp रॉड के पुल के नीचे चाय आदि की दुकान थी। उनकी हरकतों की वजह से इक़बाल ने 2014 में अपनी दुकान बंद कर दी ।
क्या कहते हैं पुलिस कप्तान ?
वही मेवात पुलिस कप्तान का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और जब भी सीबीआई जांच शुरू करेगी मीडिया को बता दिया जाएगा.