मेवात डीएफ़एससीओ की कार्यशैली पर उठे सवाल

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राशन डीपो के लाइसेंस के लिए आवेदक को कथित मानसिक पीड़ा पहुचाने का मामला 

आवेदक ने भेजा लीगल नोटिस 

यूनुस अलवी

मेवात : पुन्हाना खण्ड के गांव पिपरौली का राशन डीपू का लाईसैंस लेने के लिये आवेदककर्ता को कथित रूप से बार-बार तंग किये जाने और उसके खिलाफ झूंठी शिकायत और रिपोर्ट बनाने को लेकर पीडित ने अपने अधिवक्ता हबीब अहमद की मार्फत जिला खाद्दय एवं पूर्ति नियंत्रक नूंह, पुन्हाना व फूड एंव सप्लाई इंस्पेक्टर कासम खान, पिपरौली के मौजूद सरपंच हनीफ और हारून को कानूनी नोटिस भेजकर कहा  है कि उसके मुवक्किल आरिफ को आर्थिक व मानसिक परेशानी देने के लिए एक लाख रूपये अदा करने तथा वकील की फीस देने के लिये एक सप्ताह के अंदर अदा करने की मांग की है। राशि अदा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने कि चेतावनी दी है। 

 

    गांव पिपरौली निवासी आरिफ पुत्र इसमाईल के अधिवक्ता हबीब अहमद ने जिला खाद्दय एवं पूर्ति नियंत्रक नूंह को कानूनी नोटिस भेजकर कहा कि ग्राम पंचायत पिपरौली ने उसके मुवक्किल के हक में गांव का राशन डीपू का लाईसैंस देने के लिये एक प्रस्ताव पास किया था। जिसे बीडीपीओ पुन्हाना ने दिनांक 18 मई 2016 को क्रमांक नंबर 234 के जरिये आप को भेजा था। उसके बाद दिनांक 19 जुलाई 2016 को डीएफएससी ने उसके मुवक्किल को लाईसैंस कि सिक्योरिटी जमा कराने के लिये पत्र लिखा था। उसके बाद उसके मुवक्किल ने सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में पांच हजार रूपये कि जमानत राशी जमा करा दी थी। इसके अलावा आप ने मेरे मुवक्किल कि पुलिस से चाल चलन और तहसीलदार से रिहाईशी की जानकारी मांगी थी जो सही पाई गई। इतना सब कुछ होने के बावजूद थी आप ने गांव पिपरौली के सरपंच और अन्य लोगों से साजबाद होकर अभी तक डीपू का लाईसैंस जारी नहीं किया है। 

 

     वहीं पुन्हाना ने फूड एंव सप्लाई इंस्पेक्टर कासम खान को भेजे कानूनी नोटिस में कहा गया कि आप ने मेरे मुवक्किल के बारे में रिपोर्ट जो दी थी वह रिश्वत ने देने की एवज में तथ्यों को छुपाकर गलत रिपोर्ट भेजी भी थी जबकी आप से पहले ही आप के समकक्ष अधिकारी ने मेरे मुवक्किल के तथ्यों और सबूतों के साथ रिपोर्ट भेजी थी जिसके आधार पर ही खाद्दय एंव आपूर्ति विभाग ने मेरे मुवक्किल को लाईसैंस जारी करने के लिये जमानत राशी जमा करने के आदेश दिये थे।

 

    वहीं गांव पिपरौली के मौजूदा सरपंच हनीफ को भेजे गये लीगल नोटिस में कहा गया कि ग्रामपंचायत ने उसके हक में राशन डीपू का लाईसैंस जारी करने के लिये एक सामुहिक प्रस्ताव पास कर बीडीपीओ कि मार्फत उच्च अधिकारियों को भेजा था। जब उनका लाईसैंस बनने ही वाला था तो सरपंच ने कुछ लोगों से साजबाज होकर उसके मुवक्किल का लाईसैंस ने बनाने के लिये खाद्दय एवं आपूर्ति विभाग को अपनी मूहर के साथ शिकातय की। सरपंच ने कई बार उसके मुवक्किल के हक में लिखा तो कई बार उसको लाईसैंस ने देने के बारे मेें लिया। ये सब आपने(सरपंच)मेरे मुवक्किल द्वारा रिश्वत ने देने कि वजह से किया है। जिसकी वजह से मेरे मुवक्किल आरिफ पुत्र इसमाईल निवासी पिपरौली को काफी अर्थिक और मानसिक परेशानी हुई है।

 

   ऐडवोकेट हबीब अहमद ने बताया कि चारों लोगों को अलग-अलग लीगल नोटिस भेजे गये हैं। उसके मुवक्किल को अर्थिक और मानसिक परेशान करने पर चारों से एक-एक लाख रूपये और वकील का खर्चा सहित एक सप्ताह में जवाब मांगा है। उनका कहना है कि अगर उसे एक सप्ताह में जवाब नहीं दिया गया तो चारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कि जाऐगी।

क्या कहते हैं आरोपी पक्ष

इस बारे में डीएफएससी सीमा ने अपना फोन रिसीव नहीं किया इस लिये उनकी प्रतिक्रया नहीं मिल सकी। वहीं फूड एंव सप्लाई इंस्पेक्टर कासम ने कहा कि अभी तक उनको कोई नोटिस नहीं मिला है और उसका पिपरौली मामले से कोई लेना देना नहीं हैं। वहीं गांव पिपरौली के सरपंच हनीफ ने कहा कि उनको नोटिस मिला है और इसका जवाब भी दे दिया गया है। उन्होने कहा कि वह भी शिकायतकर्ता आरिफ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अपने वकील से मशवरा कर रहा है।

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