नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार के स्वास्थ्य की जांच एम्स के चिकित्सकों के एक पैनल से कराने के निर्देश दिए। सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
शीर्ष अदालत ने एम्स के निदेशक द्वारा गठित इस चिकित्सक पैनल से चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। कुमार ने सेहत के आधार पर उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया था।
पांच अगस्त को न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ ने कहा था कि वह कुमार की जमानत याचिका पर मई 2020 में सुनवाई करेगी क्योंकि यह “साधारण मामला” नहीं है और किसी तरह का आदेश पारित किए जाने से पहले इस पर विस्तार से सुनवाई करने की जरूरत है।
पीठ ने कहा, “हमारी राय है कि एम्स के निदेशक द्वारा गठित डॉक्टरों की एक टीम याचिकाकर्ता (कुमार) की स्वास्थ्य स्थिति की जांच करे। चार हफ्ते के अंदर-अंदर रिपोर्ट दाखिल करें।”
कुमार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि वह पिछले 11 महीनों से जेल में हैं और उनका आठ से 10 किलोग्राम वजन घट गया है।
उन्होंने कहा कि कुमार कई बीमारियों से पीड़ित हैं और उनकी सेहत गंभीर रूप से खराब है।
इस पर पीठ ने कहा कि वजन कम होने का मतलब यह नहीं कि वह अस्वस्थ हैं लेकिन फिर भी, “हम डॉक्टरों की टीम से उनकी सेहत की जांच कराने का आदेश देते हैं।”
उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
कुमार को जिस मामले में सजा सुनाई गई थी वह 1984 में दिल्ली छावनी के राजनगर पार्ट-1 में पांच सिखों को मार डालने और राजनगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारा में आग लगाने से जुड़ा हुआ है।