पंचायतों को डिजिटल साक्षरता की ओर ले जाने की शुरू होगी मुहिम

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चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में शिक्षित पंचायतें देने के बाद अब पंचायतों को डिजिटल साक्षरता की ओर ले जाने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में विभाग द्वारा लागू 7 स्टार इंद्रधनुष योजना के तहत अगले वर्ष के लिये सभी पंचायतों को स्टार पाने के लिये पंजीकरण अनिवार्य किया गया है तथा स्टार योजना में डिजिटल लिटरेसी को एक नये मानदंड के रूप में शामिल किया जायेगा।
विकास एवं पंचायत मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़  ने आज यहां पंचकूला में 7 स्टार इंद्रधनुष योजना के तहत 6 जिलों की स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाली 1292 पंचायतों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जिसकी पंचायतें पढ़ी-लिखी हैं, सक्षम हैं, समर्थ हैं तथा विश्वसनीय हैं। उन्होंने स्टार प्राप्त करने वाली पंचायतों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे बेहतर से बेहतर कार्य कर अपने गांव का गौरव बढ़ायें ताकि आपके द्वारा किये गये काम को गांव के लोग याद रखें कि उक्त सरपंच के समय ग्राम पंचायत में यह अनूठा कार्य हुआ था।
श्री धनखड़ ने कहा कि गांव की गाथा लिखने के लिये गौरव पट्ट योजना शुरू की गई  जिस पर पूरे गांव का इतिहास, गांव के शहीदों, खिलाडिय़ों, दानवीरों व किसी न किसी क्षेत्र में गांव का गौरव बढ़ाने वाले अन्य प्रबुद्ध लोगों के नाम अंकित किये जाते हैं। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों का ग्राम गौरव ढांचा निर्मित करायें। इसके लिये विभाग के पास फंड हमेशा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गौरव पट्ट योजना के लिये पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने 20 से 25 हजार वीर शहीदों का डाटा नई पीढ़ी के लिये गौरव पट्ट योजना के माध्यम से उपलब्ध कराया है।
मंत्री ने कहा कि हरियाणा की गौरव पट्ट योजना को हिमाचल प्रदेश ने भी अपनाया है जो हरियाणा के लिये गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि हमने पंचायतों को सामाजिक सरोकार की ओर बढ़ाया है और पंचायतों ने भी इसमें भरपूर रूचि दिखाई है। प्रदेश की कुल 6207 पंचायतों में से 85 प्रतिशत पंचायतों ने 7 स्टार स्कीम के तहत पंजीकरण कराया है। इस साल 3930 अर्थात 63 प्रतिशत पंचायतों ने कोई न कोई स्टार प्राप्त किया है। ग्राम पंचायत को हर स्टार के लिये विकास कार्यों हेतु एक लाख रुपये अतिरिक्त रूप से दिये जाते हैं। इसके साथ ही 50 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि उन पंचायतों को दी जाती है जहां पर लिंगानुपात सुधार हुआ है तथा जिन्होंने पर्यावरण सरंक्षण में स्टार प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि आज सम्मान प्राप्त करने वाली अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, यमुनानगर व पानीपत की 1292 पंचायतें हैं जिनमें एक स्टार पाने वाली 482, दो स्टार वाली 474, तीन स्टार वाली 262 तथा चार स्टार पाने वाली 73 पंचायत शामिल हैं।
श्री धनखड़ ने कहा कि विकास एवं पंचायत मंत्री होने के नाते उनके लिये यह फख्र की बात है कि 2312 पंचायतें ऐसी हैं जिनमें कोई मुकदमेबाजी नहीं है, 3604 पंचायतें ऐसी हैं जहां हर बच्चा स्कूल जाता है, 240 पंचायतें ऐसी हैं, जहां प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाता और लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं। इसके अलावा, 203 पंचायतें ऐसी हैं जिन्होंने गुड गवर्नेंस को अपनाया है तथा 103 पंचायतें ऐसी हंै जिन्होंने सामाजिक सहभागीदारिता के साथ अपने गांव में विकास कार्य को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि बीस पंचायतों ने 6 स्टार प्राप्त किये हैं तथा 58 पंचायतों ने 5 स्टार प्राप्त किये हैं। इन पंचायतों को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र तोमर ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में आयोजित एक कार्यक्रम में स्टार देकर सम्मानित किया था।
विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि यह हरियाणा के लोगों के लिये गर्व की बात है कि इस प्रदेश ने दुनिया के बेहतर से बेहतर सैनिक, खिलाड़ी, किसान दिये हैं और अब शिक्षित, सक्षम, समर्थ व विश्वसनीय पंचायत देने की मिशाल कायम की है। उन्होंने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में हरियाणवी समाज में एक नया बदलाव देखने को मिला। इस चुनाव में चुने हुए प्रतिनिधियों की औसतन आयु 33 वर्ष थी, चुनाव में 56 प्रतिशत सदस्य सर्व सम्मति से चुने गये। महिलाओं के लिये आरक्षित 33 प्रतिशत सीटों पर 42 प्रतिशत महिलायें जीत कर आई, अनुसूचित जाति के लिये निर्धारित 20 प्रतिशत सीटों पर 25 प्रतिशत प्रत्याशी जीत कर आये तथा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित 5 प्रतिशत सीटों पर 30 प्रतिशत तक प्रतिनिधि चुनकर आये।
उन्होंने कहा कि हमने पंचायतों को 20 लाख रुपये तक के विकास कार्य अपने स्तर पर करने के लिये अधिकृत किया। अब ग्राम पंचायतों में अगर कोई व्यक्ति जाये तो उसे पैसा लगा हुआ दिखता है चाहे वह इंटर लाकिंग गलियों की बात हो या पक्की गलियों या पार्कों की बात हो या तालाबों के पानी को उपचारित करने के लिये तीन या पांच पोंड प्रणाली की बात हो।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक श्री ज्ञान चंद गुप्ता, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल तथा निदेशक सुशील सारवान भी उपस्थित थे।

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