चुनाव खर्च ब्यौरा नहीं देने वाले 28 प्रत्याशी 3 साल के लिए अयोग्य
गुरुग्राम : राज्य चुनाव आयुक्त दलीप सिंह ने आज गुरुग्राम पंहुचकर जिला में नगर निगम व नगर पालिका चुनाव के बाद चुनावी खर्चें का ब्यौरा नहीं देने वाले 28 प्रत्याशियों को 3 साल के लिए अयोग्य घोषित किया है। अयोग्य किए गए प्रत्याशी अगले 3 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि गुरुग्राम में नगर निगम पार्षदों का कार्यकाल लगभग 5 महीने पहले पूरा हो चुका है। फरीदाबाद में वार्डबंदी का कार्य पूरा कर लिया गया है और अब वहां मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है जो इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद फरीदाबाद में नगर निगम के चुनाव कभी भी करवाए जा सकते हैं।
वर्ष 2011 से अब तक नहीं दिया व्योरा
गुरुग्राम में संवाददाताओं से मुखातिब होते हुए श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2011 में हुए गुरुग्राम जिला में नगर पालिका व नगर निगम चुनावों में चुनाव हारने वाले काफी प्रत्याशियों ने अभी तक अपने चुनाव खर्चे का ब्यौरा व जानकारी राज्य चुनाव आयोग को नहीं दी है इसलिए, जिला के ऐसे 146 प्रत्याशियों को आयोग द्वारा नोटिस दिए गए थे।
30 दिन के अंदर-ब्यौरा देना अनिवार्य
इनमे 119 प्रत्याशी गुरुग्राम से, 13 फरूखनगर तथा 14 हैलीमंडी से थे। इन प्रत्याशी को आज नोटिस का जवाब देने तथा व्यक्तिगत सुनवाई के लिए गुरुग्राम में बुलाया गया था। इनमे से जिला के 44 प्रत्याशी आयोग के समक्ष पेश हुए जिनमें सेे 28 प्रत्याशियों को खर्च का ब्यौरा नहीं देने पर डिस्क्वालिफाईं कर दिया गया। उन्होंने बताया कि जिन प्रत्याशियों ने आज भी चुनावी खर्च का ब्यौरा दिया है, उसे भी आयोग द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। नियम अनुसार प्रत्येक प्रत्याशी, चाहे हारे या जीते, को चुनाव संपन्न होने के 30 दिन के अंदर-अंदर अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा देना अनिवार्य होता है।
प्रदेश के 1128 प्रत्याशियों को नोटिस
उन्होंने बताया कि पूरे हरियाणा राज्य में इस प्रकार के 1128 प्रत्याशियों को नोटिस दिए गए हैं और वे लगभग आधे प्रत्याशियों की सुनवाई भी कर चुके है। अब तक वे पंचकुला, अंबाला, भिवानी, रोहतक, पानीपत, फरीदाबाद तथा गुरुग्राम का दौरा कर सुनवाइ्र्र कर चुके है। श्री दलीप सिंह ने बताया कि प्रदेश स्तर पर आयोग द्वारा अब तक 258 प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि अपना चुनावी खर्च का ब्यौरा देने के प्रति प्रत्याशियों का रवैया गंभीर नहीं था, इसीलिए वे जिलों में जाकर जागरूकता लाना चाहते हैं ताकि सभी प्रत्याशी भविष्य में खर्च का ब्यौरा समय पर दें। उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान कई प्रत्याशियों ने बताया कि वे इस बारे में अनभिज्ञ थे कि चुनाव हारने वालें को भी अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा आयोग को देना होता है।
गुरुग्राम नगर निगम की वार्डबंदी जारी
एक सवाल के जवाब मे चुनाव आयुक्त ने कहा कि भविष्य में उनका प्रयास रहेगा कि अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं देने वाले प्रत्याशियों को नोटिस देने, सुनवाई आदि का कार्य चुनाव संपन्न होने के एक वर्ष के भीतर ही पूरा कर लिया जाएगा। जिला गुरुग्राम व फरीदाबाद नगर निगम चुनावों के बारे में पूछे गए प्रश्रों के जवाब में बोलते हुए उन्होंने कहा संविधान के अनुसार हर 5 साल में किसी भी चुनाव की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए लेकिन गुरुग्राम में नगर निगम क्षेत्र की वार्डबंदी का कार्य चल रहा है, जिसकी वजह से चुनाव नहीं करवाए जा सके।
गुरुग्राम में नगर निगम पार्षदों का कार्यकाल लगभग 5 महीने पहले पूरा हो चुका है। साथ ही उन्होंने बताया कि फरीदाबाद में वार्डबंदी का कार्य पूरा कर लिया गया है और अब वहां मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है जो इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद फरीदाबाद में नगर निगम के चुनाव कभी भी करवाए जा सकते हैं।