दिल्ली कांग्रेस ने गठबंधन का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ा

Font Size

नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर लंबे समय से चली आ रही ऊहापोह की स्थिति के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और तालमेल का फैसला उन पर छोड़ दिया।

गांधी से मुलाकात के दौरान आप के साथ तालमेल को लेकर एक बार फिर दो राय सामने आई।

सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित तथा तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारुन यूसुफ, राजेश लिलोठिया और देवेंद्र यादव तथा कुछ अन्य नेताओं ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने के रुख को दोहराया तो पूर्व अध्यक्ष अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, ताजदार बाबर और अरविंद सिंह लवली ने गठबंधन की पैरवी की।

बैठक में शामिल एक नेता ने बताया कि मुलाकात के दौरान कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने प्रदेश में पार्टी के 12 जिला अध्यक्षों, वरिष्ठ नेताओं और तीन नगर निगमों में पार्टी के पार्षदों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भी गांधी को सौंपे जिनमें गठबंधन की पैरवी की गई है।

सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के बारे में फैसला राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया है।

आप दिल्ली में कांग्रेस के गठबंधन की पैरवी करती आ रही है, लेकिन कांग्रेस ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है।

बहरहाल, कांग्रेस का स्पष्ट रुख नहीं होने पर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

गौरतलब है कि दिल्ली की सभी सातों सीटों पर एक चरण में मतदान होगा। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को मतदान होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी।

You cannot copy content of this page