गुरुग्राम। देश में सेना या अर्धसैनिक बल हो या फिर राज्य पुलिस बल के जवान या अधिकारी , ड्यूटी के दौरान अपनी जान की बाजी लगा कर उत्तरदायित्व का निर्वहन करने को सदा तत्पर रहते हैं। इसके ढेरों अनुकरणीय उदाहरण देखने को मिलते हैं। और हरियाणा पुलिस का इतिहास भी ऐसे जवानों व अधिकारियो के नाम से भरा हुआ है। हरियाणा पुलिस के रिकॉर्ड में उस वक्त एक और पुलिसकर्मी का नाम जुड़ गया जब ईलाज के दौरान पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करने वाले एक कैदी को गुरुग्राम में तैनात सिपाही रामचन्द्र नं. 4/726 IRB ने नाकाम कर दिया। कैदी ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी की आँखों में मिर्च डालकर भागने की कोशिश की थी लेकिन उक्त सिपाही के मजबूत इरादे के सामने कैदी का आपराधिक कृत्य पूरी तरह विफल हो गया।
उल्लेखनीय है कि जिला जेल भौन्डसी में पोक्सो एक्ट के अपराध में बन्द कैदी मनोज उर्फ मोनी पुत्र मेल सिंह निवासी बिल्हेङा, बहादुरगढ, जिला झज्जर, उम्र 27 वर्ष की तबीयत खराब होने के कारण सिविल अस्पताल, गुरुग्राम में ईलाज के लिए आज यानी शुक्रवार को दाखिल कराया गया था ।
पुलिस लाईन में तैनात सिपाही रामचन्द्र नं. 4/726 IRB को उक्त कैदी की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।
गुरुग्राम पुलिस के पीआरओ सुभाष बोकन के अनुसार शुक्रवार को करीब 11.30 बजे दिन में उक्त आरोपी ने उसकी सुरक्षा में तैनात सिपाही रामचन्द्र की आँखों में लाल मिर्च पाऊडर झोंक कर उसे चकमा देने की कोशिश की। इसका फायदा उठाकर आरोपी हिरासत से भागने की फिराक में था और किन्तु अपनी ड्यूटी पर सतर्कता से तैनात सिपाही रामचन्द्र ने लाल मिर्च से उनकी आंखों में होने वाली असहनीय पीड़ा को नजरअंदाज करते हुए एक साहसी व निडर पुलिसकर्मी का परिचय दिया। शरीर के सबसे कोमल अंग आंखों के लिए उत्पन्न इस अतिपीड़ादायक स्थिति में भी रामचंद्र ने उस विकृत मानसिकता वाले कैदी पर अपनी मजबूत पकङ बनाये रखा। अंततः उनका साहस कैदी की आपराधिक मंशा पर हावी रहा और उक्त कैदी को भागने की कोशिश को नाकाम कर दिया। सिपाही रामचंद्र उसे मजबूती से पकङे रहा।
बोकन ने बताया कि कैदी मनोज के खिलाफ वर्ष 2018 में महिला थाना पश्चिम, गुरुग्राम में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था । इस मामले में वह जेल में बन्द था। पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करने पर कैदी आरोपी मनोज उर्फ मोनू के खिलाफ थाना सिविल लाईन्स, गुरुग्राम में धारा 224, 332, 353, 186 व 120बी भा.द.स. के तहत मामला दर्ज किया गया है ।
आरोपी से पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उसने जेल में ही पुलिस हिरासत से भागने का प्लान तैयार कर लिया था और इसलिए ही जेल से ही वह लाल मिर्च पाऊडर अपने पास लेकर आया था। उसने सिपाही रामचंद्र को पहले बातों में फंसाने की कोशिश की और फिर अचानक ही आंखों में लाल मिर्च का पाउडर झोंक दिया लेकिन उसकी यह रामचंद्र के हौसले के सामने उसकी चालबाजी परास्त ही गयी और वह कानून की गिरफ्त से नहीं भाग सका।
उक्त कैदी को थाना सिविल लाईन्स के अभियोग में प्रोडक्शन वारन्ट पर लेकर नियमानुसार गिरफ्तार किया जाएगा । पुलिस इस अप्रत्याशित घटना की जांच में जुटी हुई है। पुलिस के लिये यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर उसे जेल में रहने के बावजूद किसने लाल मिर्च पहुंचाई और और उसके भागने के इस नाकाम कोशिश की योजना में और कौन मददगार था।