नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आगामी लोकसभा चुनाव को दो विचारधाओं का युद्ध करार दिया। उन्होंने इसकी तुलना ‘पानीपत के तीसरे युद्ध’ से करते हुए कहा कि इसका असर सदियों तक रहेगा, इसलिए इसे जीतना जरूरी है। उन्होंने याद दिलाया कि 131 युद्ध जीतने वाली मराठा सेना जब एक युद्ध हार गई थी, तो 200 साल की गुलामी झेलनी पड़ी थी।
दिल्ली के रामलीला मैदान में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अमित शाह ने कहा कि कुछ युद्ध हार-जीत तक सीमित होते हैं, कुछ युद्धों का असर एक-आध दशक तक होता है, लेकिन कुछ युद्धों का प्रभाव सदियों तक रहता है। मैं मानता हूं कि 2019 का युद्ध सदियों तक असर डालने वाला है और इसलिए यह युद्ध जीतना जरूरी है।
इस युद्ध में एक तरफ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व गरीब कल्याण की विचारधारा है। ..वहीं दूसरी तरफ स्वार्थ व सत्ता के लिए एकजुट लोगों का जमघट है, जिनका न कोई नेता है और न नीति है। विपक्षी दलों की गठबंधन की पहल को ढकोसला करार देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा गरीबों के कल्याण और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को आगे बढ़ा रही है ,जबकि विपक्षी दल केवल सत्ता के लिए साथ आ रहे हैं।