राजस्थान में पैसे लेकर कांग्रेस पार्टी के टिकट पैनल में नाम जोड़ने वाले चार सहप्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं

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राहुल गांधी ने चारों को टिकट वितरण की बैठक से अलग किया

सहप्रभारियो की पैनल सूची खटाई में

जयपुर । कांग्रेस पार्टी के अंदर और बाहर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि अध्यक्ष राहुल गांधी की कथनी-करनी में अंतर है। इस चर्चा का आधार यह है कि चारों सह प्रभारियों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। हालांकि बार-बार मीडिया में यह खबर आई है कि चारों सह प्रभारियों ने पैसे लेकर टिकट पैनल में नाम जोड़े है और इस मामले को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर पर हंगामा भी हो चुका है।

लेकिन अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष ने इन चारों सह प्रभारियों को केवल टिकट वितरण से दूर रखा है। दूसरी तरफ अब नए सिरे से टिकट वितरण की कवायद तेज हो गई है।
पीसीसी चीफ सचिन पायलट बीते दिनों यह बयान जारी कर चुके हैं कि दिवाली के बाद पहली सूची जारी होगी। माना जा रहा है कि पहली सूची में वह नाम होंगे जिन पर कोई विवाद नहीं है।

टिकट वितरण के लिए अनौपचारिक बैठकों का दौर जारी है जबकि अब चारों सह प्रभारियों के पैनल की कोई अहमियत नहीं रह गई है। उनके द्वारा तैयार सूची भी खटाई में पड़ गयी है।

खबर यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी स्क्रीननिंग कमेटी की अध्यक्षा कुमारी शैलजा, संगठन महासचिव, अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ सचिन पायलट की राय को ही अहमियत दे रहे हैं। सह प्रभारियों को इस व्यवस्था से अलग रखा जा रहा है लेकिन उन्हें हटाने जैसी कोई कार्रवाई नहीं को गयी है और न ही इस बात का कोई निर्णय लिया गया है कि विधानसभा चुनाव में आगे चारों सह प्रभारियों की क्या भूमिका होगी। विधान

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में टिकट वितरण में पैनल में नाम जोड़ने में भेदभाव को लेकर कांग्रेस के सह प्रभारी विवेक बंसल, काजी निजामुद्दीन, तरुण कुमार और देवेंद्र यादव पर भी आरोप पैसे लेकर नाम जोड़ने के आरोप लगे हैं। के पैराशूट उम्मीदवारों के नाम सूची में जोड़ने की बात सामने आई है।

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