भारत के एमएसएमई के लिए खुलेंगे रूस के दरवाजे

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मंत्रिमंडल ने सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) के क्षेत्र में भारत और रूस के बीच समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल ने सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) और रूस के जेएससी-रूसी लघु एवं मध्‍यम व्‍यापार निगम (आरएसएमबी निगम) के बीच समझौता-ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने की मंजूरी दे दी। रूस के राष्‍ट्रपति के भारत आगमन के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए जाएंगे।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्‍य दोनों देशों के लघु एवं मध्‍यम उद्यमों के बीच सहयोग को बढ़ाना है। इससे दोनों देशों के एमएसएमई क्षेत्र में ठोस रूपरेखा और सक्षम माहौल पैदा होगा। इसके जरिए दोनों देश एक-दूसरे की शक्तियों, बाजारों, प्रौद्योगिकियों, नीतियों आदि को समझने में सक्षम होंगे। समझौता-ज्ञापन के जरिए दोनों देशों के उद्यमों के बीच सहयोग बढ़ेगा और एमएसएमई क्षेत्र में प्रौद्योगिकी अंतरण, संयुक्‍त उपक्रम और व्‍यापारिक साझेदारी के संबंध में सतत व्‍यापारिक गठबंधन शुरू करने में मदद मिलेगी। क्षमता निर्माण, उद्यमशीलता विकास की शुरूआत, प्रदर्शनियों के जरिए एक-दूसरे के बाजार में भागीदारी बढ़ाने के विषय को भी समझौत-ज्ञापन में शामिल किया गया है।

इस सहयोग से भारतीय एमएसएमसी क्षेत्र में नये अवसरों के द्वार खुलने की उम्‍मीद है। नये बाजार, संयुक्‍त उपक्रम, उत्‍कृष्‍ट व्‍यवहारों और प्रौद्योगिकी सहयोग के जरिए इसकी पूर्ति की जाएगी। एनएसआईसी को इस तरह के सहयोग का बहुत अनुभव है, इसलिए समझौता-ज्ञापन की गतिविधियों को लागू करने के लिए यह एक उचित संगठन है।

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