चीन की सीमा पर तैनाती के लिए तोप की खरीद

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145 अल्ट्रा-लाइट होवित्‍जर तोपों की खरीद को मंजूरी

 

अमेरिका से होगा  5,000 करोड़ का समझौता

 

नई दिल्ली : भारत लगातार अपनी सीमा कि सुरक्षा को लेकर मजबूत कदम उठाते जा रहा है. अभी फ्रांस व रूस के साथ कई समझौते कर चुकी नरेन्द्र मोदी सरकार अब अमेरिका से 145 अल्ट्रा-लाइट होवित्‍जर तोपों की खरीद सम्बन्धी  समझौते करने कि दिशा में बढ़ रही है. खबर है कि इस प्रस्ताव पर भी शीघ्र ही  हस्ताक्षर हो सकते हैं। तोप की यह खरीद करीब 5,000 करोड़ की होगी. कहा जा रहा है कि ये तोप खास तौर से चीन की सीमा से लगे अरूणाचल प्रदेश और लद्दाख के क्षेत्रों में तैनात किये जायेंगे.

 

 

सैन्य शक्ति में मजबूती आएगी

 

इससे पूर्व पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी के जमाने में बोफोर्स तोप की खरीद हुयी थी. लेकिन इसमें घोटाले का खुलासा होने के बाद विवाद लम्बा चला. हालाँकि इस तोप का उपयोग कारगिल युद्ध में जमकर हुआ. लम्बे अर्से बाद तोप खरीद का  यह पहला सौदा होगा। कहा जा रहा है की  इस तोप की खरीद से देश की  सैन्य शक्ति में मजबूती आएगी.

 

सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के समक्ष

 

सूत्र बताते हैं कि रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एम 777 तोपों की खरीद के लिए फाइल को स्वीकृति प्रदान कर दी है. अब यह मामला वित्त मंत्रालय के  पास भेजा संस्तुति के लिए भेजा गया है. नियमतः इसे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के समक्ष रखा जाएगा. संभव है कि इसमें कुछ बदलावों भी किये जा सकते हैं.

 

25 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता

 

इस 25 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता वाले तोपों की आपूर्ति की समयसीमा कम करने के संकेत है. भारत सरकार कि ओर से अमेरिकी सरकार को इस आशय का आग्रह पत्र भेजा गया था। रक्षा सूत्र बताते है कि इन तोपों को चीन की सीमा से लगे अरूणाचल प्रदेश और लद्दाख के क्षेत्रों में तैनात करने कि योजना है.

अमेरिका ने भारत के आग्रह को स्वीकार कर लिया था. रक्षा मंत्रालय में इसकी शर्तों पर विचार किया गया था और खरीद के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी.

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