32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड संदेह के दायरे में
एटीएम पिन बदलने की सलाह
नई दिल्ली : एटीएम् कार्ड को लेकर चल रहे हाय तौबा में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को डेबिट कार्ड डाटा में सेंधमारी के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. देश के बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाली इस सबसे बड़ी सेंधमारी से देश की बैंकिंग व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है. इससे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई बैंकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड संदेह के दायरे में आ गए हैं.
साइबर अपराध से निपटने की तैयारी पर सवाल
केंद्रीय वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक व अन्य बैंकों से इस प्रकार के साइबर अपराध से निपटने की तैयारी के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने डेबिट कार्ड मुद्दे पर रिपोर्ट देने को कहा है। बताया जाता है कि स्टेट बैंक सहित कई बैंकों ने बड़ी संख्या में अपने ग्राहकों से डेबिट कार्ड वापस मंगवाए हैं. कुछ बैंकों ने एटीएम कार्डों पर रोक लगा दी है . कुछ बैंकों ने ग्राहकों से पिन बदलने को कहा है.
देश में 60 करोड़ डेबिट कार्ड हैं.
उल्लेखनीय है कि इस समय देश में लगभग 60 करोड़ डेबिट कार्ड हैं. इनमे 19 करोड़ रूपे कार्ड हैं जबकि बाकी वीजा व मास्टरकार्ड हैं। अब तक 19 बैंकों ने धोखाधड़ी से पैसे निकालने की घटना को माना है. कुछ बैंकों के एटीएम कार्ड का चीन व अमेरिका सहित अन्य देशों में इस्तेमाल करने कि बात सामने आई है जबकि ग्राहक भारत में हैं।
त्वरित कार्रवाई का आश्वासन
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने भी डेबिट कार्ड डाटा चोरी मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. सूत्रों का कहना है कि एसबीआई ने लगभग छह लाख कार्ड वापस मंगवाए हैं। वहीं बैंक आफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, सेंट्रल बैंक व आंध्रा बैंक डेबिट कार्ड बदल रहे हैं।
दूसरी तरफ प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और यस बैंक ने अपने ग्राहकों से एटीएम पिन बदलनेकी सलाह दी है। कहा जा रहा है कि यह सुरक्षा चूक हिताची पेमेंट्स सर्विसेज की प्रणाली में एक मालवेयर के जरिए हुई है।