नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील संगठन के शासनकाल में दिए गए कर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को पूछा कि राजग सरकार को यह बताना चाहिए कि उनके समय में दिए गए कितने ऋण डूब गए। कांग्रेस नेता ने इस संबंध में कई ट्वीट किए। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘मई 2014 के बाद कितना कर्ज दिया गया और उनमें से कितनी राशि डूब (नॉन पर्फोर्मिंग एसेट्स) गई। चिदंबरम ने कहा कि यह सवाल संसद में पूछा गया लेकिन अब तक इस पर कोई जवाब नहीं आया है।’
शनिवार को प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को एनपीए के लिये जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि 12 बड़े डिफॉल्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। इन पर 1.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और उन्हें 2014 से पहले यह कर्ज दिया गया था। मोदी ने कहा था कि 27 अन्य बड़े डिफॉल्टरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन पर तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये का बकाया है।
चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब कहते हैं कि संप्रग सरकार के समय दिए गए कर्ज डूब गए, इस बात को अगर सही मान भी लिया जाए तो उनमें से कितने कर्जों का मौजूदा राजग सरकार के कार्यकाल में नवीकरण किया गया और उनमें से कितने को रॉल ओवर (वित्तीय करारनामे की शर्तों पर पुन: समझौता करना) (मतलब एवरग्रीनिंग) किया गया। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘उन कर्जों को वापस क्यों नहीं लिया गया? उन कर्जों को एवरग्रीन क्यों किया गया।’ एवरग्रीन ऋण ऐसा कर्ज होता है जिसमें एक खास अवधि के भीतर मूलधन का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है।’