कपाला / यूगांडा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज युगांडा में भारतीय समुदायों को संबोधित किया। राजधानी कंपाला में आयोजित इस समारोह में युगांडा के राष्ट्रपति मुसेवनी भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे यहां युगांडा में रह रहे भारतीय समुदाय से एक अलग तरह का भावनात्मक लगाव महसूस हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुसेवनी का आज के इस समारोह में उपस्थित होना यह दर्शाता है कि उन्हें युगांडा में रह रहे भारतीयों और भारत से कितना प्यार है। उन्होंने राष्ट्रपति मुसेवनी और युगांडा की जनता को कल (बुधवार) को युगांडा की संसद को संबोधित करने का सम्मान देने के लिए तहे दिल से धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और युगांडा के बीच संबंध सदियों पुराना है। उन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष और युगांडा में रेल निर्माण कार्य सहित दोनों देशों के बीच के ऐतिहासिक संबंधों को याद किया। उन्होंने कहा कि कई भारतीयों ने भी युगांडा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने इस अवसर पर सांस्कृतिक प्रदर्शन में परिलक्षित भारतीयता की भावना को जीवंत बनाए रखने के लिए भारतीय समुदाय की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि युगांडा सहित सारे अफ्रीकी देश भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का इतिहास, एक बड़े भारतीय प्रवासी और आम विकास की चुनौतियां, इसके कारण हैं।
उन्होंने आज कहा कि भारत आज विश्व में तेजी से बढ़ती हुई अर्शव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत अब कारों और स्मार्टफोनों का निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी भारत के लोगों के लिए सशक्तिकरण का साधन बन रहा है; और देश स्टार्टअप के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है।
प्रधानमंत्री ने भारत की विदेश नीति में अफ्रीका के महत्व की बात की। इस संदर्भ में, उन्होंने नई दिल्ली में 2015 में आयोजित भारत–अफ्रीका फोरम सम्मेलन का उल्लेख किया। उन्होंने भारत और अन्य अफ्रीकी देशों के बीच अन्य उच्चस्तरीय द्विपक्षीय भागीदारी का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने अन्य पहलों जैसे 3 अरब डॉलर से अधिक के क्रेडिट वाली परियोजनाएं; छात्रवृत्ति; और ई–वीजा व्यवस्था का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के सभी सदस्य देशों में से आधे अफ्रीका से हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एशिया और अफ्रीका के राष्ट्र नए विश्व व्यवस्था में एक मजबूत भूमिका निभा रहे हैं।