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– उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में दी जानकारी
गुरुग्राम, 28 जून। गुरुग्राम शहर में आयुध डिपो के 300 मीटर दायरे में बने निर्माण तथा संपत्ति का मुआवजा निर्धारण करने के लिए करवाए गए सर्वे के बाद वहां रहने वाले लोगों से चार हजार दावे व आपतियां प्राप्त हुई हैं। इनमें ज्यादात्तर आपतियां संपत्ति के क्षेत्रफल, मलकीयत अथवा निर्माण के प्रकार को लेकर हैं।
इस बारे में जानकारी आज गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने लघु सचिवालय के 5वें तल पर स्थित मीडिया सैंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने बताया कि डिफेंस एक्ट के तहत आयुध डिपो के 900 मीटर दायरे में निर्माण प्रतिबंधित है और इस मुद्दे को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका भी विचाराधीन है। श्री सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा गठित कमेटी ने सैद्धांतिक रूप से प्रतिबंधित दायरा 900 मीटर से घटाकर 300 मीटर करने की स्वीकृति दे दी है। न्यायालय के आदेश पर 300 मीटर दायरे में स्थित संपतियों का सर्वे नगर निगम द्वारा करवाया गया है ताकि उन संपतियो का मुआवजा निर्धारित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इस सर्वे रिपोर्ट पर जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों से दावे व आपतियां मांगी गई थी। दावे व आपतियां दर्ज करवाने के लिए निर्धारित पिछले सप्ताह ही समाप्त हुआ है। श्री सिं के अनुसार जिला प्रशासन को लगभग चार हजार दावे व आपत्तियां प्राप्त हुई हैं जिनमें ज्यादात्तर अचल संपत्ति के क्षेत्रफल, मलकीयत तथा निर्माण के प्रकार को लेकर हैं। उन्होने बताया कि अब नगर निगम द्वारा फील्ड विजिट करवाकर दावे व आपत्तियों की पुष्टि की जाएगी। उसके बाद ही मुआवजा निर्धारण को लेकर कार्यवाही आगे बढेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में वर्तमान स्थिति यह है कि आयुध डिपो के 900 मीटर दायरे में उच्च न्यायालय का स्टे है और दायरे में कोई भी नया निर्माण करने की अनुमति नही है।
-9 एकड़ में बनेगा गुरुग्राम का नागरिक अस्पताल भवन
संवाददाता सम्मेलन में उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि वर्तमान में बने गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल के भवन का विस्तार किया जाएगा जिसके लिए सात लगते राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की लगभग 3 एकड़ भूमि को मिलाकर लगभग 9 एकड़ भूमि पर ‘एल’ आकार में बहुमंजिला आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित भवन बनाया जाएगा जिसमें बहुस्तरीय पार्किंग का प्रावधान भी होगा।
उपायुक्त ने बताया कि ग्रीष्म अवकाश समाप्त होने के बाद विद्यालय की तीन एकड़ भूमि स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित करने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले इस तीन एकड़ भूमि में बहूमंजिला भवन का निर्माण होगा, तब तक वर्तमान नागरिक अस्पताल में मरीजो को स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती रहेंगी। विद्यालय परिसर में अस्पताल का नया बहुमंजिला भवन बनने के बाद स्वास्थ्य सेवाएं वहां से लोगों को उपलब्ध करवाई जाएंगी और वर्तमान जर्जर हो चुके भवन को गिरा कर उसके स्थान पर नया भवन बनाया जाएगा। इस प्रकार गुरुग्राम का नागरिक अस्पताल भवन लगभग 9 एकड़ में बनेगा।
एक सवाल के जवाब में उपायुक्त ने बताया कि अब राज्य सरकार द्वारा स्कूल के लिए नार्म में बदलाव किया गया है और गुरुग्राम जैसे शहरो मे एक एकड़ में भी स्कूल चलाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान नागरिक अस्पताल का स्थान इसलिए नहीं बदला जा रहा क्योंकि यह पुराने गुरुग्राम शहर की काफी आबादी को कवर करता है।
– शीतला माता मंदिर का नया भवन बनाने के लिए नवरात्रों में होगा शिलान्यास
उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि गुरुग्राम में स्थित प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। अभी मंदिर का नया भव्य और सुंदर भवन बनाने के लिए कंसलटैंट की नियुक्ति की जा चुकी है जो इस भवन का डिजाइन तैयार करके देगा। उन्होंने बताया कि डिजाइन तैयार होने के बाद श्री माता शीतला पूजा स्थल बोर्ड की बैठक में उस डिजाइन को रखा जाएगा और इस बैठक में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को भी आमंत्रित किया जाएगा। डिजाइन को बोर्ड द्वारा स्वीकृत किए जाने के बाद आने वाले अक्तुबर माह में होने वाले नवरात्रो के दौरान मंदिर के नए भवन का शिलान्यास किया जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि यह भवन चरणबद्ध तरीके से बनाया जाएगा ताकि श्रद्धालुओ को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
– विवादित सरस्वती कुंज मामले को सुलझाने के किए जा रहे हैं प्रयास।
– मामले में गठित आयोग अगले महीने सरकार को सौपेगा रिपोर्ट
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने आज कहा कि गुरुग्राम में सरस्वती कुंज का पुराना मामला चला आ रहा है जिसे सुलझाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सन् 2017 में एक आयोग नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि सरस्वती कुंज नामक रिहायशी सोसायटी में वास्तविक सदस्यों व आवंटियो की संख्या को लेकर काफी लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। उन्होंने बताया कि इस मामले में सरकार द्वारा गठित आयोग ने विवाद में शामिल सभी पक्षो से दावे व आपत्तियां मांगी थी और उनकी सुनवाई की थी। श्री सिंह ने बताया कि आने वाले सप्ताह में आयोग द्वारा सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज दी जाएगी। इसके बाद जो भी सरकार का निर्णय होगा उसे सहकारिता विभाग द्वारा लागू किया जाएगा।
– नियम 134ए के तहत पात्र विद्यार्थियों को मिलेगा दाखिला
– गलत प्रमाण पत्र देने वाले अभिभावको के खिलाफ होगी कार्रवाई।
उपायुक्त विनय प्रताप ङ्क्षसह ने आज कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारो तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों को नियम 134ए के तहत नजदीकी स्कूल में दाखिला लेने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में ज्यादात्तर स्कूलों ने ऐसे बच्चों को दाखिला दिया भी है परंतु कुछ स्कूलों ने यह कहकर आपत्ति जताई थी कि कुछ परिवारो द्वारा ईडब्ल्यूएस अथवा बीपीएल के फर्जी प्रमाण पत्र दिए गए हैं। उपायुक्त ने बताया कि उनकी इस आपत्ति की जांच करवाई जा रही है जिसकी रिपोर्ट 30 जून तक आ जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिन विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र सही पाए जाएंगे उन्हें निर्धारित स्कूलों में दाखिला अवश्य दिलवाया जाएगा और जिनके प्रमाण पत्र झूठे अथवा फर्जी मिलेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
– सभी लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए खोला गया अंतोदय भवन।
संवाददाता सम्मेलन में उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार के निर्देश अनुसार इस वर्ष 14 अपै्रल को गुरुग्राम के लघुसचिवालय के पास अंतोदय भवन खोला गया है जिसमें लोगों को एक छत के नीचे सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को योजनाओं का पता नही है तो वह इस केंद्र में जाकर सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है और वह जिस योजना के तहत लाभ ले सकता है , उसके लिए आवेदन भी वहीं पर कर सकता है। श्री सिंह ने बताया कि वृद्ध अवस्था सम्मान भ्भत्ता, विधवा पेंशन, दिव्यांग्ता पेंशन आदि को लेकर लोग अंतोदय भवन में आकर आवेदन कर रहे हैं। इसी प्रकार सरकार के सभी विभागों से संबंधित योजनाओं का लाभ इस अंतोदय भवन में प्राप्त किया जा सकता है।
– मानेसर में अधिग्रहित जमीन की रजिस्टरी रद्द करने की चल रही है प्रक्रिया।
– मामले में आरोपी तहसीलदार व अन्य स्टाफ के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई।
एक सवाल के जवाब में उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि इस वर्ष मार्च महीने में उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले में मानेसर की जमीन अधिग्रहित करके उसका मालिकाना हक हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसरंचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) को दे दिया था। इसके बावजूद भी जमीन के पहले रहे मालिक ने किसी अन्य व्यक्ति को वह जमीन बेच दी और उसकी रजिस्टरी भी हो गई। यह मामला राज्य सरकार के ध्यान में आने पर सरकार ने प्रारंभिक जांच के आधार पर मानेसर की तहसीलदार, कानूनगो व पटवारी को निलंबित कर दिया और नायब तहसीलदार के खिलाफ चार्जशीट करके विभागीय कार्यवाही की जा रही है। यही नहीं, इस मामले में संलिप्त डाटा एंट्री आपे्रटर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में श्री सिंह ने बताया कि इस मामले में 11 रजिस्टरी हुई थी, उन सभी को रद्द करने की कार्यवाही की जा रही है। अगले सप्ताह तक ये सभी रजिस्टरी रद्द कर दी जाएगी और धोखे से सरकारी जमीन बेचने के आरोपी के खिलाफ भी काननूी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि जिनके इंतकाल दर्ज हो गए थे, वे इंतकाल भी रद्द किए जा चुके हैं।
श्री सिंह ने बताया कि जिला मेें अवैध कॉलोनी विकसित ना हो, इसके लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है कि 2 कनाल से कम क्षेत्रफल की भूमि की खरीद के लिए रजिस्टरी हो तो उसमें नगर एवं गा्रम योजनाकार विभाग से एनओसी अनिवार्य की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद जिला में यहां-वहंा अवैध कॉलोनी विकसित होने पर अंकुश लगेगा।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि अवैध कॉलोनी को धराशायी करने का खर्च संबंधित कॉलोनी विकसित करने वाले व्यक्ति से वसुला जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि वह यह राशि जमा नहीं करवाता है तो लैंड रैवेन्यु के बकाया के तौर पर जमीन की कुर्की करके वसूली की जाएगी। उपायुक्त न्यायालय में इस प्रकार के केस प्राप्त हो रहे हैं।