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: अलवी और शाह को उपजाति में शामिल करने की मांग उठी
यूनुस अलवी
मेवात : हरियाणा में अलवी समाज सबसे पिछडा समाज ह, इस समाज के पास अपनी कोई जमीन नहीं है जिसकी वजह से महनत मजदूरी कर अलवी समाज के लोग अपने बच्चों का पालन पौषण करते हैं। मुस्लिम समाज में अलवी समाज की दलित समाज से भी ज्यादा देनीय हालत है। इसलिए सरकार अलवी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करे। वहीं अलवी और शाह को उपजाती के साथ जोडा जाऐ। उपरोक्त फैंसला रविवार को युवा अलवी वेलफेयर मंच की बेठक में लिया गया। बेठक की अध्यता मंच के पूर्व अध्यक्ष साबिर खान ने की। इस मौके पर अलवी समाज के शिक्षित और युवा मौजूद थे।
इस मौके पर मंच के पूर्व प्रधान साबिर खान, उमर मोहम्मद, ऐडवोकेट इमरान और अध्यापक मुबीन खान ने कहा कि हमारा समाज पिछडी जाती में शामिल है लेकिन अब पिछडी जाति पर दबंग समाज के लोगों ने कब्जा कर लिया है। जिसकी वजह से हमें सरकारी योजनाओं और नोकरियों में भागदारी नही मिल सकती है। सरकार ने एक तो पिछडी जाति के 27 फीसदी आरक्षण को घटाकर 10 फीसदी ही कर दिया है उसमें भी दबंग समाज के लोगों को जोड दिया गया है जिनकी पहले से ही सरकार और नोकरियों में भारी संख्या मौजूद है।
हरियाणा में अलवी समाज के पास कोई कृषि योग्य जमीन नहीं है। प्रदेश में अगर कोई समाज सबसे दलित है तो वह अलवी समाज है। अलवी समाज प्रदेश में अलवी समाज अनुसूचित जाति से भी ज्यादा पिछडा हुआ है। जब तक अलवी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किया जाता तब तक अलवी समाज का विकास संभव नहीं है।
उनका कहना है कि अलवी समाज को रेवन्यू रिकोर्ड में फकीर जाति दिखाया हुआ है जबकि फकीर कोई जाति नहीं होती है। मंच का कहना है कि फकीर जाती के साथ शाह और अलवी को उपजाति में शामिल किया जाऐ।
बेठक में समाज में फैल रही क्रूतियों को दूर करने, बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने और दहेज, शराब आदि बुराईयों से बचने का आहवान किया गया।
इसके अलावा मेवात जिला के पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, सोहना, नूंह और पलवल जिला के हथीन क्षेत्र में बसने वाले अलवी समाज के लोगों की जनगणना करने का फैंसला लिया गया जिससे समाज के वोटों के बारे में सही जानकारी मिल सके।
मीटिगं में मंच के प्रधान जमशेद, रति खां सरपंच, अध्यापक शाहितद, अध्यापक मुबीन, साहून ठेकेदार, इमरान ऐडवोकेट सहित काफी प्रमुख लोग और युवा मौजूद थे।