रेपिड मेट्रो ने जून 20 14 में एकतरफा निर्णय लेते हुए रु 12/-फेरी से रु. 20/- फेरी बढ़ा दिया था
आर टी आई एक्टिविस्ट हरेन्द्र ढींगरा ने किया था इसका विरोध
हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने ढींगरा की शिकायत को सही पाया
किराया बढाने का अधिकार केवल मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली फिक्सेशन कमिटी को
अटार्नी जेनरल ने भी किराया बढाने को एग्रीमेंट का उल्लंघन करार दिया
ऑडिटर जेनरल ने भी इस पर उठाया था सवाल
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
गुड़गांव : हरियाणा में टोल टैक्स बढाने का मामला हो या फिर पार्किंग प्लेस टेंडर एग्रीमेंट में स्टांप चोरी का मामला चारों ओर अंधेरगर्दी मची हुई है. व्यवासायी सारे नियमों को ताक पर रख कर अपना निर्णय जनता पर थोपते हैं और सुविधाएं देने के नाम पर जनता की जेब पर डाका डालते हैं. इस बात की पुष्टि एक बार फिर रैपिड मेट्रो गुरुग्राम द्वारा बढ़ाए गए किराए में बरती गई अनियमितता और मामले में लिए गए एकतरफा निर्णय के खुलासे से हुआ. कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट का उल्लंघन करने व एकतरफा निर्णय की लेने की पुष्टि होने के बाद जनहित के इस विषय को हरियाणा सरकार के समक्ष उजागर करने वाले गुरुग्राम निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा की शिकायत को हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सही पाया. एच एम् आर टी ने सरकार को इस संबंध में आवश्यक निर्णय लेने के लिए अधिकृत बताया है.
उल्लेखनीय है कि आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा ने रैपिड मेट्रो गुरुग्राम को पत्र लिखकर किराया बढ़ाने का विरोध किया और जून 2014 में रैपिड मेट्रो का किराया ₹12 से बढ़ाकर ₹20 प्रति फेरी करने के संबंध में उनके अधिकार के बारे में जानकारी मांगी. श्री ढींगरा के पत्र के आलोक में रैपिड मेट्रो गुरुग्राम ने दावा किया कि किराया बढ़ाने उन्हें अधिकार है और हरियाणा सरकार के साथ हुए एग्रीमेंट में किराया बढ़ाने का अधिकार उन्हें दिया गया है. रैपिड मेट्रो गुरुग्राम की ओर से मिले इस जवाब के बाद श्री ढींगरा ने इस संबंध में आरटीआई के माध्यम से भी जानकारी मांगी और इस पूरे प्रकरण की जानकारी हरियाणा सरकार को देते हुए स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. इस पर हरियाणा सरकार ने हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा. अब हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने हरियाणा सरकार को दिए जवाब में स्पष्ट किया है की रैपिड मेट्रो रेल गुड़गांव को 14 नवंबर 2013 को आंशिक तौर पर शुरू किया गया था. 25 अप्रैल 2014 को रैपिड मेट्रो के सभी स्टेशन बनकर तैयार हो चुके थे और यह पूरी तरह काम करने लगा था.
एच एम् आर टी सी के अनुसार उस वक्त रैपिड मेट्रो का किराया प्रति फेरी ₹12/- निर्धारित किया गया था लेकिन जून 2014 में रैपिड मेट्रो गुरुग्राम ने एक तरफा निर्णय लेते हुए प्रति फेरी किराया बढ़ाकर ₹20/- कर दिया. श्री ढींगरा की ओर से इस मामले की गई शिकायत को एलआर हरियाणा को भी लीगल ओपिनियन के लिए रेफर किया गया. एलआर हरियाणा की ओर से कहा गया कि दिल्ली मेट्रो रेलवे कारपोरेशन एंड मेंटेनेंस एक्ट 2002 को वर्ष 2009 में संशोधित किया गया था और इसे नेशनल कैपिटल रीजन की दृष्टि से विस्तारित किया गया था. इसमें गुड़गांव को भी शामिल किया गया. इसलिए इस एक्ट के प्रावधान के तहत रैपिड मेट्रो गुरुग्राम को किराया बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार की फिक्सेशन कमेटी के समक्ष जाना जरूरी होता है. उल्लेखनीय है कि उक्त कमिटी के चेयरमैन प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी होते हैं. फिक्सेशन कमेटी का गठन एक्ट की धारा 33 के तहत किराया बढाने की दृष्टि से किया गया था.
मामला हाई प्रोफाइल और पेचीदा होने की वजह से इसमें एडवोकेट जनरल हरियाणा से भी लीगल ओपिनियन ली गयी . एडवोकेट जनरल ने भी रैपिड मेट्रो गुरुग्राम लिमिटेड के इस निर्णय के खिलाफ अपना ओपिनियन दिया. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि रु.12/- प्रति फेरी को प्रमोशनल किराया बताना गलत है. दूसरी तरफ इस विषय पर ऑडिटर जनरल ने भी सवाल खडा किया था और पूछा था कि रेपिड मेट्रो गुरुग्राम ने किराया क्यों बढ़ाया और इसकी वसूली की अनुमति नियमविरुद्ध है. ऑडिटर जनरल सलाह पर इस मामले को जांच करने पर बल दिया गया.
एटार्नी जनरल की सलाह पर इसकी तहकीकात की गई और रैपिड मेट्रो गुरुग्राम लिमिटेड के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट को भी पूरी तरह खंगाला गया. इससे यह यह साफ हो गया कि रैपिड मेट्रो गुरुग्राम ने किराया बढाने की अनाधिकार चेष्टा की है. अब यह कहा गया है कि बढ़े हुए किराए के दर से जून २०१४ से अब तक वसूले गए पैसे को रेपिड मेट्रो गुरुग्राम वापस हुडा के खाते में जमा कराये. साथ ही रैपिड मेट्रो का किराया प्रति फेरी ₹12 ही रखा जाए क्योंकि किराया बढ़ाना एग्रीमेंट कंसेशन की धारा 6 का पूरी तरह से उल्लंघन है. इस मामले में रैपिड मेट्रो रेल गुरुग्राम ने इसका विरोध किया लेकिन एच एम् आर टी सी ने सैद्धांतिक रूप से यह स्वीकार कर लिया है कि श्री ढींगरा की शिकायत जायज है. इस सम्बन्ध में अब हरियाणा सरकार को निर्णय लेना है. शिकायतकर्ता हरेन्द्र ढींगरा ने उम्मीद जताई है कि हरियाणा सरकार जनहित को ध्यान में रखते हुए शीघ्र निर्णय लेगी और रेपिड मेट्रो की मनमानी पर रोक लगेगी.