नई दिल्ली : भारत सरकार के सोने के सिक्के की शुद्धता और विश्वसनीयता देश के उपभोक्ताओं को दूसरे स्वर्ण सिक्कों की तुलना में अधिक पसंद आ रहे हैं। इस बात का खुलासा सरकारी कंपनी एमएमटीसी लिमिटेड तथा विश्व स्वर्ण परिषद द्वारा किये गये एक अध्ययन में हुआ है।
इया सम्बन्ध में परिषद ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी कि है. इंडियाज गोल्ड इंवेस्टमेंट इवॉल्यूशन, इंडियन गोल्ड क्वॉयन: ऐन इंट्रोडक्शन टू ब्रांडेड गोल्ड क्वॉयंस’ नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय स्वर्ण सिक्कों की मांग लगातार बढ़ रही है। अध्ययन में यह पाया गया कि सरकार द्वारा इसकी शुद्धता, विश्वसनीयता तथा मानक के अनुरूप का दावा किये जाने से सोने के सिक्के के प्रति लोगों में विश्वास स्थापित हो गया है।
त्योहार के अवसर पर दीपावली में उपहार के तौर पर सोने के सिक्के देने के प्रचलन के कारण इसकी बिक्री बढ रही है। लेकिन खास बात यह है कि लोग निजी दुकानों की बजाय बैंकों से इसे लेना अधिक पसंद कर रहे हैं. परिषद् की रिपोर्ट के अनुसार दो ग्राम, पांच ग्राम और दस ग्राम के सिक्कों को खरीदने में ग्राहक की विशेष रूचि है. उल्लेखनीय है कि भारतीय स्वर्ण सिक्कों की बिक्री के लिए अभी इंडियन ओवरसीज बैंक, फेडरल बैंक, बिजया बैंक और येस बैंक की चुनिंदा शाखाएं अधिकृत हैं.
एमएमटीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक वेद प्रकाश ने कहा है कि लांचिंग के बाद अबतक 185 किलोग्राम भारतीय स्वर्ण सिक्के कि बिक्री हो चुकी हैं। ये सिक्के एमएमटीसी के आउटलेटों पर भी उपलब्ध हैं। शुद्धता की गारंटी, हॉलमार्क और मानकीकरण से ग्राहकों के बीच भारतीय स्वर्ण सिक्कों की मांग में और भी वृद्धि हो सकती है.
सर्वेक्षण में शामिल करीब 85 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि सरकार का ठप्पा लगने के कारण यह लोगों कि नजर में अधिक विश्वसनीय बन गए हैं. उल्लेखनीय है कि यह सर्वेक्षण विभिन्न आर्थिक सामाजिक वर्गों से ताल्लुक रखने वाले 25 से 60 वर्ष की आयु के पेशेवरों, कारोबारियों, महिलाओं और गृहणियों के बीच देश के आठ प्रमुख शहरों में किया गया था।