अमरावती : अगर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की बात पर भरोसा करें तो केंद्र सरकार कि योजना के तहत हैदराबाद में घोषित 13 हजार करोड़ रुपये के काले धन में से 10 हजार करोड़ रुपये एक ही व्यक्ति के हैं . हो सकता है यह खुलासा उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाने पर लेने के लिए किया हो लेकिन अगर ऐसा है तो इससे अंदाजा लगे जा सकता है कि भारत में काला धन कितने बड़े पैमाने पर है. इसके साथ ही उन्होंने काले धन पर रोक लगाने के लिए एक हजार और 500 रुपये के नोट को खत्म किए जाने की भी मांग की.
नायडू ने अपने कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि देश में घोषित कुल 65 हजार करोड़ के काले धन में से 13 हजार करोड़ केवल हैदराबाद में ही घोषित किए गए है. इसमें से 10 हजार करोड़ एक ही व्यक्ति से संबंधित हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कौन व्यक्ति है, कानून के अनुसार हम उसका नाम नहीं जान सकते लेकिन सवाल खड़ा होता है कि क्या किसी व्यवसायी के लिए इतनी बड़े पैमाने पर काला धन घोषित करना संभव है ?
उन्होंने इस बात की आशंका जाहिर कि इस तरह के लोग फिर दो-तीन या पांच वर्षों में अपनी आवश्यकता के अनुसार फिर से काला धन नियमित करा लेंगे. इसमें 40-45 प्रतिशत जुर्माना देकर शेष धन सफेद धन बन जाता है. उन्होंने कटाक्ष किया कि यह तो अच्छा उपाय है ? इससे कोई सवाल भी नहीं कर सकता और न ही कोई सामाज उन्हें बुरी नजर से देखेगा .
उन्होंने कहा कि भ्रष्ट लोगों और काला धन कमाने वाले लोगों के लिए राजनीति एक सुरक्षित जगह बन गयी है.
नायडू ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर एक हजार तथा 500 रुपये के नोट को खत्म किए जाने की मांग कर रहा हूं. नायडू ने उम्मीद जताई कि इन नोटों को खत्म करने से चुनाव के दौरान वोट खरीदना भी बंद हो जाएगा.