प्रधान मन्त्री जी, मुझे अगले चौराहे पर फांसी दे दीजिये !

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सेक्टर 29 गुरुग्राम के अप्पू घर के कथित 3000 करोड़ के घोटाले की जांच सीबी आई से कराने की मांग

बस अड्डे के लिए प्रस्तावित 25 एकड़ जमीन अप्पू घर को देने का मामला  

आर टी आई एक्टिविस्ट हरेन्द्र ढींगरा ने पीएम को भेजा एक लाख का चेक 

कहा आरोप गलत साबित हो तो जब्त कर लें अमाउंट 

प्रधान मन्त्री जी, मुझे अगले चौराहे पर फांसी दे दीजिये ! 2गुरुग्राम : गुरुग्राम शहर वासियों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने वाले एक आर टी आई एक्टिविस्ट हरेन्द्र ढींगरा ने हरियाणा सरकार की निष्क्रियता व संवेदनहीनता से परेशान होकर देश के पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर सेक्टर 29, गुरुग्राम के अप्पू घर के कथित 3000 करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. यही नहीं उन्होंने अपने पत्र के साथ पीएम राहत कोष के नाम एक लाख रूपये का एक चेक भी संलग्न करते हुए कहा है कि अगर उनके द्वारा की गयी शिकायत व आरोप के तथ्य गलत पाए गए तो इस राशि को जब्त कर लिया जाय. साथ ही श्री ढींगरा ने इस अति संगीन व हाई प्रोफाइल मामले की जाँच में आरोप झूठे पाए जाने की सूरत में स्वयं के लिए फांसी की सजा सहर्ष स्वीकार करने की भी बात की है. रजिस्टर्ड डाक से पीएमओ को भेजे गए पत्र में उन्होंने , पूर्व में पीएमओ कार्यालय से किये गए पत्राचारों की प्रति और हरियाणा सरकार द्वारा विजिलेंस की जांच के आदेश एवं दिल्ली में दर्ज मुकदमें की जानकारी भी भेजी है.

“नौ दिन चले अढ़ाई कोस” जी हाँ यह कहावत गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित अप्पू घर के कथित 3000 करोड़ के घोटाले की विजिलेंस जांच के मामले में सिद्ध होती नजर आ रही है और क्योंकि इस मामले को वर्ष 2015 में उजागर करने वाले आर टी आई एक्टिविस्ट हरेन्द्र ढींगरा की न्याय की आस अब दम तोडती नजर आने लागी है. यह आश्चर्यजनक तथ्य ही कहा जाएगा कि जिस मामले में पीएमओ ने भी हस्तक्षेप किया उसको लेकर भी हरियाणा सरकार निष्क्रीयता की सारी हदें पार कर गयी है. लगभग तीन साल बाद भी विजिलेंस जांच की कोई रिपोर्ट नहीं आई है और न ही उक्त घोटाले के सूत्रधार और लाभ उठाने वाले लोगों के खिलाफ कोई कारवाई की गयी है. यहाँ तक कि घोटाले की शिकायत करने वाले पक्ष से आज तक कोई पूछताछ करने की भी जहमत नहीं उठाई गयी है. आशंका जताई जा रही है कि पूर्व की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कारनामे पर वर्तमान सरकार भी पर्दा डालने की फिराक में है. जांच की फाइलों पर विजिलेंस व्यूरो कुंडली मारे बैठा है और व्हिल्सिल ब्लोअर फरियादी दिल्ली से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से गुडगाँव की ख़ाक छानने को मजबूर है.      

गौरतलब है कि इस सम्बन्ध में श्री ढींगरा पीएम नरेन्द्र मोदी से व्यक्तिगत मुलाकात कर उन्हें सारी स्थितियों से अवगत करा चुके हैं. बकौल श्री ढींगरा उन्होंने स्ययं पीएम से गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित 25 एकड़ वेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव अप्पू घर को लीज पर देने के कथित घोटाले की जांच करवाने की मांग की थी. 25 मई 2015 को हरियाणा सरकार ने इस घोटाले की विजिलेंस जांच करने के आदेश भी दिए लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि खबर है कि अप्पू घर प्रबंधन अब सारे नियमों को ताक पर रख कर कंपनी के अधिकतम शेयर बेचने की तैयारी में हैं. जाहिर है इससे अप्पू घर का मालिकाना हक बदल जायेगा जिसकी उन्हें अनुमति नहीं है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और अप्पू घर प्रबंधन के बीच हुए लीज करार के नियम व शर्तें तब तक इसकी इजाजत नहीं देते जब तक कि इसका पूरी तरह निर्माण नहीं हो जाये और पूर्ण निर्माण के बाद पांच साल पूरे नहीं हो जाएँ. स्थिति यह है कि इन्होंने अब तक प्रोजेक्ट को सैंक्शन भी नहीं करवाया और उसे बनाने से पहले ही बेचने लगे।

मजे की बात तो यह है कि अप्पू घर प्रबंधन ने मोटी कमाई के चक्कर में इसके कुछ भाग को हुडा से अपेक्षित परमिशन लिए विना सबलीज करने का धंधा भी शुरू कर दिया था. इसमें 350 से 400 निवेशकों से 400 करोड़ से अधिक की राशि की ठगी का मामला दिल्ली स्थित मंदिर मार्ग पुलिस थाना में दर्ज है. इस ठगी की ऍफ़ आई आर न. 163/2016 की भी जांच भी कछुए की चाल से चल रही है. निवेशक लुट कर न्याय पाने के लिए कभी धरना तो कभी प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन हालात इतने सालों बाद भी ” ढाक के तीन पात” की तरह है. लोगों को लगने लगा है कि इस देश में सत्य अब हारने नहीं बल्कि दम तोड़ने लगा है. बड़े व्यावसायियों के लिए कानून की परिभाषा अलग और सामान्य लोगों के लिए अलग। लोगों का मानना है कि यह सरकार विदेश में बैठे ठगों से जनता के पैसे क्या वापस लाएंगे जब देश में बैठे लूट मचाने वालों पर ही शिकंजा कसने से कतराते हैं।

हरेन्द्र ढींगरा बताते है कि 2012 से 2016 तक अप्पू घर पर 412 करोड़ रु. भी बकाया है जिसका खुलासा सीएजी की रिपोर्ट में 2016 में ही किया गया था. इस रकम की वसूली के लिए भी हुडा की ओर से कोई कारगर कोशिश नहीं की गयी. जमीन का निर्धारित किराया भी नहीं वसूला गया है. अप्पू घर पर मेहरबानी करने का यह सरकारी सिलसिला लगातार जारी है बावजूद इसके कि इनकी ओर से सारे नियमों को धता बता कर मोटी कमाई की कोशिश चल रही है. ज्ञातव्य है कि सेक्टर 29 गुरुग्राम स्थित यह 25 एकड़ बहुमूल्य जमीन शहर के लिए अंतरराष्ट्र्रीय बस अड्डा बनाने के लिए और दो सेक्टर के बीच की ब्रीदिंग स्पेस के रूप में प्रस्तावित थी जिसे पूर्व की कांग्रेस सरकार के जमाने में अप्पू घर को औनेपौने दाम पर लीज पर दे दी गयी.जनहित को भ्रष्टाचारी बुलडोजर से किस कदर कुचला जाता है यह मामला उसका नायाब उदाहरण है।

अब चर्चा जोरों पर है कि मशहूर क्रिकेटर एम् एस धोनी अपने रिश्तेदार अरुण पाण्डेय के माध्यम से रीदी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स नामक कंपनी के नाम आपू घर को लगभग 350 करोड़ में खरीदने जा रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो यह हुडा और अप्पू घर के बीच हुए लीज करार के नियमों का सरासर उल्लंघन होगा । श्री ढींगरा का आरोप है कि गलत तरीके से आवंटित अरबों की जमीन के पूरे मामले की निष्पक्ष जांच को दरकिनार किया जा रहा है जो जनहित के सर्वथा खिलाफ है.

यह मंतव्य इसलिए भी बनता नजर आने लगा हैं क्योंकि पी एम ओ की ओर से हरियाणा सरकार को इस सम्बन्ध में कारगर जांच व आवश्यक कार्रवाई के लिए 14 अक्टूबर 2016 और 5 अप्रेल 2017 को दो बार पत्र लिखा गया लेकिन परिणाम शून्य रहा. कुछ अधिकारी ही अप्पू घर प्रबंधन के काले कारनामे पर पर्दा डालने की कोशिश में है अन्यथा विजिलेंस व्यूरो की जाँच अब तक सिरे चढ़ जाती और जमीन घोटाले का एक और मामला राजनेता , अधिकारी और व्यायसायी पर दर्ज हो गया होता।

पी एम ओ  को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार की ओर से इसकी निष्पक्ष जांच करने के बजाय इसे टाला जा रहा है. हरियाणा सरकार से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है। पत्र में कहा है कि अगर उनके आरोप तथ्यात्मक नहीं हुए तो आप मुझे सबसे निकटतम चौक पर फांसी दे दें. अगर मेरी यह शिकायत #अप्पुघर व कांग्रेस सरकार द्वारा किया Rs 3000 करोड़ का #कथित घोटाला के बारे मे गलत और झूठी निकली तो शिकायत के साथ संलग्न एक लाख का चेक पीएम राहत कोष में प्रसाशनिक असुविधा के हर्जाना के रूप में जब्त कर लें.

उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया है कि पीएम श्री मोदी द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद भी इस घोटाला पर कोई कार्रवाई हरियाणा सरकार द्वारा नहीं हो रही है जबकि यह घोटाला भूपिंदर सिंह हुडा के शासन काल में हुआ है।

उन्होंने यहाँ तक कहा है कि शिकायत गलत, झूठी या बेबुनियाद पाई गई तो प्रशासनिक हर्जाने के साथ साथ उनके खिलाफ़ ऍफ़ आई आर  भी दर्ज करने को स्वंतंत्र हैं. उनके शब्द है कि ‘ गलत शिकायत पाए जाने पर मुझे अगले चौक पर फांसी भी दे दीजिये, मगर जनता को ऐसे मत लूटने दीजिये.’

श्री ढींगरा ने हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए पीएम से 3000 करोड़ रु  के घोटाले की सीबीआई  जांच कराने की मांग की है.

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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