चंडीगढ़, 9 मार्च : हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राज्य सरकार ने पेंशन, छात्रवृृत्ति और सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित विभिन्न योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) को लागू करके मध्यस्थों और छद्म लाभार्थियों को निकाला है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1000 करोड़ रुपये वार्षिक की बचत हुई है।
आज यहां राज्य विधानसभा में वर्ष 2018-19 के लिए अपने बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि हरियाणा राज्य 1 अप्रैल, 2017 से कैरोसीन मुक्त हो गया है। इससे प्रति वर्ष लगभग 270 करोड़ रुपये की बचत हुई है और हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने यह मील का पत्थर हासिल किया है। महिलाओं को धुएं के कलंक से मुक्ति दिलवाने के लिए तीन लाख से अधिक एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मई, 2016 में प्रोफेसर मुकुल आशेर की अध्यक्षता में आठ अन्य सदस्यों वाले पांचवें राज्य वित्त आयोग का गठन किया था। संदर्भ की शर्तों के अनुसार, आयोग को स्थानीय निकायों, ग्रामीण और शहरी दोनों, को निधियों के हस्तांतरण और उनके वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए सिफारिशें करनी थी।
उन्होंने कहा कि आयोग ने सितंबर, 2017 में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसकी कैबिनेट उप-समिति द्वारा जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अंतरिम उपाय के रूप में, ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों को वर्ष 2018-19 के लिए निधियों का हस्तांतरण मौजूदा पद्धति पर जारी रहेगा।