इसरो की अप्रैल में चंद्रयान-2 मिशन छोड़ने की योजना

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नई दिल्ली : केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस वर्ष अप्रैल के आस-पास चंद्रयान-2 मिशन छोड़ने की योजना बना रहा है। उन्‍होंने कहा कि चंद्रयान-2 चंद्रमा पर देश का दूसरा मिशन होगा। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह आज यहां अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग की उपलब्‍धियों के बारे में एक संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित कर रहे थे। चंद्रयान-2 चुनौतीपूर्ण मिशन है क्‍योंकि पहली बार हम चंद्रमा में एक कृत्रिम उपग्रह, एक लेंडर और एक रोवर ले जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि इसरो चंद्रयान-2 छोड़ रहा है, जो भारत को अंतरिक्ष टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

अंतरिक्ष विभाग की उपलब्‍धियों के बारे में डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में इसरो ने अनेक उपलब्‍धियां हासिल की हैं, जिनमें पिछले वर्ष फरवरी में एक मिशन में 104 उपग्रहों और दक्षिण एशिया उपग्रह को छोड़ना शामिल है, जिससे पड़ोसियों के साथ संबंध और मजबूत होंगे। उन्‍होंने कहा कि अंतरिक्ष टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में भारत अग्रिम पंक्‍ति का देश है और वैज्ञानिक इसके लिए बधाई के पात्र हैं। अंतरिक्ष टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल विभिन्‍न मंत्रालय और विभाग यानि स्‍मार्ट सिटी मिशन और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में उपयोग प्रमाण पत्र तैयार करने के लिए कर रहे हैं।

परमाणु ऊर्जा विभाग के संबंध में डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि भारत शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिए टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल कर रहा है और उसका प्रयोग विद्युत उत्‍पादन, कृषि और स्‍वास्‍थ्‍य सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि जल्‍द ही यह देश में ऊर्जा की जरूरत को सस्‍ते तरीके से पूरा करने का स्रोत होगा। उन्‍होंने कहा कि सुरक्षा बलों के लिए एक हल्‍की बुलेट प्रूफ जैकेट भाभा कवच विकसित की गई है। उन्‍होंने बताया कि गुवाहाटी स्‍थित डॉ. बी. बरूआ कैंसर इंस्‍टीट्यूट अब मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर फॉर कैंसर से संबद्ध होगा। इस आशय के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर पूर्वोत्‍तर परिषद, परमाणु ऊर्जा विभाग और असम सरकार की ओर से हस्‍ताक्षर किए गए हैं।

अंतरिक्ष विभाग में सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्‍यक्ष डॉ. सीवन के. ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन पर करीब 800 करोड़ रूपये खर्च आएगा। उन्‍होंने कहा अनुपयुक्‍त मौसम के कारण यदि इस मिशन को अप्रैल में छोड़ा नहीं जा सका, तो उसे इस वर्ष अक्‍टूबर तक छोड़ा जा सकता है। उन्‍होंने पिछले 4 वर्षों में अंतरिक्ष विभाग की उपलब्‍धियां प्रस्‍तुत की। उन्‍होंने कहा कि इसरो ने सफलतापूर्वक 48 मिशन पूरे किए हैं। इनमें 21 प्रक्षेपण यान मिशन, 24 उपग्रह मिशन और 3 टेक्‍नोलॉजी डिमोन्‍सट्रेटर शामिल हैं। इसरो के अध्‍यक्ष ने कहा कि दक्षिण एशिया उपग्रह आपदा प्रबंधन सहायता, मौसम संबंधी आंकड़ों को साझा करने, शैक्षणिक, वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्‍थान के संपर्क के लिए एक साझा नेटवर्क है। उन्‍होंने इसरो के आगामी मिशनों की जानकारी दी।

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न्‍यूक्‍लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अध्‍यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री एस.के. शर्मा ने पिछले 4 वर्षों में परमाणु ऊर्जा विभाग की विभिन्‍न उपलब्‍धियों की विस्‍तृत जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र के पूरा होने के साथ क्षमता में अतिरिक्‍त 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह 2014 में 4780 मेगावाट से बढ़कर 6780 मेगावाट हो गई। उन्‍होंने बताया कि 9 रिएक्‍टर निर्माणाधीन हैं, जिससे क्षमता में और वृद्धि होगी। निर्माणाधीन और मंजूर परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर 2031 में क्षमता 22480 मेगावाट हो जाएगी। उन्‍होंने बताया कि 2014-15 से 2017-18 (जनवरी, 2018 तक) के दौरान 14252 करोड़ यूनिट कमर्शियल बिजली का रिकॉर्ड उत्‍पादन (अस्‍थिर बिजली सहित 14709 करोड़ यूनिट) हुआ। उन्‍होंने कृषि, कचरा प्रबंधन, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल प्रौद्योगिकी, रेडिया फार्मास्‍यूटिकल के विकास और जैव-कीटनाशक टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा के योगदान की जानकारी दी।

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