मुस्लिम लड़कियों के लिए चुनौतियां पर एक सेमीनार का आयोजन 

Font Size

यूनुस अलवी

नई दिल्ली। सरोजनी नायडू सेंटर फॉर वोमेन्स स्टडीज जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की तरफ से शिक्षा, पितृसत्ता नीति और गरीबी में मुस्लिम लड़कियों के लिए चुनौतियां पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया। इस सेमीनार में जामिया के वीसी प्रोफेसर तलत अहमद मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। वहीं इस सेमीनार में विशिष्ट अतिथि की तौर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू मौजूद थीं। 
 
सेमीनार में जामिया के वीसी तलत अहमद ने कहा कि मुस्लिम लड़कियों को शैक्षिक तौर पर मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लड़कियों को उच्च शिक्षा में जाने के लिए प्राथमिक स्तर यानी स्कूली स्तर पर मजबूत किए जाने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि लड़किया अगर बेसिक स्तर पर मजबूत होंगी तो हाईलेवल की एजुकेशन में उनको आसानी होगी। मुस्लिम लड़कियों का इंटरमीडिएट स्तर पर ड्रॉप आउट पर वीसी तलत अहमद ने कहा कि लड़कियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए उनके घरवालों के इरादों को मजबूत करना होगा, जिससे वह लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित कर सकें। 
 
वहीं महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने सेमीनार में मौजूद लोगों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि सरकार लड़कियों की बेहतर शिक्षा के लिए काम कर रही है। लेकिन दुख की बात है कि लड़कियों के बेस्ट एजुकेशन के लिए कई स्कीम हैं, लेकिन उन स्कीम का फायदा उठाने वाले लोग नहीं है। उन्होंने कहा कि घरवालों को भी अपनी सोच बदलनी होगी कि लड़कियों की शादी करना ही उनकी जिम्मेदारी है, घरवालों की जिम्मेदारी यह भी है कि वह लड़कियों को शिक्षित करें। क्योंकि लड़कियों को शिक्षित करने पर एक पीढ़ी नहीं बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों की भविष्य सुधरता है। 
 
वहीं कार्यक्रम में सरोजनी नायडू सेंटर फॉर वोमेन्स स्टडीज की डायरेक्टर प्रोफेसर सबीहा हुसैन ने कहा कि लड़कियों को शिक्षा देना पूरे परिवार को शिक्षित करना है। वहीं कार्यक्रम में प्रोफेसर शाह आलम और डॉ मेहर फातिमा ने कार्यक्रम में आए लोगों को धन्यवाद दिया।

You cannot copy content of this page