केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने शिक्षक समुदाय को अपने हरित सामाजिक उत्तरदायित्व की याद दिलाई
शिक्षकों को “हरित,अच्छे कार्यों” के अभियान में सम्मिलित होने का आह्वान किया
नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने शिक्षक समुदाय से “हरित, अच्छे कार्यों” के अभियान में सम्मिलित होने का आह्वान किया है, जो कि लोगों और छात्रों को विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के विषय पर संवेदनशील बनाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
उत्तर दिल्ली नगर निगम के सभी सरकारी विद्यालयों के लगभग 700 प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि पर्यावरण वैश्विक चिंता का विषय है, जितना आज से पहले कभी नहीं था।
“सम्पूर्ण विश्व ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खतरों से चिंतित है। दिल्ली में लोग पहले ही वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। पर्यावरण और जीवन पर उसका प्रभावहर वैश्विक मंच की कार्य सूची पर हैं, हर कोई अपेक्षा के साथ भारत की ओर देख रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि भारतवासियों के पास पर्यावरण की सुरक्षा डीएनए में है।
हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण की सुरक्षा को अपनी जीवन शैली का एक हिस्सा बना दिया था। यह हमारी संस्कृति का अभिन्नअंगथा – हमारे पूर्वजों ने नदियों, वायु, पेड़ों, जंगलों और पृथ्वी की पूजा की और वे ज़मीन के साथ सामंजस्य से जीवन व्यतीत करते थे,”डॉ.हर्षवर्धन ने कहा
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मंत्री महोदय ने प्रधानाचार्यों से अपने “हरित सामाजिक दायित्व” के विषय में याद कराया, जो की कॉर्पोरेट जगत के सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के समान है। पल्स पोलियो अभियान में नगर निगम विद्यालयों के “पोलियो सैनिकों” द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने “हरित सैनिकों” की आवश्यकता को रेखांकित किया और हरित अच्छे कार्यों के आंदोलन को व्यापक बनाने पर और इसे जमीनी स्तर पर सफलता पूर्वक ले जाने पर बल दिया।
डॉ.हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे लिए स्वच्छ और हरित पर्यावरण को बहाल करना असंभव नहीं है। उन्होंने कहा, “यह केवल एक तकनीकी मुद्दा नहीं है, अपितु एक नैतिक उत्तरदायित्व है जोकि अगले पीढ़ी को स्वच्छ और हरित पर्यावरण को बहाल करे और उसे वापिस लौटा दे।” इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने “हरित अच्छे कार्यों ” के नाम से एक लोकोन्मुख अभियान आरम्भ किया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान को शिक्षकों, छात्रों और अन्य स्वैच्छिक संगठनों की भागीदारी के द्वारा ही व्यापक बनाया जाए।