गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण की पहली बैठक में कई परियोजनाओं पर लगी मोहर

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सीएम मनोहर लाल ने की बैठक की अध्यक्षता 

एनपीआर तक की सडक़ को चौड़ा करके 6 लेन की बनाना

अतुल कटारिया चौक पर चार लेन का फलाईओवर व अंडरपास का निर्माण

सिटी बस सेवा शुरू करने व ताऊ देवीलाल खेल परिसर में एस्ट्रोटर्फ बिछाने को मिली 

 
गुरुग्राम, 31 जनवरी। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण की पहली बैठक आज गुरुग्राम में नवनिर्मित राज्य लोक निर्माण विश्राम गृह में  आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की। इस पहली बैठक में ही प्राधिकरण द्वारा शहर के विकास के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर मोहर लगाई गई जिसमें उमंग भारद्वाज चौक से बसई होते हुए एनपीआर तक की सडक़ को चौड़ा करके 6 लेन की बनाना, अतुल कटारिया चौक पर चार लेन का फलाईओवर व अंडरपास  के निर्माण, सिटी बस सेवा शुरू करने, हुडा सिटी सैंटर मैट्रो स्टेशन के निकट ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान करने, ताऊ देवीलाल खेल परिसर में एस्ट्रोटर्फ बिछाने को मंजूरी दी गई। 
 
जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी उमाशंकर ने विभिन्न परियोजनाएं स्वीकृति के लिए सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि उमंग भारद्वाज चौक से बसई होते हुए द्वारका एक्सपै्रस-वे तक की सडक़ को 6 लेन की बनाया जाएगा जिस पर लगभग 111 करोड़ रूपए खर्च होंगे। इस मार्ग के निर्माण के लिए 15 अगस्त से पहले टैंडर अलाट कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर हीरों होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक तक की सडक़ को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जा चुका है। अत: उस हिस्से में भारत सरकार द्वारा हाई-वे का निर्माण करवाया जाएगा। 
 
बैठक में पुरानी दिल्ली रोड़ पर अतुल कटारिया चौक पर भी चार लेन का फलाईओवर व अंडरपास बनाने को सहमति दी गई और चौक के सुधारीकरण पर लगभग 81.38 करोड़ रूपए खर्च होंगे। यह कार्य 1 मई तक अलाट कर दिया जाएगा। इसके अलावा, जीएमडीए द्वारा शहर में लोगों को आतंरिक परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सिटी बस सेवा शुरू करने की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इस सिटी बस सेवा के लिए बस क्यू शैल्टर बनाने तथा रूट तय करने का काम चल रहा है। बैठक में बताया गया कि सिटी बस सेवा के लिए बस डिपो बनाने के लिए 9 जगहों की पहचान की गई है। इनमें सैक्टर-10, सैक्टर-53 तथा सैक्टर-48 शामिल हैं। इस सेवा के अंतर्गत लगभग 500 बस चलाने का प्रस्ताव है जिसमें से पहले चरण में 200 सीएनजी लो फलोर नॉन एसी बसें चलाई जाएंगी जिसके लिए 15 फरवरी तक निविदाएं आमंत्रित भी की जा चुकी हैं। ये बस सेवा 15 अगस्त तक शुरू हो जाएगी। 
 
बैठक में प्रैजेन्टेशन के माध्यम से बताया गया कि  जीएमडीए में जीआईएस और आईटी आधारित नई पहले शुरू की जाएंगी जिसमें जीएमडीए कार्यालय को पूर्ण रूप से कागज रहित कार्यालय बनाया जाना शामिल है। श्री उमा शंकर ने बताया कि जीएमडीए में सभी सेवाएं तथा सर्कुलर आदि ऑनलाईन होंगे। उन्होंने बताया कि यहां तक कि जीएमडीए ई-समीक्षा भी ऑनलाईन होगी और ई-फाईल सिस्टम लागु किया जाएगा। इन फाईलों को मुख्यमंत्री तथा अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भारत में कहीं भी बैठकर ऑनलाईन देख पाएंगे। जीएमडीए ई-समीक्षा में जो टैंडर किए गए हैं उस टैंडर को ही नही बल्कि उस पर चल रहे काम को भी संबंधित अधिकारीगण ऑनलाईन देख सकेंगे। निर्माणाधीन काम की फोटो ठेकेदार द्वारा ऑनलाईन अपलोड की जाएगी। 
 
जीएमडीए द्वारा हरसैक की मदद से तैयार की गई जीआईएस मैपिंग के माध्यम से वन मैप गुरुग्राम पोर्टल विकसित किया जाएगा जिसमें प्राधिकरण द्वारा 150 से ज्यादा लेयर अब तक बनाई जा चुकी हैं । इस पोर्टल के माध्यम से पूरे जीएमडीए क्षेत्र में सभी विभागों के डाटा को आपस में जोड़ा जाएगा तथा विभागों को प्रयोग के लिए एक एकीकृत इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करवाया जाएगा। यही नहीं, पोर्टल के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाएं भी शुरू की जाएगी जो गुरुग्राम को स्मार्टेस्ट सिटी बनाने में योगदान देंगी। जीओ मैपिंग से जीएमडीए के पूरे क्षेत्र में सैटेलाईट इमेजरी से अतिक्रमण रोकने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि एक महीने के आधार पर जीओ मैपिंग की जाए और उसके बाद इस अवधि को घटाकर 15 दिन करने का प्रयास करें। हरसैक के डा. सुलतान सिंह ने प्रेजैन्टेशन के माध्यम से बताया कि जीआईएस मैपिंग से जमीन से 5 सैंटीमीटर ऊंची वस्तु भी नक्शे पर स्पष्ट दिखाई देगी। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में 5 हजार से ज्यादा मोबाईल टॉवरों की जगहों को देखा जा सकता है। इसी प्रकार, जमीन के नीचे की सभी पेयजल तथा सिवरेज की लाईनों, ट्यूबलों आदि की भी मैपिंग की गई है। 
 
स्मार्ट सिटी पहल के अंतर्गत गुरुग्राम में पुलिस कमीशनरेट की बिल्डिंग में कमांड एण्ड कंट्रोल सैंटर विकसित किया गया है जिससे 61 आईपी सीसीटीवी कैमरे ऑप्टीकल फाईबर रिंग के माध्यम से पुलिस आयुक्त कार्यालय से जोड़े गए हैं। यह प्रणाली 4 जनवरी 2018 को चालु हो चुकी है तथा पुराने गुरुग्राम और लघु सचिवालय के बीच के रोड़ नेटवर्क को कवर करती है जिसमें 4/7 सैक्टर और सदर बाजार सहित 15 जगह शामिल है। इस प्रणाली से सिटी सर्वेलैंस अर्थात् शहर की निगरानी में मदद मिली है। गुरुग्राम को सुरक्षित शहर बनाने के लिए अन्य कदम जैसे टै्रफिक मॉनीटरिंग कंट्रोल, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट की पहचान आदि भी उठाए जाएंगे। 
इस मौके पर प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा. नरेश त्रहन ने कहा कि जीएमडीए ने वास्तव में अद्भूत नया प्लान बनाया है। उन्होंने कहा कि जीआईएस मैपिंग से जनकल्याण के सभी कार्यक्रमों को गति मिलेगी। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जीआईएस  मैपिंग पर जलभराव की जगहें चिन्ह्ति होंगी तो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि फैलाने वाले मच्छरों को दवा छिडक़ कर पनपने से रोका जा सकेगा। इसी  प्रकार के विचार रखते हुए डीएलफ के वाईस चेयरमैन राजीव सिंह ने जीएमडीए के प्रयासों को सराहा और पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की। 
बैठक में बताया गया कि सीएलयू प्रदान करने को भी ऑनलाईन किया जाएगा। इससे संबंधित एक डैमो भी बैठक में दिखाया गया और बताया गया कि सीएलयू प्राप्त करने की प्रक्रिया आवेदन से लेकर सीएलयू जारी करने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाईन और पेपर लैस होगी। आवेदक सीएलयू के लिए ऑनलाईन ही आवेदन करेगा, जिसके बाद उसे ओटीपी आएगा और उस ओटीपी का प्रयोग करते हुए वह अपनी फाईल को ऑनलाईन ट्रैक कर पाएगा। वर्तमान में सीएलयू प्रदान करने की समय-सीमा 60 दिन की है और सारे कागजात पूरे होने पर इस अवधि में यदि विभाग द्वारा सीएलयू नहीं दिया जाता तो उसे डीम्ड सीएलयू माना जाता है। ऑनलाईन होने के बाद 60 दिन की बजाय पूरी प्रक्रिया 15 दिन में पूरी करने के प्रयास किए जाएंगे। 
 
आज की बैठक में यह भी बताया गया कि जीएमडीए देश के अन्य शहरों में बनाए गए विकास प्राधिकरण से किस प्रकार भिन्न है। श्री उमाशंकर ने बताया कि जीएमडीए का क्षेत्र केएमपी एक्सपै्रस-वे के दो किलोमीटर तक होगा और इसमे विकास रीयल अस्टेट पर आधारित नही है। ऐसा करने वाला हैदराबाद और मुंबई के बाद तीसरा शहर होगा। उन्होंने कहा कि इस शहर को इंफ्रास्ट्रक्चर विकास करके रहने लायक अच्छा  शहर बनाने की दिशा में जीएमडीए काम करेगा और जीएमडीए का पहला मास्टर प्लान जून तक तैयार करने की योजना है। 
बैठक में बताया गया कि जीएमडीए को 1 नवंबर को 500 करोड़ रूपए की राशि दी गई थी। उससे पहले नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग से 10 करोड़ रूपए की राशि दिलवाई गई थी। जीएमडीए में सडक़ों की कुल लंबाई लगभग 5234 किलोमीटर है। 
 
इस अवसर पर केंद्रीय योजना, रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, लोक निर्माण मंत्री राव  नरबीर सिंह, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, जिला परिषद के चेयरमैन कल्याण सिंह चौहान, गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल, सोहना के विधायक तेजपाल तंवर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गुरुग्राम की मेयर मधु आजाद, सीनियर डिप्टी मेयर परमिला गजे कबलाना, सदस्य डीएलएफ के वाईस चेयरमैन राजीव सिंह, सुकैम के कुंवर सचदेव, मेक माई ट्रिप के सीईओ दीप कालरा, प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा. नरेश त्रहन, वित विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी राघवेंद्र राव, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर आर जोवल, पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खण्डेलवाल, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, ग्राम एवं आयोजना विभाग के प्रधान सचिव अरूण कुमार गुप्ता, वन एवं वन्यजीव विभाग के प्रधान सचिव एस एन रॉय, जीएमडीएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी उमाशंकर, गुरुग्राम के मण्डलायुक्त डा. डी सुरेश, पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार तथा उपायुक्त विनय प्रताप सिह भी उपस्थित थे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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