मेवात बस अड्डा अलीशान : शौचालयों पर ताले लटके

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कर्मचारियों के बेठने के लिये फर्नीचर तक नहीं

चोरीकी बिजली से चल रहा है काम, मीटर नहीं

यूनुस अलवी

मेवात :  सरकार ने मेवात जिला का बस अड्डा अलीशान तो बना दिया और करीब 6 माह पहले परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार ने इसका आधा अधूरा उदघाटन भी कर दिया लेकिन यहां महिला, विकलांग और पुरूषों के लिये बनाये गये शौचालयों पर ताले लटके पडे हैं। पीने का पानी नसीब नहीं, वाटर कूलर बंद पडे हैं। कर्मचारियों के लिये बेठने के लिये फर्नीचर तक नहीं जिसकी वजह से जमीन पर बेठकर उनका दफतर चल रहा है। बस अडडे पर टिकिट काटने वाले परिचलकों को सीट ने होने से स्लिीपों पर बेठकर काम चला जा रहा हैं। बस अड्डे पर बिजली तो नजर आती है लेकिन पिछले 6 माह के दौरान विभाग अपना मीटर तक नहीं लगा सका है, जिसकी वजह से चोरी कि बिजली mewat-2-aसे काम चलाया जा रहा है। बस डिपू में कहने को तो 101 बसें हैं पर परिचालक ने होने कि वजह से करीब 26 बसें खडी रहती हैं।

डिपू के जनरल मैनेजर का चार्ज पलवल के जनरल मैनेजर को दे रखा है जो कभी कभार ही आता है। ट्रेफ्कि मैनेजर का पद खाली है जिसकी पूर्ति के लिये जीएम ने सभी नियम और कानून ताकपर रखकर हेड इलैक्ट्रिशियन को दे रखा है। जबकी डीपू में 15 इंस्पेक्टर और 15 सब इेंस्पेक्टर के पद स्विकृत है जिनमें से केवल 15 सब इस्पेक्टर कार्यत हैं। जनरल मैनेजर पर रोडवेज यूनियन के पदाधिकारी ने मनमानी का आरोप लगाया है। आरोप है कि जनरल मैनेजर साहब ने इंस्पेक्टरों से चरिचालकों का काम लिया जा रहा है जबकी चरिचालकों को इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी सौंपकर उनसे बसों की चैकिंग कराई जा रही है। कोई कर्मचारी उनके आदेश का उलंघन करता है तो उसे सस्पेंड कर दिया जाता है।

सूमेर सिंह परिचालक का कहना है कि जिस इलैक्ट्रिशीयन को ट्रेफिक मैनेजर का चार्ज दिया गया है वह अपनी मनमानी करता है बेवजह से उसके संस्पेंड किया गया है। और अधिक्तर कर्मचारियों को वह तंग करता है।

रोडवेज यूनियन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष दलबीर सिंह नेहरा का कहना है कि मेवात के जनरल मैनेजर में यहां पर गदर मचा रखा है। छोटे कर्मचारियों को अफसर बना रखा है जबकी अफसरों को कर्मचारी। उनका कहना है कि एक इलैक्ट्रिशीयन को किसी भी कीमत पर ट्रंास्पोर्ट मैनेजर नहीं बनाया जा सकता और इंस्पेक्टर होते हुऐ किसी परिचालक से टिकिट चैकिंग नहीं कराई जा सकती लेकिन यहां सब कुछ उल्ट हो रहा है।

मुकेश कुमार छात्र, तरूण छात्र का कहना है कि बस डिपू में पीने के पानी, शौचालय कि कोई सुविधा नहीं है और बसें भी प्रयाप्त नहीं हैे जिसकी वजह से उनको आईटीआई और कॉलेज तक जाने में कई बार लेट हा जाते हैं। उनका कहना है कि बस अड्डे पर कैंटीन आदी की दुकानों को चालू नहीं किया गया है।

मेवात के बस डिपू में फैली अवस्था के लिये ग्रामीण नसीम, रमजान, शहाबुद्दीन ने सरकार और प्रसाशन को दौषी करार दिया है। उन्होने कहा कि बस अडडे पर बने शौचालयों में ताला लगा हुआ है, डीपू का उदघाटन हुऐ 6 माह हो गये है लेकिन आज तक विभाग ने मीटर तक नहीं लिया है। बस अड्डे पर पूछताछ केंद्र तो है पर उसमें कोई कर्मचारी नहीं बेठता। उन्होने सरकार से मांग करते हुऐ कहा कि डीपू में सभी सुविधायें तुरंत मुहईया की जायें।

इस बारे में जनरल मैनेजर एनके गर्ग से उनकी प्रतिक्रिया लेनी चाही लेकिन उन्होने अपना फोन ही रिसीव नहीं किया।

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