किन किन को मिलेगा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार ?

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नई दिल्ली : राष्‍ट्रपत रामनाथ कोविंद कल नई दिल्‍ली के राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित किए जाने वाले एक समारोह में संगीतकारों, नर्तकों एवं थियेटर कलाकारों के एक विशिष्‍ट समूह को 2016 के लिए संगीत नाटक अकादमी अध्‍येतावृत्तियां और संगीत नाटक अकादमी पुरस्‍कार प्रदान करेंगे। इस वर्ष प्रदर्शन कलाओं के विख्‍यात कलाकारों एवं विद्वानों को अकादमी की अध्‍येतावृत्तियां प्रदान की जाएंगी और 43 कलाकार अकादमी का पुरस्‍कार प्राप्‍त करेंगे।

संगीत नाटक अकादमी अध्‍येतावृत्तियां (अकादमी रत्‍न) एवं संगीत नाटक अकादमी पुरस्‍कार (अकादमी पुरस्‍कार) राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार हैं जो प्रदर्शन कलाकारों तथा प्रदर्शन कलाओं के क्षेत्र से जुड़े शिक्षकों एवं विद्वानों को प्रदान किए जाते हैं। पुरस्‍कृतों का चयन अकादमी की आम परिषद द्वारा किया जाता है जिनमें इन विधाओं के संगीतकार, नर्तक, थियेटर कलाकार और विद्वान तथा भारत सरकार और राज्‍यों एवं संघ शासित प्रदेशों के नामांकित व्‍यक्ति शामिल होते हैं।

इस वर्ष चार अध्‍येतावृत्तियां (अकादमी रत्‍न) श्री अरविंद पारिख, श्रीमती आर.वेड्डावली, श्री रामगोपाल बजाज और श्री सुनील कोठारी को प्रदान की जाएंगी। अध्‍येतावृत्ति में तीन लाख रुपये, एक अंग वस्‍त्रम और एक ताम्र पत्र शामिल हैं। 2016 के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्‍कार से सम्‍मानित होने वाले कलाकार एक लाख रुपये, एक अंग वस्‍त्रम और ताम्र पत्र प्राप्‍त करेंगे।

संगीत के क्षेत्र में, इस वर्ष सात विख्‍यात कलाकारों ने अकादमी पुरस्‍कार प्राप्‍त किए हैं जिनमें शामिल हैं :  श्रीमती पदमा तलवालकर एवं श्री प्रभाकर करेकर, हिन्‍दुस्‍तानी गायन संगीत, श्री अरविंद मलगांवकर, हिन्‍दुस्‍तानी वादन संगीत –तबला, श्रीमती कला रामनाथ, हिन्‍दुस्‍तानी वादन संगीत – वायलिन, श्रीमती नीला रामगोपाल एवं श्रीमती के.ओमनाकुट्टी, कर्नाटक गायन संगीत, श्री जे.वैद्यनाथन, कर्नाटक वादन संगीत- मृदंगम, श्री मैसूर एम.मंजूनाथ, कनार्टक वादन संगीत-वायलिन, श्री निंगथोजम श्‍यामचंद सिंह, संगीत की अन्‍य बड़ी परंपराएं – नाटा संकीर्तन, मणिपुर, श्रीमती रत्‍नमाला प्रकाश, संगीत की अन्‍य बड़ी परंपराएं – सुगम संगीत, श्री अहमद हुसैन एवं मोहम्‍मद हुसैन, संगीत की अन्‍य बड़ी परंपराएं – सुगम संगीत (हुसैन बंधु) (संयुक्‍त पुरस्‍कार)।

नृत्‍य के क्षेत्र में, इस वर्ष नौ विख्‍यात कलाकारों ने अकादमी पुरस्‍कार प्राप्‍त किए हैं जिनमें शामिल हैं : भरतनाट्यम के लिए श्रीमती गीता चंद्रन, कत्‍थक के लिए श्री जितेन्‍द्र महाराज, कत्‍थकलि के लिए श्री कलामंडलम रामचंद्रन उन्‍नीथन, मणिपुरी के लिए श्री मैसनाम कामिनीकुमार सिंह, कुचीपुडी के लिए श्रीमती ए.बी.बाला कोंडला राव, ओडिशी के लिए रतिकांत महापात्रा, सत्‍तरीय के लिए श्री हरिचरण भुईयां बोरबायन, छऊ के लिए श्री गोपाल प्रसाद दुबे, समसामयिक नृत्‍य के लिए श्रीमती अनिता आर.रत्‍नम।

थियेटर के क्षेत्र में इस वर्ष नौ विख्‍यात कलाकारों ने अकादमी पुरस्‍कार प्राप्‍त किए हैं जिनमें शामिल हैं :  नाटक लेखन के लिए श्रीमती कुसुम कुमार, निर्देशन के लिए श्री सत्‍यब्रत राउत, निर्देशन के लिए श्री वि‍पिन कुमार, निर्देशन के लिए श्री राजकमल नाइक, अभिनय के लिए श्री गिरिसन वी, अभिनय के लिए श्री ओईनाम बीरामंगोल सिंह, अभिनय के लिए श्री मोहन जोशी, संबद्ध थियेटर कलाओं – थियेटर के लिए संगीत के लिए श्रीमती अंजना पुरी, थियेटर की अन्‍य बड़ी परंपराओं – यक्षगण के लिए श्री के.गोविंद भट्ट।

पारंपरिक/ लोक/ जनजा‍तीय संगीत/नृत्‍य/थियेटर एवं कठपुतली कला के क्षेत्र में इस वर्ष 10 कलाकारों ने अकादमी पुरस्‍कार प्राप्‍त किए हैं जिनमें शामिल हैं : श्रीमती अन्‍नाबटुल्‍ला लक्ष्‍मी मंगतायारु एवं श्रीमती लीला शाही संयुक्‍त पुरस्‍कार पारंपरिक थियेटर (कलावंतुलु) आंध्र प्रदेश, श्री योगेश गाधवी, लोक संगीत, गुजरात, श्री विद्यानंद सारयिक, लोक संगीत, हिमाचल प्रदेश, श्री सोमनाथ डी. चारी, पारंपरिक संगीत, गोवा, श्री लक्ष्‍मीधर राऊत, पाला, ओडिशा, श्री चिरंजीलाल तंवर, मांड , राजस्‍थान श्री गुलजार अहमद गन्‍नी, लोकसंगीत (चकरी), जम्‍मू एवं कश्‍मीर, श्री ब्रजकिशोर दुबे, लोक संगीत, बिहार, श्री प्रभीतांगसु दास एवं श्री दत्‍तात्रेय अलारीकट्टे  को कठपुतली कला के लिए।

पप्‍पु वेणुगोपाल राव एवं अविनाश प‍शरिचा को प्रदर्शन कलाओं में उनके समग्र योगदान के लिए अकादमी पुरस्‍कार प्रदान किया गया।

2016 के लिए अध्‍येतावृत्तियां अकादमी पुरस्‍कार समारोह के बाद संगीत, नृत्‍य एवं नाटक का एक त्‍योहार 18 से 21 जनवरी 2018 तक निर्धारित है जिसमें वर्ष के अध्‍येतावृत्ति एवं पुरस्‍कार विजेयता शामिल होंगे। ये समारोह 18 जनवरी 2018 से मेघदूत थियेटर कंप्‍लेक्‍स,  कॉपरनिकस मार्ग एवं मावलंकर हॉल, रफी मार्ग पर आयोजित किए जाएंगे।

संगीत नाटक अकादमी की स्‍थापना भारत सरकार द्वारा 1953 में भारत के संगीत, नृत्‍य एवं नाटक के राष्‍ट्रीय अकादमी के रूप में की गई थी।   

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