क्या आप तालाब जल संरक्षण पर अपना सुझाव देना चाहते हैं ?

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चंडीगढ़, 26 दिसम्बर- हरियाणा सरकार ने राज्य में तालाब विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण तालाब जल एवं एसटीपी उपचार प्रवाही उपयोग प्राधिकरण का ड्राफ्ट जारी कर दिया है और इस बारे में लोगों से आपत्तियों व सुझाव आमंत्रित किए हैं। 
 
इस सम्बंध में एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमन्त्री या सिचाई तथा जल संसाधन मंत्री अध्यक्ष होंगें जबकि मुख्य सचिव उपाध्यक्ष  होंगें। वहीं, अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव हरियाणा सदस्य सरकार, वित्त विभाग, अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव हरियाणा सरकार, सिंचाई तथा जल संसाधन विभाग,अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव हरियाणा सरकार, पंचायती राज विभाग सदस्य, अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव हरियाणा सदस्य सरकार, ग्रामिण विकास विभाग, अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव हरियाणा सदस्य सरकार, शहरी विकास विभाग,अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव हरियाणा सदस्य सरकार, मत्स्य विभाग, मुख्य अभिंयता, सिंचाई तथा जल संसाधन विभाग, सदस्य हरियाणा सरकार,  मुख्य अभिंयता, जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग, सदस्य हरियाणा सरकार, महानिदेषक, कृषि विभाग, हरियाणा सरकार और  प्रधान मुख्य बन संरक्षक सदस्य होंगें। उन्होंने बताया कि पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी या तालाब विकास के गैर-सरकारी क्ष़ेत्र में विषेषज्ञों, सामाजिक कर्यकर्ताओं में से चार सदस्य गैर-सरकारी सदस्य जिसमें से कम से कम एक महिला होगी तथा एक अनुसूचित जाति/जन जाति से सम्बन्धित होगा, गैर-सरकारी सदस्य होगा। उन्होंने बताया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य सचिव(पदेन, प्राधिकरण का मुख्य कार्यकारी अधिकारी ) होगा। 
प्रवक्ता ने बताया कि जिला परामर्ष तथा मानीटरिंग समिति समय-समय पर जिला स्तर पर प्राधिकरण के कार्यो का मानीटर करेगी। प्रत्येक जिले में परामर्श तथा मानीटरिगं समिति इन सदस्यों से मिलकर बनेगी, जिनमें सम्बन्धित जिले का जिला मजिस्ट्रेट/उपायुक्त अध्यक्ष होंगें। अपर उपायुक्त एवं सी ई ओ (डी आर डीए), अधीक्षक अभियन्ता/कार्यकारी अधिकारी, सिंचाई विभाग, सम्बन्धित जिले का प्रभारी, अधीकक्ष अभियन्ता, जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग, जिला विकास तथा पंचायती अधिकारी, उप निदेषक, कृषि/मृदा संरक्षण विभाग, जिला बागवानी अधिकारी,जिला वन अधिकारी, जिला मत्स्य अधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट अधिकारी नामांकित दो गैर-सरकारी सदस्य जिनमें से एक व्यक्ति पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी या तालाब विकास तथा संरक्षण के क्षेत्र में विषेषज्ञों/सामाजिक कार्यकर्ताओं मे से सदस्य होगा। हरियाणा तालाब विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण, तालाब जल तथा एस टी पी उपचार प्रवाही उपयोग स्ंायोजक प्राधिकरण की धारा 10 में यथा परिभाषित जिला तालाब प्रबन्धन अधिकारी संयोजक होंगें।  सरकार राज्य के गैर-सरकारी सदस्यों की नियुक्ति की पदाविधि का निर्णय कर सकती है। वे दो पदाविधियों से आगे पुन:- नियुक्ति के लिए पात्र नही होंगे। राज्य के गैर-सरकारी सदस्य ऐसे भत्ते प्राप्त करने के हकदार होंगे जो विहित किए जांए। 
उन्होंने बताया कि  प्राधिकरण की बैठकें छह मास में कम से कम एक बार बैठक करेगा। अध्यक्ष प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता करेगा या यदि किसी कारण से वह किसी बैठक में हाजिर हाने मे असमर्थ है, उपाध्यक्ष अध्यक्षता करेगा।  प्राधिकरण की  बैठक के लिए गणपूर्ति कुल सदस्यों की एक तिहाई होगी। इस अधिनियम द्वारा या के अधीन अभिव्यक्त रूप से जैसा उपबन्धित है उसके सिवाये, प्राधिकरण की बैठक में कार बार के संचालन के लिए पक्रिया ऐसी होगी जो नियमों द्वारा विनिर्दिष्ट की जाए। जिला परामर्ष तथा मानीटरिगं समिति छह मास में एक बार बैठक करेगी।  प्रधिकरण के कार्यों में प्राधिकरण  के कार्य ऐसे होगें  जो इस अधिनियमों के अधीन नियमों में विहित किए जाएंगे जिसमे तालाबो के विकास के लिए सर्वेक्षण तथा अध्ययन, विनियमन, नियन्त्रण, सुरक्षा, सुधार, सम्पोषण, जीर्णाद्वार, निमार्ण, पर्यावरणीय संघात निर्धारण तथा आयोजन, समेकित योजना तालाबो का अतिक्रमण हटाना, पषुओ, या प्रर्यटन के लिए तालाबो के पानी का प्रयोग तालाब जल तथा उसका उपचार जहां कही अपेक्षित हो का उपयोग तथा अवसंरचना विकसित करते हुए जैसे कि पम्पिगं मषीनरी, चैनल तथा पाईप प्रणाली द्वारा सिंचाई के प्रयोजन के लिए मलजल संयन्त्र प्रवाही का उपयोग शामिल है। अधिसूचित आद्र्र भूमी से सम्बन्धित कतिपय कार्य प्राधिकरण द्वारा किए जा सकते हैं। कोई अन्य प्रयोग नियमों में विहित किया जा सकता है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्राधिकरण से अभिप्राय है, हरियाणा तालाब विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण तालाब जल तथा एस टी पी उपचार प्रवाही उपयोग प्राधिकरण; मुख्य कार्यकारी अधिकारी से अभिप्राय है, धारा 8 के अधीन नियुक्त प्राधिकरण का मुख्य कार्यकारी अधिकारी; जिला तालाब प्रबन्धन अधिकारी से अभिप्राय है, धारा 10 के अधीन सरकार द्वारा नियुक्त प्राधिकरण का कोई अधिकारी; सरकार से अभिप्राय है, हरियाणा सरकार; ग्राम पंचायत से अभिप्राय है, हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 के अधीन ग्राम स्तर पर गठित पंचायत; उद्योग में शामिल है, कोई क्रिया या प्रक्रिया या उपचार तथा निपटान प्राणाली, जिसमे जल या कोई अन्य द्रव उपयोग किया जाता हो या मलजल बहि:स्राव या व्यवसाय बहि:स्राव उत्पन्न होता है, किन्तु इसमें कोई जल विद्युत इकाई शामिल नहीं है। उन्होंने बताया कि तालाब में शामिल है, 0.5 एकड़ या अधिक क्षेत्र वाला तालाब (टैंक) या झील या कोई अन्य आंतरिक जल निकाय, चाहे उसमे पानी हो या नहीं को ध्यान में रखे बिना, किंतु राजस्व रिकार्ड मे तालाब, टैंक के रूप में या किसी अन्य नाम से वर्णित तथा इसमे मुख्य फिडर प्रवेषिका तथा अन्य प्रेविषिकाओं, बाधों, बधारों, नहरो इत्यादि के स्रवण-क्षेत्र शामिल हैं किन्तु इसमें सरकार द्वारा अधिसूचित आद्र्र भूमियां शामिल नहीं है। इसी प्रकार, भू-दृष्य में शामिल है, सभी प्रकार के वृक्ष, झाडिय़ा, घास चाहे वे प्राकृतिक रूप से उगी हो या सौन्दर्य महत्व तथा प्राकृतिक सुन्दरता को बढाने के लिए तालाब जल निकायों में तथा उसके चारों ओर लगायी गई हो। एस टी पी से अभिप्राय है, मलजल उपचार संयत्र; भू-पृष्ठ जल में शामिल है, उपरोक्त यथा परिभाषित तालाबों की भूमि पर पाया जाने वाला जल; नियम से अभिप्राय है, इस अधिनियम की धारा 57 के अधीन बनाए गए नियम हैं।  
प्रवक्ता ने बताया कि  हरियाणा तालाब विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण, तालाब जल तथा एस टी पी उपचार प्रवाही उपयोग प्राधिकरण अधिनियम, 2017 में  प्राधिकरण का गठन किया है। उन्होंने बताया कि सरकार हरियाणा तालाब विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण, तालाब जल तथा एस टी पी उपचार प्रवाही उपयोग प्राधिकरण नामक प्राधिकरण गठित करेगी। प्राधिकरण सम्पति धारण करने के लिए इस अधिनियम के उपबन्धों के अध्यधीन शक्तियों सहित शाष्वत उतराधिकार तथा समान्य मुद्रा सहित पूर्वोक्त नाम का एक निगमित निकाय होगा तथा उक्त नाम से वाद होगा या किया जाएगा। हरियाणा तालाब विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण, तालाब जल तथा एस टी पी उपचार प्रवाही उपयोग प्राधिकरण में ये सदस्य होंगे। 
उन्होंने प्रधिकरण की शक्तियोंं के बारे में बताया कि प्राधिकरण की शक्तियां ऐसी होंगी जो नियमों में विहित की जाएं जिसमें प्रवेष करने, अनुदान, दान अंषदान तथा किराया प्राप्त कारने, फीसे या प्रचार उद्गृहीत करने, परियोजनाओं का  अनुमोदन प्रदान करने निर्देष देने, प्राधिकरण के किन्हीं कार्यो को पूरा करना नियंत्रित करना शामिल है।  अध्यक्ष की शक्तियां- अध्यक्ष प्राधिकरण का होगा तथा  प्राधिकरण की बैठकें बुलाएगा, अध्यक्षता तथा संचालन करेगा। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, उपाध्यक्ष बैठक की अध्यक्षता तथा संचालन करेगा।इस अधिनियम या इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों के अधीन उसको प्रदत्त सभी कर्तव्यों का निर्वहन करेगा तथा सभी शक्तियों का प्रयोग करेगा। इसी प्रकार,  मुख्य कार्यकारी अधिकारी – सिविल इंजीनियरिगं की योग्यता सहित सिंचाई तथा जल संसाधन या जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी के विभागाध्यक्ष के पद तथा वेतनमान से सेवारत या सेवानवृत्त कोई अधिकारी प्राधिकरण का मुख्य कर्यकारी अधिकारी होगा। प्राधिकरण तथा अध्यक्ष की साधारण शक्तियों के अध्यधीन, इस अधिनियम के उपबन्धों का कार्यन्वित करने के लिए या तत्समय लागू किसी अन्य विधि के अधीन प्राधिकरण को अधिरोपित कर्तव्यों या प्रदत्त सभी शक्तियों के कार्यान्वयन के लिए सभी शक्तियां मुख्य कार्यकारी अधिकारी में निहित होंगी तथा जो – इस अधिनियम या उसके नियमों द्वारा के अधीन या तत्समय  लागू किसी अन्य विधि के अधीन उस पर अधिरोपित सभी 9 कर्तव्यों या पालन तथा उसको प्रदत्त सभी शक्तियों का प्रयोग भी करेगा;  प्राधिकरण के संकल्पों को कार्यन्वित भी करेगा,  प्राधिकरण के सभी कार्यो का संचालन भी करेगा; ) प्राधिकरण या सरकार या किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा सोंपी गई सभी स्कीमों तथा कार्यो को मानीटर निष्पादन भी करेगा ; प्राधिकरण द्वारा यथा प्रत्यायोजित प्राधिकरण की निधि में से धनों का आहरण तथा संवितरण भी करेगा;  नियमों द्वारा यथा विहित प्राधिकरण के अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर नियन्त्रण का भी प्रयोग करेगा, प्राधिकरण की सभी अनुमतियों, आदेषों, निर्णयों, नोटिसों तथा अन्य दस्तावेजों पर अपने हस्ताक्षर से प्रमाणित भी करेगा ;  सरकार द्वारा यथा विहित ऐसी अन्य शक्तियों का प्रयोग तथा ऐसे अन्य कार्यो का निर्वहन तथा ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन भी करेगा।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की संगठनात्मक संरचना में  मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में, प्राधिकरण में प्राधिकरण के कार्यो के सम्पादन के लिए स्थापना इंजीनियरिंग, लेखा तथा विधिक अनुभाग होंगे। पद जो प्राधिकरण के कर्यो के निर्वहन के लिए आवष्यक हों सरकार के अनुमोदन से स्वीकृत होंगे। विभिन्न प्रवर्गो की सेवाओं की शर्ते इस अधिनियम के अधीन नियमों में विहित की जाएंगी।  प्राधिकरण के प्रयोग के लिए नियुक्त अधिकारियो तथा अन्य कार्मचारियों की भर्ती का ढग़, को भुगतान योग्य वेतन तथा भत्ते तथा सेवा के अन्य निबन्धन तथा शर्ते सरकार के अनुमोदन से प्राधिकरण द्वारा विहित की जाएंगी।  प्राधिकरण अधिकारियों तथा कर्मचारियों की भर्ती कर सकता है या प्रतिनियुक्ति पर या संविदात्मक नियुक्ति या किसी अन्य ढग़ से लगा सकता है जो प्रधिकरण के कार्यो के निवर्हन के लिए आवष्यक हों। प्राधिकरण सरकार के अन्य विभागों या किसी अन्य संगठनों से निक्षेप कार्यो के रूप में अपने कार्यो को पूरा कर सकता है।  जिला तालाब प्रबन्धन अधिकारी – जिला तालाब प्रबन्धन अधिकारी प्राधिकारी का अधिकारी होगा या नियमो द्वारा यथा विहित जिला स्तर पर प्रधिकरण द्वारा तैनात ग्रुप-क सेवा का  कोई अन्य अधिकारी होगा जो इस अधिनियम के अधीन शक्तियों तथा समय समय पर सरकार द्वारा यथा विनिर्दिष्ट ऐसी अन्य शक्तियों  का प्रयोग करेगा।  प्राधिकरण तथा अध्यक्ष की साधारण शक्तियों के अध्यधीन, इस अधिनियम के उपबबन्धों का कार्यन्वित करने के लिए या तत्समय लागू किसी अन्य निधि को अधीन जिला स्तर पर प्राधिकरण को अधिरोपित कर्तव्यों या प्रदत्त सभी शक्तियों के कार्यान्वयन के लिए सभी शक्तियों जिला तालाब प्रबन्धन मुख्य कार्यकारी अधिकारियों में निहित होंगी तथा जो – इस अधिनियम या उसके नियमों द्वारा के अधीन या तत्समय लागू किसी अन्य विधि के अधीन उस पर अधिरोपित सभी कर्तव्यों या पालन तथा उसको प्रयत्त सभी शक्तियों का प्रयोग भी करेगा। प्राधिकरण के संकल्पों को कार्यन्वित भी करेगा, जिला स्तर पर प्राधिकरण के सभी कार्यो या संचालन भी करेगा; प्राधिकरण या सरकार या जिला स्तर पर किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा सोंपी गई सभी स्कीमों तथा कार्यो को मानीटर निष्पादन भी करेगा ; नियमों द्वारा यथा विहित जिला स्तर पर प्राधिकरण के अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर नियन्त्रण का भी प्रयोग करे,  सरकार द्वारा यथा विहित ऐसे अन्य कार्यो का निर्वहन करेगा।
उन्होंने तालाबों की सुरक्षा के बारे में बताया कि तत्समय लागू किसी विधि में अन्तर्विष्ट किसी बात के प्रतिकूल होते हुए भी, कोई भी व्यक्ति या संस्था या संगठन (रजिस्ट्रीकृत या अरजिस्ट्रीकृत) या कम्पनी या फर्म या संघ, सरकारी विभाग, निगम या कोई स्थानीय या अन्य प्राधिकरण तथा उनकी और से अभिकर्ता या कर्मचारी या कोई व्यक्ति:-धारा 5 में वर्णित से भिन्न किसी प्रयोजन के लिए तालाब का प्रयोग नहीं करेगा; प्राधिकरण की अनुमती के बिना तालाब भूूमि पर किसी संरचना का निर्माण, किसी तालाब भूमि या उसके भाग का अधिभोग या उपरी प्रवाह तथा या अनुप्रवाह पर तालाबों मे या से जल के अन्तर्वाह या बहिर्वाह के प्राकृतिक या साधारण प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं करेगा। वाहन का प्रयोग करते हुए या अन्यथा तालाब में तथा के चारों ओर मलबे, नगरपालिका या औद्योगिक ठोस कचरे, कीचड़ या भू-मिट्टी का ढेर नहीं लगाएगा। प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से तालाब में औद्योगिक बहि:स्राव निर्वहन नहीं करेगा। प्राधिकरण की अनुमति के बिना तालाब बांध सहित तालाब क्षेत्र के भीतर सडक़ो, पुलो तथा इसी प्रकार की अन्य संरचना का निर्माण नही करेगा। प्राधिकरण द्वारा निर्मित अपषिष्ठ बंधरा (वीयर) को उसकी मूल उंचाई से कम करने या ऊपर उठाने या घेरा हटाने, सीम पत्थर या कोई होर्डिग या कोई सूचना-पट्ट हटाने सहिज बांध, अपषिष्ट बांधरा (वीयर) नहीं तोड़ेगा; तथा कोई अन्य कार्य नही करेगा जो प्रत्यक्षत: या अप्रत्यक्षत: तालाबों के लिए हानिकारक है: परन्तु इस अधिनियम की कोई भी बात प्राधिकरण को समय- समय पर तालाबों के पानी या  एस टी पी उपचारित ब्रही:स्राव के प्रयोगों को पुन: परिभषित करने से नहीं रोकेगी: परन्तु यह और कि प्राधिकरण लोक हित में उपरोक्त  निषिद्ध प्रयोगो में से किसी की अनुमति प्रदान कर सकता है।
तालाबों की भूमि का स्वामित्व के बारे में उन्होंने बताया कि तत्समय लागू किसी विधि, दस्तावेज या आदेष में दी गई किसी बात को होते हुए भी, राज्य सरकार के विभिन्न विभागो के तालाबों की भूमी का स्वामित्व प्राधिकरण मे निहित होगा: परन्तु जहां तालाबों की भूमी ग्राम पंचायत के नाम है, तो वह निरन्तर ग्राम पंचायत के नाम रहेगी। प्राधिकरण में निहित तालाबों का निर्माण तथा विकास करना – किसी विधि, दस्तावेजों या आदेष में दी गई किसी बात के होते हुए भी, राज्य के सभी तालाबों का निर्माण तथा विकास, ऐसे तालाबों मे स्थित निजि सम्पतियों के सिवाए, इस अधिनियम के प्रारम्भ से प्राधिकरण में निहित होगा। कोई भी व्यक्ति इस अधिनियम के अधीन नियमों में यथा विहित प्राधिकरण द्वारा दी गई अनुमति के अनुसार से अन्यथा किसी तालाब की सीमाओ के भीतर किसी प्रकार कोई कार्यकलाप या किसी तालाब से किसी उपज या पानी का प्रयोग या प्राप्त नहीं करेगा। इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण जब तक कोई अनुमति प्रदान नहीं करेगी जब तक उसकी सन्तुष्टि नहीं हो जाती है कि ऐसी अनुमति का तालाब के निर्माण तथा विकास पर प्रतिकूल संघात नही होगा। इस धारा के पूर्वगामी उपबन्धों में दी गई किसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार, लिखित आदेष द्वारा ऐसे प्रयोजनों के लिए जिसके लिए इस अधिनियम के प्रारम्भ से ठीक पूर्व ऐसी निकासी की सीमा तक तालाब के पानी की निकासी तथा प्रयोग अनुज्ञात कर सकती है जो तालाब के संरक्षण तथा विकास पर प्रतिकूल प्रभाव न डाले। यदि वन या पर्यावरण तथा पालिसियां या मार्गदर्षन से सम्बन्धित कोई केन्द्रीय विधि जिसमें जलचर इकोप्रणाली के संरक्षण की राष्ट्रीय योजना के लिए कोई मार्गदर्षन शामिल है केन्द्रीय सरकार द्वारा समय -समय पर जारी किए जाते, तो प्राधिकरण इस अधिनियम के अधीन नियमों में उपबन्ध करके केन्द्रीय विधि द्वारा विहित कार्य करेगी।  किसी अन्य अधिनियम में दी गई किसी बात के होते हुए भी, प्राधिकरण तालाब के निर्माण या विकास के हित में, किसी तालाब के सुरक्षित क्षेत्र या बहाव क्षेत्र के भीतर किसी निर्माण, संरचना या बाधा की किसी अन्य वस्तु को हटाने के लिए ग्राम पंचायत को निदेष दे सकता है:परन्तु कोई भी निर्माण, संरचना या बाधा की कोई अन्य वस्तु जो कोई प्राईवेट सम्पति है जब तक नहीं हटाई जाएगी तब तक-सम्पति के स्वामी तथा अधियोगी, यदि कोई हो, का सुनवाई का प्रतियुक्त अवसर नहीं दिया गया है;  सम्पति के मालिक को यदि सम्पति वैद्य है, इस प्रकार हटाने के कारण उसको हुई हानियों के लिए मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है।  इस धारा के अधीन मुवावजे की राशि अवधारित करते समय प्राधिकरण के पूर्व अनुमोदन से जिला तालाब प्रबन्धन अधिकारी समरूप सम्पति के अनिवार्य अर्जन के लिए उपबन्धित या इस अधिनियम के अधीन नियमों मे यथा विहित तत्समय लागू किसी विधि द्वारा अधिकथित उपबन्धों के अनुसार मुआवजे की राषी अवधारित करेगा। यदि इस धारा के अधीन मुआवजे का हकदार कोई व्यक्ति मुआवजे की राषी की पर्याप्ति में कोई विवाद है, तो वह जिला तालाब प्रबन्धन अधिकारी के आदेष की तिथि से नब्बे दिन के भितर क्षेत्र पर क्षेत्रिय अधिकारिता रखने वाले न्यायालय में अपील दायर कर सकता है जिसमें सम्पति स्थित है। 
 तालाब सीमाओं तथा सुरक्षित क्षेत्र की घोषणा –  राज्य सरकार राज्य पत्र में अधिसूचना द्वारा या तो उसके पास उपलब्ध सूचना आधार पर स्वप्रेरणा से या प्राधिकरण की सिफारिष पर घोषित तथा विनिर्दिष्ट कर सकती है जिसमें किसी तालाब की सीमाए ; तथा  सुरक्षित क्षेत्र के रूप में कोई व्यक्ति राजपत्र में ऐसी अधिसूचना के प्रकाषन की तिथि से दो मास के भीतर राज्य के सम्मुख विहित रीति में अपने आक्षेप या सुधार के सम्मुख विहित रीति में अपने आक्षेप या सुधार कर सकता है। प्राप्त आक्षेपों तथा सुझावों पर विचार करने के बाद या  अधिसूचना को वापस ले सकती या संषोधित कर सकती है या आक्षेपों या सुझावों जैसी भी स्थिति हो, अस्वीकार कर सकती है तथा राज्य सरकार का निर्णय अन्तिम होगा। इस धारा के अधीन जारी अधिसूचना तत्समय लागू किसी अन्य हरियाणा सरकार की विधि के होते हुए भी अभिभावी होगी।
उन्होंने सुरक्षित क्षेत्र में कर्यालयों के विनियमन  के बारे में बताया कि प्रत्येक नगर के आयोजन प्राधिकरण किसी तालाब वाले किसी क्षेत्र की स्थानिक या विकास योजना तैयार करने से पूर्व प्राधिकरण से परामर्ष करेगा तथा तालाब वाले किसी क्षेत्र के सम्बन्ध में कोई भी स्थानिक या विकास योजना प्राधिकरण के पूर्व अनुमोदन के बिना अनुमोदित या लागू नहीं की जाएंगी। विहित रीति में प्राधिकरण की पूर्ण अनुमति प्राप्त किए बिना सुरक्षित क्षेत्र में कोई भी निर्माण नहीं किया जाएगा। उप-धारा (1) तथा (2) के उपबन्धों के अध्यधीन, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, या तो उसने पास उपलब्ध सूचना के आधार पर स्वप्रेरणा से या सुरक्षित क्षेत्र में ऐसे अन्य कार्यकलाप विनिर्दिष्ट कर सकती है जो वह तालाब के निर्माण तथा विकास के लिए समीचीन सम हो, जो विहित रीति में प्राधिकरण केवल पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के बाद निषिद्ध किया जाएगा या किया जाएगा। प्राधिकरण उप-धारा (2) या (3) के अधीन कोई अनुमति प्रदान नहीं करेगा यदि इसको सन्तुष्टि हो जाती है कि ऐसी अनुमति से तालाब के निर्माण तथा विकास पर कोई प्रतिकूता संघात सम्भव्य है।
प्रवक्ता ने जब्त करने की शक्ति के बारे बताया कि किसी ऐसे अपराध का करने में प्रयुक्त कोई हथियार, औजार, मषीनीरी, यन्त्र, उपकरण, नाव, वाहन या कोई अन्य सामग्री या वस्तु ग्राम पंचायत द्वारा जब्त की जा सकती है। ग्राम सचिव हरियाणा पैचायती राज अधिनियम, 1994 के उपबन्धों के अनुरूप भी इन प्रयोजन के लिए ग्राम पंचायज की सहायता करेगा।  उप-धारा (1) के अधीन किसी सम्पति, वाहन, सामग्री या वस्तु को जब्त करने वाला ग्राम पंचायत चिहन उन पर यह सूचित करते हुए लगाएगी कि उसे इस प्रकार जब्त की गई है तथा यथाषीघ्र अपराध का विचारण करने की अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट को ऐसी जब्ती की रिपोर्ट करेगी जिसके मद्दे जब्ती की गई है। जब्ती की प्रक्रियां दण्ड प्रक्रिया संहिता,   1973 मे यथा विनिर्दिष्ट कह जाएगी। परन्तु जहां जब्त सम्पति, वाहन, सामग्री या वस्तु केन्द्रीय या सरकार या स्थानिय या अन्य प्राधिकरण से सम्बन्धित मानी जाती है या यदि अपराधी अज्ञात है, तो ग्राम पंचायत जिला तालाब प्रबन्धन अधिकारी को रिपोर्ट करेगा। 
उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर तालाब सुरक्षा, तालाब जल तथा उपचारित बहि:स्राव उपयोग समिति का गठन- यथा विहित गांव तालाब तथा/या मलजल उपचार सयन्त्र, ग्राम पंचायत के सरपंच की अध्यक्षता के अधीन तालाब सुरक्षा तथा तालाब जल तथा एस.टी.पी. उपचारित बहि:स्राव उपयोग समिति अधिनियम के उद्देश्यों को उन्नत करने के लिए गठित की जा सकती है। इस समिति में गांव स्तर के कार्यकर्ता अर्थात गांव जल तथा सफाई समिति (वी.डब्ल्यू.एस. सी) से सदस्य, आशा कार्यकर्ता, स्वयं-सहायता समूह के सदस्य, स्वच्छता दूत, लाभ उठाने वाले किसानों के प्रतिनिधि तथा गांव से अन्य स्वयंसेवक सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे जो उचित समझे जाएं। जिला मानीटरिंग समिति गांव स्तर तालाब सुरक्षा, तालाब जल तथा उपचारित बहि:स्राव उपयोग समितियों की उपलब्धियों का पुनरीक्षण करेगी। यदि कोई निधियां पूर्वोक्त समिति की सिफारिश पर जारी की जानी अपेक्षित है, तो सिफारिश पूर्वानुमानित लाभों को स्पष्ट करने की स्वीकृति के लिए प्राधिकरण को भेज सकती है। गांव स्तर तालाब सुरक्षा, तालाब जल तथा उपचारित बहि:स्राव उपयोग समिति पदाधिकारी इस अधिनियम के उद्देश्यों से सम्बन्धित  सूचना शिक्षा तथा संचार कार्यकलाप (आई ई सी) कार्यान्वित करेगे जिसके लिए उपयुक्त पारिश्रमिक इस अधिनियम के अधीन नियमों में प्राधिकरण द्वारा विनिश्चित किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि शहरीकरण, औद्योगिकीकरण तथा जनसंख्या विस्फोट के कारण तालाबो को घरेलू, औद्योगिक तथा कृषि भूमि में उपयोग में परिवर्तित किया जा रहा है। राज्य में बहुत से तालाब हैं जो कि भू-पृष्ठ जल, भू-जल संवर्धन, सिचाई, घरेलू तथा पेय जल तथा ग्रामीण उद्योगो का परम्परागत स्रोत है। इन तालाबों को विभिन्न सरकारी विभागों जैसे कि, सिंचाई, ग्रामीण विकास तथा शहरी स्थानीय निकायों इत्यादि द्वारा प्रबन्धित, सुरक्षित, संरक्षित तथा कायाकल्पित किया जाता है। चूंकि, बहुत से तालाब अतिक्रमण, विनाष या किसी अन्य कारणों के कारण गैर-क्रियाषील हो गए है।  तालाबों का ऐसा अतिक्रमण, विनाष तथा भू-जल का तेजी से नि:शेषण जल की घोर कमी का उदाहरण है तथा उसके द्वारा जलचर वनस्पति तथा जीव जन्तु प्रभावित होने के ईलावा ंिसंचाई के लिए जल की स्थानीय उपलब्धता प्रभावित होती है तथा तदनुसार इसे एक एकल (अलग) प्राधिकरण द्वारा तालाबो की सुरक्षा, संरक्षण, विकास, पुन:विकास तथा कायाकल्प करने की तत्काल आवष्यकता है चूंकि, ये तालाब समाज के लिए सामाजिक-आर्थिक संबद्धता है, उचित सांस्कृतिक आकर्षण तथा उपयुक्त तकनीकी विशेषज्ञता सहित उनके अस्तिव का जीर्णोद्वार करने की आवश्यता है।
उन्होंने बताया कि जल स्रोत सम्पूर्ण राज्य में कम हो रहे हैै, इसलिए नए तालाबों का निर्माण करने की भी तत्काल आवश्यकता है और, अब, इसलिए, तालाबों के निकटवर्ती नीचले क्षेत्रों मे बाढ़ के परिणामिक तालाब के जल का विकास, सुरक्षा, कायाकल्प, संरक्षण तथा प्रबन्धन, उपयोग तथा सिंचाई के प्रयोजन के लिए मलजल उपचार संयन्त्रों के उपचारित बहि:स्राव के उपयोग के उद्देष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक शक्तियों तथा कार्यों वाला तालाब विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण, तालाब जल तथा एस टी पी उपचार बहि:स्राव उपयोग प्राधिकरण की स्थापना करने के लिए उपबन्ध करना समीचीन है जिससें भू-जल नि:षेषण तथा उससे सम्बन्धित या उससे आनुष्ंगिक अन्य मामलों के दबाव को कम हो सके। केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के उपबन्धों के अनुसार सिंचाई (जल की श्रेणी-ई) के लिए नामित बेहतर उपयोग का जल गुण मापदण्ड, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा यथा विहित सिंचाई प्रयोग के लिए साधारण प्रर्यावरण मानक तालाब जल गुण को नियन्त्रित करेगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य में धारा 2 के पैरा-छ यथा परिभाषित सभी तालाबों को लागू होगा। यह 0.5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों को लागू नहीं होता है। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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